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Axiom 4 Mission: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी पर रोने लगीं मां आशा, पिता हिम्मत देते नजर आए

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: अंतरिक्ष की असीम ऊंचाइयों को छूकर, लखनऊ के बेटे और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। Axiom-4 मिशन के तहत उन्होंने और उनके दल ने 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहकर भारत का परचम अंतरिक्ष में फहराया है। ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए उनकी वापसी प्रशांत महासागर में हुई, जिसके बाद पूरे देश में जश्न का माहौल बन गया है। शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी के दौरान मां आशा शुक्ला की आंख खुशी से नम हो गई और हाथ जोड़कर खड़ी रहीं।



शुभांशु की इस ऐतिहासिक वापसी पर लखनऊ स्थित उनके आवास को दीपों और पोस्टरों से सजाया गया है। माता-पिता की आंखें बेटे को धरती पर सकुशल देखकर नम हो गईं। उनके स्कूल, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) में भी एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जहां शिक्षक और छात्र गर्व और खुशी के साथ उनका नाम ले रहे थे। इस मौके पर केक भी काटा गया है। वहीं बेटे की सफल लैंडिंग देख शुभांशु की मां आशा अपने खुशी के आंसुओं को रोक नहीं पाई। इस दौरान पिता शंभु दयाल शुक्ला ने शुभांशु की मां को कंधे का सहारा देकर उनकी हिम्मत बनाए रखी। यह क्षण किसी भी मां के लिए बेहद भावुक कर देने वाला था।



बहन शुचि मिश्रा ने कहा- वो वापस आ गएIAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि मिश्रा ने कहा कि वो वापस आ गए हैं। यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का क्षण है। हम बहुत उत्साहित हैं। मां आशा शुक्ला ने कहा कि उत्साह अंतहीन है और हमें बहुत गर्व है। पहले हम डरे हुए थे। आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।



पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, क्योंकि वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।



140 करोड़ लोगों की शुभकामनाएंकेंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने आज अंतरिक्ष की दुनिया में सचमुच एक स्थायी स्थान प्राप्त कर लिया है। यह भारत के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि हमारा एक यशस्वी पुत्र सफल यात्रा पूरी करके वापस लौट रहा है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शुभांशु शुक्ला के साथ देश के 140 करोड़ लोगों की शुभकामनाएं थीं। उन्होंने अंतरिक्ष में जाकर देश का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब अंतरिक्ष से उनसे बात की, तब उन्हें भारत के स्पेस स्टेशन की संभावनाओं को टटोलने का निर्देश दिया था। वे भारत का भविष्य हैं और देश को उन पर गर्व है।



शुभांशु की प्रेरणादायक यात्राउपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह गर्व का दिन है, लखनऊ और उत्तर प्रदेश के बेटे ने देश का सिर ऊंचा कर दिया है। हम सब बेसब्री से उनका स्वागत करने को तैयार हैं। बता दें, राजधानी लखनऊ के रहने वाले 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बना चुके हैं। शुभांशु शुक्ला की यात्रा एक बेहद प्रेरणादायक कहानी है। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था और वह भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने से पहले सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की थी।



2006 में उन्होंने भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया और वायुसेना के विभिन्न लड़ाकू विमानों में 2,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव हासिल किया है। शुभांशु शुक्ला ने सुखोई-30 एमके 1, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एएन-32 जैसे कई विमानों को उड़ाया और परीक्षण किया है। इस सफल यात्रा को लेकर पूरे देश को उन पर नाज है। शुभांशु शुक्ला का यह अभियान सिर्फ अंतरिक्ष मिशन नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है। उनकी वापसी ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है।

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