ITR Filing: अगर आप टैक्सपेयर हैं तो ये जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। इस आखिरी तारीख को याद कर लें। हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न के नियमों और फॉर्म में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप गलतियों से बच सकें और पेनाल्टी का शिकार न हों।
सही ITR फॉर्म चुनना पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम हैआयकर विभाग ने अलग-अलग आय वर्ग के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म जारी किए हैं। सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आपकी आय और प्रोफ़ाइल के हिसाब से कौन सा फॉर्म भरना चाहिए।
ITR-1: वेतनभोगी व्यक्तियों, पेंशनभोगियों और छोटे करदाताओं के लिए
आईटीआर-4: व्यवसाय या पेशे से आय वाले लोगों के लिए
ITR-7: ट्रस्टों या धर्मार्थ संस्थाओं के लिए
यदि आपको इस बात पर संदेह है कि कौन सा फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है, तो किसी कर सलाहकार की मदद लेना बेहतर होगा।
ITR Filing Last Date: आईटीआर फॉर्म में बदलावइस साल कुछ ऐसे बदलाव किए गए हैं जिससे करदाताओं को राहत मिली है। अब वे लोग जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 1.25 लाख रुपये से कम है, वे भी ITR-1 या ITR-4 का इस्तेमाल कर सकते हैं। पहले इस स्थिति में ITR-2 भरना पड़ता था। यह खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी आय सैलरी या छोटे कारोबार से होती है।
कौन बेहतर है, पुरानी या नई कर प्रणाली?अब करदाताओं के पास आईटीआर दाखिल करने के लिए दो विकल्प हैं।
पुरानी कर व्यवस्था: जहां विभिन्न प्रकार की छूट और कटौतियां उपलब्ध हैं।
नई कर व्यवस्था: जहां कर दरें कम हैं, लेकिन कोई छूट नहीं है।
रिटर्न दाखिल करते समय आप इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। अगर आपने वित्त वर्ष की शुरुआत में कोई विकल्प चुना था, तो अब उसे बदलना संभव है।
छोटी आय को नज़रअंदाज़ न करेंकई बार हम बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज या किसी छोटे निवेश से होने वाली आय को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन, आयकर विभाग के मुताबिक, हर आय मायने रखती है। इसमें कई चीजें शामिल हैं।
- बैंक ब्याज
- किराये या उपहार से आय
- किसी भी निवेश से आय
इन सभी स्रोतों का सही विवरण देना महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में कोई नोटिस या जुर्माना न आए।
समय पर आवेदन दाखिल करके दंड और जुर्माने से बचेंअगर आप 31 जुलाई 2025 तक ITR दाखिल नहीं करते हैं तो आपको लेट फीस और पेनाल्टी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही टैक्स रिफंड में भी देरी हो सकती है। इसलिए समय रहते दस्तावेज जुटा लें और ITR दाखिल कर दें।
आईटीआर फाइलिंग को गंभीरता से लेंआयकर रिटर्न दाखिल करना न केवल एक कानूनी आवश्यकता है, बल्कि आपकी वित्तीय जिम्मेदारी भी है। सही जानकारी, सही फॉर्म और समय पर दाखिल करने से आप कानून का पालन करते हैं और भविष्य में टैक्स संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं।
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