इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने ब्रिक्स समर्थित न्यू डेवलपमेंट बैंक में शामिल होने के लिए चीन से समर्थन मांगा है। पाकिस्तान की ओर से चीन से ये मदद ऐसे समय मांगी गई है, जब उसकी अर्थव्यवस्था संकट में है और देश नकदी की कमी का सामना कर रहा है। पाकिस्तान को ब्रिक्स बैंक में एंट्री मिलती है तो उसके लिए नए कर्ज के रास्ते खुल जाएंगे। हालांकि पाकिस्तान की ब्रिक्स बैंक में एंट्री के लिए भारत के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, जो इस समूह का अहम सदस्य है। भारत और पाकिस्तान के संबंध बीते कुछ महीनों से बेहद तनावपूर्ण हैं।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) में शामिल करने के लिए चीन से समर्थन मिल सकता है। बैंक के संस्थापक सदस्य भारत की ओर से इसका विरोध होना तय माना जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान फिलहाल चीन की शरण में पहुंचा है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने 2015 मे एनडीबी का गठन किया था। बैंक के इन पांच में से चार संस्थापक सदस्यों को समर्थन जुटाने की चुनौती पाकिस्तान के सामने है।
ब्रिक्स बैंक में हिस्सेदारीबैंक में संस्थापक सदस्यों यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की बराबर-बराबर 18.76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। समूह के नए सदस्यों में मिस्र के पास 2.24, बांग्लादेश के पास 1.77, अल्जीरिया पर 1.15 और संयुक्त अरब अमीरात के पास 1.04 प्रतिशत की छोटी हिस्सेदारी है। शंघाई स्थित एनडीबी उभरते बाजारों में विकास परियोजनाओं को फंडिंग करता है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर इस बैंक पर जमी है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में चीनी उप वित्त मंत्री लियाओ मिन से मुलाकात की है। इस दौरान औरंगजेब ने चीनी मंत्री से एनडीबी की सदस्यता के लिए बीजिंग के समर्थन का अनुरोध किया। पाकिस्तान का मानना है कि चीन जैसे शक्तिशाली देश का समर्थन उसकी बैंक में एंट्री करा सकता है। ऐसे में वह लगातार चीन की चापलूसी में लगा हुआ है।
चीन करेगा समर्थन!निक्केई एशिया ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया कि इस्लामाबाद ने इस साल की शुरुआत में एनडीबी की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।फिलहाल उसका आवेदन समीक्षाधीन है। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड परियोजनाओं में चुनौतियों के बावजूद बीजिंग पाकिस्तान के प्रवेश के प्रयास का समर्थन करेगा। चीन ने पाकिस्तान में भारी-भरकम निवेश किया है।
एनडीबी सदस्यता पाकिस्तान के लिए कर्ज के नए रास्ते खोलेगी। इससे पाकिस्तान की आईएमएफ और विश्व बैंक पर निर्भरता कम होगी। एनडीबी में शामिल होने के लिए किसी देश को पांच संस्थापक सदस्यों में से चार की मंजूरी चाहिए। भारत लंबे समय से ब्रिक्स मंचों में पाकिस्तान की भागीदारी का विरोध कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका पर है।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) में शामिल करने के लिए चीन से समर्थन मिल सकता है। बैंक के संस्थापक सदस्य भारत की ओर से इसका विरोध होना तय माना जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान फिलहाल चीन की शरण में पहुंचा है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने 2015 मे एनडीबी का गठन किया था। बैंक के इन पांच में से चार संस्थापक सदस्यों को समर्थन जुटाने की चुनौती पाकिस्तान के सामने है।
ब्रिक्स बैंक में हिस्सेदारीबैंक में संस्थापक सदस्यों यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की बराबर-बराबर 18.76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। समूह के नए सदस्यों में मिस्र के पास 2.24, बांग्लादेश के पास 1.77, अल्जीरिया पर 1.15 और संयुक्त अरब अमीरात के पास 1.04 प्रतिशत की छोटी हिस्सेदारी है। शंघाई स्थित एनडीबी उभरते बाजारों में विकास परियोजनाओं को फंडिंग करता है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर इस बैंक पर जमी है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में चीनी उप वित्त मंत्री लियाओ मिन से मुलाकात की है। इस दौरान औरंगजेब ने चीनी मंत्री से एनडीबी की सदस्यता के लिए बीजिंग के समर्थन का अनुरोध किया। पाकिस्तान का मानना है कि चीन जैसे शक्तिशाली देश का समर्थन उसकी बैंक में एंट्री करा सकता है। ऐसे में वह लगातार चीन की चापलूसी में लगा हुआ है।
चीन करेगा समर्थन!निक्केई एशिया ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया कि इस्लामाबाद ने इस साल की शुरुआत में एनडीबी की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।फिलहाल उसका आवेदन समीक्षाधीन है। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड परियोजनाओं में चुनौतियों के बावजूद बीजिंग पाकिस्तान के प्रवेश के प्रयास का समर्थन करेगा। चीन ने पाकिस्तान में भारी-भरकम निवेश किया है।
एनडीबी सदस्यता पाकिस्तान के लिए कर्ज के नए रास्ते खोलेगी। इससे पाकिस्तान की आईएमएफ और विश्व बैंक पर निर्भरता कम होगी। एनडीबी में शामिल होने के लिए किसी देश को पांच संस्थापक सदस्यों में से चार की मंजूरी चाहिए। भारत लंबे समय से ब्रिक्स मंचों में पाकिस्तान की भागीदारी का विरोध कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की नजर चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका पर है।
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