वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में देवस्थान को सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है। यदि आप घर में देवरा बनाते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करेंगे तो आपके जीवन में सकारात्मकता आएगी। जैसे, घर की दीवारों पर मूर्तियों की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए और किस देवता की मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए? आइए विस्तार से जानें घरेलू कामों से जुड़े नियम क्या हैं।
घर की दीवारों पर रखी जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए?वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दीवारों पर रखी मूर्तियों का सीधा संबंध सकारात्मक ऊर्जा से होता है। अगर आपके घर में नकारात्मक शक्तियां हैं या घर में अक्सर तनाव रहता है तो आपको अपने घर की दीवार पर हनुमानजी की मूर्ति रखनी चाहिए। अगर घर की दीवारों पर लगाई जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई की बात करें तो घर की दीवारों पर 3 से 6 इंच की ऊंचाई वाली मूर्तियां जरूर लगानी चाहिए। भगवान की छोटी मूर्तियों में भी ऊर्जा का प्रवाह एक समान होता है। वहीं, अगर आपके घर की दीवार मध्यम आकार की या बड़ी है, तो आप घर में 12 से 18 इंच की ऊंचाई वाली मूर्तियां भी लगा सकते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दीवार में 24 इंच से अधिक ऊंचाई वाली मूर्तियां नहीं लगानी चाहिए।
मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए?
यदि आप भगवान की मूर्तियों को ऐसे स्थान पर स्थापित करना चाहते हैं जहां सकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक हो, तो आपको घर में मूर्तियों को पूर्व-पश्चिम दिशा में स्थापित करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। वहीं, पूजा करते समय आपकी पीठ पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। इसके अलावा आप उत्तर पूर्व दिशा में भी भगवान की मूर्तियां स्थापित कर सकते हैं।
मूर्तियों को कभी भी दीवारों के पास नहीं रखना चाहिए।घर की दीवारों पर भगवान की मूर्तियां स्थापित करने का एक मुख्य नियम यह है कि मूर्तियों की पीठ सीधे दीवार से नहीं लगानी चाहिए। आपके घर का मंदिर सीमेंट की स्लैब पर या लकड़ी से बना हो सकता है, लेकिन भगवान की मूर्ति को केवल सामने की ओर ही रखें।
जब आप अपने घर के मंदिर में भगवान की मूर्ति स्थापित करें तो ध्यान रखें कि मूर्ति का पिछला हिस्सा दीवार से नहीं छूना चाहिए, यानी मूर्ति दीवार से चिपकी हुई नहीं होनी चाहिए। मूर्ति को आमने-सामने रखें।
ऐसी मूर्तियां मंदिर में न रखें।
अपने घर की दीवारों पर भगवान की मूर्तियां लगाते समय ध्यान रखें कि वे टूटी हुई न हों।
इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि भगवान की मूर्तियां शांत और स्थिर स्थिति में होनी चाहिए।
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