दुबई: रूस के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर Su-57 का नया प्रोमोशनल वीडियो जारी किया गया है। इस वीडियो ने डिफेंस एक्सपर्ट्स के बीच हलचल मचा दी है। वीडियो में रूसी स्टील्थ फाइटर जेट आसमान में करतब करता नजर आ रहा है। इस वीडियो ने अटकलों को हवा दी है कि यह विमान 17 नवंबर से शुरू होने वाले दुबई एयर शो की तैयारी कर रहा है। वीडियो में 509 टेल नंबर वाले Su-57 को जबरदस्त एरियल मैन्युवर्स और बम बे डोर खुले हुए उड़ते देखा गया। इसी वजह से यह अटकलें तेज हो गईं कि विमान 17 नवंबर से शुरू हो रहे दुबई एयर शो 2025 में एयर डेमो करने जा रहा है।
रूस के यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन यानि UAC ने 9 नवंबर को इस वीडियो को जारी किया है और लिखा है कि "डिजाइनर की बुद्धिमत्ता, पायलट की क्षमता, शक्ति और सुंदरता, तकनीक और श्रेष्ठता। जल्द ही कई लोग इसकी तारीफ करेंगे।" यह पहली बार है जब Su-57 को उड़ान के दौरान अपने इंटरनल और एक्सटर्नल मिसाइल बे दिखाते देखा गया, जिसमें R-37 और R-74M मिसाइलें शामिल थीं। इसका मतलब है कि रूस ये दिखा रहा है कि ये विमान अपने पेट के अंदर और पेट के बाहर भी घातक मिसाइलें ले जा सकता है, जिससे इसकी मारक क्षमता के बारे में पता चलता है। वहीं एक और दिलचस्प बात ये है कि अक्टूबर 2025 में विमान के इंटरनल बे में रखे गये हथियारों के बारे में पहली बार पता चला था।
दुबई एयर शो में जलवा दिखाएगा रूसी स्टील्थ जेट?
दुबई एयर शो में Su-57 की भागीदारी की पुष्टि फिलहाल ना तो रूसी रक्षा मंत्रालय ने ही की है और ना ही दुबई एयर शो की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है। लेकिन टाइमिंग ने अटकलों को हवा दे दी है। यह वही विमान है जिसने पहली बार 2024 में चायना एयर शो में हिस्सा लिया था और फिर 2025 में एयरो इंडिया में शानदार हवाई प्रदर्शन किया था। दोनों मौकों पर इसके पायलट सर्गेई बोगदान को दर्शकों ने स्टैंडिंग ओवेशन दिया था। भारत में F-35 और Su-57 की एकसाथ उड़ान ने उस इवेंट को ऐतिहासिक बना दिया था। अब जब रूस दुबई में अपने फिफ्थ-जेनरेशन जेट को प्रमोट करने की तैयारी में है, तो इसे एक बड़े एक्सपोर्ट पिच के तौर पर भी देखा जा रहा है। यानि रूस इसे बेचने के लिए हाथ पांव मार रहा है।
इसीलिए सवाल उठ रहे हैं कि क्या रूस के इस फाइटर जेट को कोई खरीदेगा? रूस भारत को बार बार भारत को सौ फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सोर्स कोड देने का ऑफर दे रहा है। हालांकि भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। रूस भारत को इस विमान की पेशकश कर रहा है, ज्वाइंट प्रोडक्शन के साथ साथ, Su-30MKI के अपग्रेडेशन और भारत के अपने पांचवीं पीढ़ी के विमान, AMCA में भी मदद का वादा कर रहा है। भारत से अनुबंध मिलने की उम्मीद में, वह भारत में Su-57 का उत्पादन स्थापित करने के लिए निवेश योजनाओं पर विचार कर रहा था। लेकिन सितंबर 2025 में 114 राफेल खरीदने के भारतीय वायु सेना (IAF) के प्रस्ताव ने शायद रूस को बड़ा झटका दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं है।
क्या दुबई एयरशो से बदलेगी किस्मत?
रूस दावा करता है कि Su-57 अब भी अपने डेवलपमेंट के एडवांस स्टेज में है और उसका फुल स्केल प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है, लेकिन पिछले पांच सालों में एक भी बड़ा विदेशी ऑर्डर रूस को इस फाइटर जेट के लिए नहीं मिला है। जिससे इसकी मार्केट पोजिशन कमजोर हुई है। SIPRI की 2025 रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की हथियार निर्यात हिस्सेदारी 64% घट चुकी है और अब वो अमेरिका, चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि दुबई एयरशो रूस के लिए आखिरी मौका हो सकता है। अगर दुबई एयरशो में इसने अपने प्रदर्शन से डिफेंस की दुनिया के लोगों को चौंकाने में कामयाब रहा तो इसकी बिक्री बढ़ सकती है, अन्यथा लड़ाकू विमानों की दुनिया से रूस की विदाई हो सकती है और उसकी जगह चीन ले लेगा।
रूस के यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन यानि UAC ने 9 नवंबर को इस वीडियो को जारी किया है और लिखा है कि "डिजाइनर की बुद्धिमत्ता, पायलट की क्षमता, शक्ति और सुंदरता, तकनीक और श्रेष्ठता। जल्द ही कई लोग इसकी तारीफ करेंगे।" यह पहली बार है जब Su-57 को उड़ान के दौरान अपने इंटरनल और एक्सटर्नल मिसाइल बे दिखाते देखा गया, जिसमें R-37 और R-74M मिसाइलें शामिल थीं। इसका मतलब है कि रूस ये दिखा रहा है कि ये विमान अपने पेट के अंदर और पेट के बाहर भी घातक मिसाइलें ले जा सकता है, जिससे इसकी मारक क्षमता के बारे में पता चलता है। वहीं एक और दिलचस्प बात ये है कि अक्टूबर 2025 में विमान के इंटरनल बे में रखे गये हथियारों के बारे में पहली बार पता चला था।
दुबई एयर शो में जलवा दिखाएगा रूसी स्टील्थ जेट?
दुबई एयर शो में Su-57 की भागीदारी की पुष्टि फिलहाल ना तो रूसी रक्षा मंत्रालय ने ही की है और ना ही दुबई एयर शो की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है। लेकिन टाइमिंग ने अटकलों को हवा दे दी है। यह वही विमान है जिसने पहली बार 2024 में चायना एयर शो में हिस्सा लिया था और फिर 2025 में एयरो इंडिया में शानदार हवाई प्रदर्शन किया था। दोनों मौकों पर इसके पायलट सर्गेई बोगदान को दर्शकों ने स्टैंडिंग ओवेशन दिया था। भारत में F-35 और Su-57 की एकसाथ उड़ान ने उस इवेंट को ऐतिहासिक बना दिया था। अब जब रूस दुबई में अपने फिफ्थ-जेनरेशन जेट को प्रमोट करने की तैयारी में है, तो इसे एक बड़े एक्सपोर्ट पिच के तौर पर भी देखा जा रहा है। यानि रूस इसे बेचने के लिए हाथ पांव मार रहा है।
इसीलिए सवाल उठ रहे हैं कि क्या रूस के इस फाइटर जेट को कोई खरीदेगा? रूस भारत को बार बार भारत को सौ फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सोर्स कोड देने का ऑफर दे रहा है। हालांकि भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। रूस भारत को इस विमान की पेशकश कर रहा है, ज्वाइंट प्रोडक्शन के साथ साथ, Su-30MKI के अपग्रेडेशन और भारत के अपने पांचवीं पीढ़ी के विमान, AMCA में भी मदद का वादा कर रहा है। भारत से अनुबंध मिलने की उम्मीद में, वह भारत में Su-57 का उत्पादन स्थापित करने के लिए निवेश योजनाओं पर विचार कर रहा था। लेकिन सितंबर 2025 में 114 राफेल खरीदने के भारतीय वायु सेना (IAF) के प्रस्ताव ने शायद रूस को बड़ा झटका दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं है।
क्या दुबई एयरशो से बदलेगी किस्मत?
रूस दावा करता है कि Su-57 अब भी अपने डेवलपमेंट के एडवांस स्टेज में है और उसका फुल स्केल प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है, लेकिन पिछले पांच सालों में एक भी बड़ा विदेशी ऑर्डर रूस को इस फाइटर जेट के लिए नहीं मिला है। जिससे इसकी मार्केट पोजिशन कमजोर हुई है। SIPRI की 2025 रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की हथियार निर्यात हिस्सेदारी 64% घट चुकी है और अब वो अमेरिका, चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि दुबई एयरशो रूस के लिए आखिरी मौका हो सकता है। अगर दुबई एयरशो में इसने अपने प्रदर्शन से डिफेंस की दुनिया के लोगों को चौंकाने में कामयाब रहा तो इसकी बिक्री बढ़ सकती है, अन्यथा लड़ाकू विमानों की दुनिया से रूस की विदाई हो सकती है और उसकी जगह चीन ले लेगा।
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