नई दिल्लीः दिल्ली के लाल किला के पास ब्लास्ट को लेकर फिदायीन हमले की आशंका जाहिर की जा रही है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि लाल किले के बाहर सोमवार शाम हुई कार ब्लास्ट को लेकर जांच एजेंसियों का शक है कि यह एक फिदायीन यानी आत्मघातीआतंकी हमला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह धमाका फरीदाबाद के उस संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है, जिसे पिछले हफ्ते पकड़ा गया था। बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे डॉक्टर मोहम्मद उमर का हाथ हो सकता है, जो उस मॉड्यूल का अहम सदस्य है।
मुख्य आरोपी से घबरा गया था डॉ उमरः पुलिस सूत्र
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद उसका साथी डॉक्टर मोहम्मद उमर घबरा गया था। माना जा रहा है कि इसी वजह से उमर ने जानबूझकर अपनी हुंडई i20 कार में रखे विस्फोटक को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास उड़ाया। इस धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।
शुरुआती जांच में क्या क्या आया सामने?शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि यह हमला फिदायीन यानी आत्मघाती हमले जैसा था। जांच में पता चला है कि कार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक के नाम पर खरीदी गई थी, जिसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसका फरीदाबाद मॉड्यूल से क्या संबंध था, जिसे इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार में विस्फोटक पहले से ही लगाया गया था और उसे भीड़भाड़ वाले इलाके में ले जाया गया। शाम करीब 6:52 बजे कार में धमाका हुआ, जिससे आसपास खड़ी गाड़ियां भी आग की लपटों में घिर गईं। चश्मदीदों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि सड़क की लाइटें बुझ गईं और आग की लपटें कई फीट ऊपर तक उठीं।
क्या डॉ. उमर ने खुद को उड़ा लिया?खुफिया सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर मोहम्मद उमर उस वक्त कार में मौजूद था जब विस्फोट हुआ। सीसीटीवी फुटेज में उसे धमाके से कुछ घंटे पहले उसी कार में देखा गया है। माना जा रहा है कि वह कार में अकेला था और वहीं उसकी मौत हुई। सूत्रों के मुताबिक, उमर ने यह हमला अपने दो साथियों के साथ मिलकर प्लान किया था। जब उसके साथी मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी हुई, तो उसे लगा कि अब मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने आत्मघाती हमले का रास्ता चुना। बताया जा रहा है कि उमर और उसके साथियों ने कार में डिटोनेटर लगाकर धमाका किया। जांच एजेंसियों को शक है कि इसमें अमोनियम नाइट्रेड फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जो औद्योगिक ब्लास्ट में आमतौर पर इस्तेमाल होता है।
विस्फोट में नाइट्रेट्स का हुआ इस्तेमालः दावाएनएसजी और फॉरेंसिक टीमों ने मौके से विस्फोटक के अवशेष इकट्ठा कर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि इसमें नाइट्रेट्स या TNT जैसे पदार्थों का इस्तेमाल हुआ था। यह धमाका उस समय हुआ जब पुलिस ने कुछ घंटे पहले ही फरीदाबाद में एक अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा था। पुलिस ने उस ऑपरेशन में 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और करीब 2,500 किलो विस्फोटक केमिकल बरामद किए थे। अधिकारियों का कहना है कि यही नेटवर्क दिल्ली में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था।
कार में मिली लाश का होगा डीएनए टेस्टपुलिस ने बताया कि कार में मिली जली हुई लाश का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा ताकि यह पक्का हो सके कि वह उमर की ही है। उमर पिछले कई महीनों से फरार था और उस पर उत्तर भारत में टेरर फंडिंग और हथियारों की तस्करी के कई मामले दर्ज थे।
फरीदाबाद मॉड्यूल कनेक्शन की जांच
जांच में पता चला है कि फरीदाबाद का यह आतंकी नेटवर्क लाल किला धमाके की साजिश और सामग्री जुटाने में अहम भूमिका निभा रहा था। मॉड्यूल के एक सदस्य, पुलवामा निवासी तारिक ने वह i20 कार खरीदी थी जो बाद में उमर के पास पहुंची। रिकॉर्ड से पता चला है कि कार कई लोगों के हाथों से गुजरी। पहले मोहम्मद सलमान से नादिम को, फिर फरीदाबाद के एक सेकंड-हैंड कार डीलर 'रॉयल कार जोन' को, और आखिर में तारिक से उमर को। यह सब लेन-देन अब जांच के घेरे में हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि कार की पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया गया।
मुख्य आरोपी से घबरा गया था डॉ उमरः पुलिस सूत्र
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद उसका साथी डॉक्टर मोहम्मद उमर घबरा गया था। माना जा रहा है कि इसी वजह से उमर ने जानबूझकर अपनी हुंडई i20 कार में रखे विस्फोटक को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास उड़ाया। इस धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।
शुरुआती जांच में क्या क्या आया सामने?शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि यह हमला फिदायीन यानी आत्मघाती हमले जैसा था। जांच में पता चला है कि कार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक के नाम पर खरीदी गई थी, जिसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसका फरीदाबाद मॉड्यूल से क्या संबंध था, जिसे इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार में विस्फोटक पहले से ही लगाया गया था और उसे भीड़भाड़ वाले इलाके में ले जाया गया। शाम करीब 6:52 बजे कार में धमाका हुआ, जिससे आसपास खड़ी गाड़ियां भी आग की लपटों में घिर गईं। चश्मदीदों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि सड़क की लाइटें बुझ गईं और आग की लपटें कई फीट ऊपर तक उठीं।
क्या डॉ. उमर ने खुद को उड़ा लिया?खुफिया सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर मोहम्मद उमर उस वक्त कार में मौजूद था जब विस्फोट हुआ। सीसीटीवी फुटेज में उसे धमाके से कुछ घंटे पहले उसी कार में देखा गया है। माना जा रहा है कि वह कार में अकेला था और वहीं उसकी मौत हुई। सूत्रों के मुताबिक, उमर ने यह हमला अपने दो साथियों के साथ मिलकर प्लान किया था। जब उसके साथी मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी हुई, तो उसे लगा कि अब मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने आत्मघाती हमले का रास्ता चुना। बताया जा रहा है कि उमर और उसके साथियों ने कार में डिटोनेटर लगाकर धमाका किया। जांच एजेंसियों को शक है कि इसमें अमोनियम नाइट्रेड फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जो औद्योगिक ब्लास्ट में आमतौर पर इस्तेमाल होता है।
विस्फोट में नाइट्रेट्स का हुआ इस्तेमालः दावाएनएसजी और फॉरेंसिक टीमों ने मौके से विस्फोटक के अवशेष इकट्ठा कर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि इसमें नाइट्रेट्स या TNT जैसे पदार्थों का इस्तेमाल हुआ था। यह धमाका उस समय हुआ जब पुलिस ने कुछ घंटे पहले ही फरीदाबाद में एक अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा था। पुलिस ने उस ऑपरेशन में 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और करीब 2,500 किलो विस्फोटक केमिकल बरामद किए थे। अधिकारियों का कहना है कि यही नेटवर्क दिल्ली में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था।
कार में मिली लाश का होगा डीएनए टेस्टपुलिस ने बताया कि कार में मिली जली हुई लाश का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा ताकि यह पक्का हो सके कि वह उमर की ही है। उमर पिछले कई महीनों से फरार था और उस पर उत्तर भारत में टेरर फंडिंग और हथियारों की तस्करी के कई मामले दर्ज थे।
फरीदाबाद मॉड्यूल कनेक्शन की जांच
जांच में पता चला है कि फरीदाबाद का यह आतंकी नेटवर्क लाल किला धमाके की साजिश और सामग्री जुटाने में अहम भूमिका निभा रहा था। मॉड्यूल के एक सदस्य, पुलवामा निवासी तारिक ने वह i20 कार खरीदी थी जो बाद में उमर के पास पहुंची। रिकॉर्ड से पता चला है कि कार कई लोगों के हाथों से गुजरी। पहले मोहम्मद सलमान से नादिम को, फिर फरीदाबाद के एक सेकंड-हैंड कार डीलर 'रॉयल कार जोन' को, और आखिर में तारिक से उमर को। यह सब लेन-देन अब जांच के घेरे में हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि कार की पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया गया।
You may also like

PM Modi Degree: पीएम मोदी की डिग्री पर दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई , AAP नेता संजय सिंह ने डाली थी अपील

इकलौता बल्लेबाज, जिसने भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज में छुआ 500 रन का आंकड़ा

महंगी फेयरनेस क्रीमे हुई फेल? चेहरे पर जरा भी ग्लो नहीं, रोजाना गर्म पानी में डालकर पिएं 1 चीज, चमकेगा चेहरा

पद्म भूषण बीएन सुरेश : किसान का बेटा जो गांव की मिट्टी से निकला और तारे छूने वाला रॉकेट बनाता रहा

साइबर जालसाज़ों ने की व्यापारी से 53 लाख की ठगी...




