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आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति... भारत ने डिप्लोमैटिक स्तर पर कैसे दुनिया को समझाया अपना रुख?

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नई दिल्ली: 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में आधिकारिक तौर पर दुनिया को ब्रीफ करने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया हैंडल पर एक लाइन का मैसेज पोस्ट किया था । इसमें ऑपरेशन सिंदूर का प्रतीक और उसके साथ उन्होंने एक लाइन लिखी थी कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए। इसके बाद शनिवार को को जब सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पाकिस्तान के विदेश मंत्री दुनिया को इस बात की जानकारी दे रहे थे कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया है, तो उस वक्त विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया संदेश में इस बात की जानकारी तो दी, लेकिन साथ ही भी कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बिना समझौता वाली नीति पर चलता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आतंक के खिलाफ इस रुख कायम रहेगा ऑपरेशन को लेकर समझाया रुख बुधवार को भारत की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दुनिया को ऑपरेशन के बारे में जानकारी देने के बाद भारत ने अपनी ओर से इस ऑपरेशन को लेकर डिप्लोमैटिक स्तर पर दुनिया के देशों के साथ इंगेज करना शुरू कर दिया। उस दिन दोपहर में विदेश मंत्रालय में भारत ने संयुक्त राष्ट्र परिषद के सभी स्थाई और अस्थाई सदस्य देशों को सीमापार आतंक और क्रॉस बॉर्डर लीकेंज्स को लेकर ब्रीफ किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री की 13 राजनयिकों के साथ हुई बताया गया कि भारत का रिस्पॉन्स निश्चित टारगेट वाला, नपा तुला था। उन्हें बताया गया कि पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या के पीछे सीमापार आतंकवाद की कड़ियां थी, और ये ऑपरेशन क्यों जरूरी था। सचिव ने इन्हें बताया कि कि अगर पाकिस्तान प्रतिक्रिया करेगा तो भारत भी जवाब देगा। विदेश मंत्री ने साफ तौर पर रखा भारत का पक्ष जहां विदेश सचिव डिप्लोमैटिक स्तर पर इन बैठकों को अंजाम दे रहे थे तो दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपनी ओर से कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बात कर हालात से वाकिफ करवाया। उन्होंने जापान, फ्रांस, जर्मनी स्पेन, कतर के विदेश मंत्रियों के साथ फोन पर बातचीत की। इसके बाद के दिनों में भी लगातार ये प्रक्रिया कायम रही। विदेश मंत्री दुनिया के देशों के साथ संपर्क में रहे और उन्हें ये बताया कि भारत को आत्मरक्षा में ये एक्शन लिया। दुनिया का आतंक के खिलाफ भारत को समर्थनभारत ने पहलगाम हमले के बाद दुनिया के सभी कोनों से आतंक के खिलाफ भारत को समर्थन मिला था। सब देशों ने आतंकवाद की कड़ी भर्त्सना की थी और पीड़ितों के साथ सहानुभूति जताई थी। बड़े देशों के साथ साथ सभी छोटे बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम को फोन कर समर्थन जताया। इसके बाद भारत ने दुनिया की बिरादरी के साथ डिप्लोमैटिक आउटरीच कायम करनी शुरू कर दी थी। दिल्ली में करीब करीब सभी विदेशी मिशनों के प्रतिनिधियों के साथ भारत ने अपने रुख को लेकर जानकारी साझा की गई थी, जिससे कि पाकिस्तान को डिप्लोमैटिक स्तर पर आइसोलेट किया जा सके। उस दौरान कई दिनों तक दुनिया की बिरादरी के सभी देशों के साथ डिप्लोमैटिक इंगेजमेंट की गई थी। UNSC में पाकिस्तान को निराशा मिली पाकिस्तान के अनुरोध पर बीते दिनों USNC के बंद कमरे में भारत पाकिस्तान मामले पर एक विमर्श हुआ था। लेकिन इसमें उल्टा पाकिस्तान से ही कड़े सवाल पूछे गए और बिना किसी बयान और निष्कर्ष के ही ये बैठक खत्म हो गई थी और बाहर आकर सदस्यों ने कोई प्रेस वार्ता भी नहीं की।
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