नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में पहुंच चुकी है, जहां उसका सामना साउथ अफ्रीका की मजबूत टीम से होना है। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार जीत के बावजूद, टीम इंडिया को खिताबी मुकाबले में कुछ कमजोरियों से बचकर रहने की जरूरत है। यह फाइनल मैच 2 नवंबर को नवी मुंबई के डॉ. डी. वाई. पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में खेला जाएगा। ऐसे में आइए आपको इस मुकाबले से पहले टीम इंडिया की पांच कमजोर कड़ियों के बारे में बताता हूं।
यहां 5 ऐसी संभावित कमजोर कड़ियां हैं जिन पर भारतीय टीम को ध्यान देना होगा:
1. लोअर मिडिल ऑर्डर की अस्थिरता
सेमीफाइनल में जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल जैसे बड़े मंच पर अगर टॉप ऑर्डर जल्दी लड़खड़ाता है, तो निचले मध्यक्रम को बड़ी पारी खेलनी होगी। टीम इंडिया का निचले क्रम का प्रदर्शन कभी-कभी अस्थिर रहा है। साउथ अफ्रीका के पास मरीजैन कप्प और क्लो ट्रायॉन जैसी अनुभवी और आक्रामक गेंदबाज हैं, जो निचले क्रम को जल्दी समेट सकती हैं।
2. साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया वर्ल्ड कप रिकॉर्ड
फाइनल से पहले एक बड़ी चुनौती वह रिकॉर्ड है जहाँ भारतीय टीम पिछले 20 साल से वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका को हरा नहीं पाई है। वर्ल्ड कप इतिहास में दोनों टीमों के बीच भारत को आखिरी जीत 2005 में मिली थी। मौजूदा वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में भी साउथ अफ्रीका ने भारत को 3 विकेट से हराया था। यह 20 साल पुराना रिकॉर्ड फाइनल में एक बड़ा मानसिक दबाव बना सकता है।
3. ओपनिंग स्लॉट में बदलाव
टूर्नामेंट के दौरान ओपनिंग स्लॉट में बदलाव देखने को मिले हैं, प्रतिका रावल की चोट के बाद शैफाली वर्मा की वापसी। ओपनिंग साझेदारी की स्थिरता फाइनल में बहुत जरूरी होगी, खासकर साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने। शैफाली वर्मा का वनडे में स्ट्राइक रेट अच्छा है, लेकिन उन्हें फाइनल के दबाव में एक बड़ी और सधी हुई पारी खेलनी होगी।
4. बड़े स्कोर को डिफेंड करने का दबाव
सेमीफाइनल में भारत ने रिकॉर्ड चेज किया, लेकिन फाइनल में अगर भारत पहले बल्लेबाजी करता है, तो साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट और नादिन डी क्लार्क जैसी बल्लेबाजों के सामने बड़े स्कोर को डिफेंड करने का दबाव होगा। भारतीय गेंदबाजों को डेथ ओवरों में अपनी लाइन और लेंथ पर अधिक नियंत्रण रखना होगा।
5. मौसम भी है टेंशन
फाइनल मैच नवी मुंबई में खेला जाएगा और यहां बारिश का खतरा मंडरा रहा है। बारिश से मैच बाधित होने पर खेल के नियमों में बदलाव आ सकता है जैसे कि डकवर्थ-लुईस। टीम इंडिया को इन सब के लिए भी तैयार रहना होगा।
यहां 5 ऐसी संभावित कमजोर कड़ियां हैं जिन पर भारतीय टीम को ध्यान देना होगा:
1. लोअर मिडिल ऑर्डर की अस्थिरता
सेमीफाइनल में जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल जैसे बड़े मंच पर अगर टॉप ऑर्डर जल्दी लड़खड़ाता है, तो निचले मध्यक्रम को बड़ी पारी खेलनी होगी। टीम इंडिया का निचले क्रम का प्रदर्शन कभी-कभी अस्थिर रहा है। साउथ अफ्रीका के पास मरीजैन कप्प और क्लो ट्रायॉन जैसी अनुभवी और आक्रामक गेंदबाज हैं, जो निचले क्रम को जल्दी समेट सकती हैं।
2. साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया वर्ल्ड कप रिकॉर्ड
फाइनल से पहले एक बड़ी चुनौती वह रिकॉर्ड है जहाँ भारतीय टीम पिछले 20 साल से वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका को हरा नहीं पाई है। वर्ल्ड कप इतिहास में दोनों टीमों के बीच भारत को आखिरी जीत 2005 में मिली थी। मौजूदा वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में भी साउथ अफ्रीका ने भारत को 3 विकेट से हराया था। यह 20 साल पुराना रिकॉर्ड फाइनल में एक बड़ा मानसिक दबाव बना सकता है।
3. ओपनिंग स्लॉट में बदलाव
टूर्नामेंट के दौरान ओपनिंग स्लॉट में बदलाव देखने को मिले हैं, प्रतिका रावल की चोट के बाद शैफाली वर्मा की वापसी। ओपनिंग साझेदारी की स्थिरता फाइनल में बहुत जरूरी होगी, खासकर साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने। शैफाली वर्मा का वनडे में स्ट्राइक रेट अच्छा है, लेकिन उन्हें फाइनल के दबाव में एक बड़ी और सधी हुई पारी खेलनी होगी।
4. बड़े स्कोर को डिफेंड करने का दबाव
सेमीफाइनल में भारत ने रिकॉर्ड चेज किया, लेकिन फाइनल में अगर भारत पहले बल्लेबाजी करता है, तो साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट और नादिन डी क्लार्क जैसी बल्लेबाजों के सामने बड़े स्कोर को डिफेंड करने का दबाव होगा। भारतीय गेंदबाजों को डेथ ओवरों में अपनी लाइन और लेंथ पर अधिक नियंत्रण रखना होगा।
5. मौसम भी है टेंशन
फाइनल मैच नवी मुंबई में खेला जाएगा और यहां बारिश का खतरा मंडरा रहा है। बारिश से मैच बाधित होने पर खेल के नियमों में बदलाव आ सकता है जैसे कि डकवर्थ-लुईस। टीम इंडिया को इन सब के लिए भी तैयार रहना होगा।
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