नई दिल्ली: 15 अगस्त को लेकर इस बार दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए ‘अर्ली सिक्योरिटी अरेंजमेंट’ शुरू कर दिए हैं। इसकी खास वजह बताई जा रही है ‘ऑपरेशन सिंदूर’। पहलगाम हमले के बाद जिस तरह भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में जैश और लश्कर जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी ग्रुप्स के ठिकानों को तबाह किया, उसके बाद से भारत में संभावित आतंकी खतरे के इंटेलीजेंस इनपुट्स हैं। इसे देखते हुए 15 अगस्त के लगभग दो महीने पहले ही दिल्ली पुलिस ने लाल किले के चारों तरफ सिक्योरिटी टाइट कर दी है।
सुरक्षा ऐजेंसी से जुड़े आधिकारिक सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहले ही इनपुट्स भेजे जा चुके थे जिसके बाद 19 जून से सिक्योरिटी अरेंजमेंट लगा दिया है। किसी भी संभावित खतरे को भांपने में प्रशिक्षित 25 अतिरिक्त जवानों को लाल किले के चारों तरफ तैनात किया गया है। लगभग एक सप्ताह बाद 1 जुलाई से लाल किला पूरी तरह सुरक्षा कमांडो के घेरे में रहेगा। फिलहाल दिल्ली पुलिस के आला अफसर सेंट्रल ऐजेंसियों के साथ जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी की एक्सरसाइज में लगे हैं। एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि 19 जून से लाल किले के दो एंट्री गेट में से एक को बंद कर दिया गया है।
फुल स्केल पर चल रही वेरिफिकेशन ड्राइवआम लोगों की आवाजाही के लिए एक एंट्री गेट है, जबकि दो गेट पर एग्जिट रखा गया है। संदिग्धों की पहचान के लिए पूरे नॉर्थ और सेंट्रल जिले के पहले से चिन्हित संवेदनशील इलाकों में फुल स्केल पर वेरिफिकेशन ड्राइव चल रही है। 15 अगस्त पर इस बार लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झलक दिखेगी। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वैसे तो 15 अगस्त और 26 जनवरी के भव्य समारोह के दौरान एंटी ड्रोन सिस्टम लैस रहते हैं। लेकिन जिस तरह ड्रोन ने दुनिया भर में युद्ध का तरीका बदल दिया है उसक बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है।
हमलों के बाद ड्रोन अब सिर्फ तकनीक नहींहाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन से हमले किए गए। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में खत्म कर दिया। दूसरी तरफ इजरायल-गाजा और रूस-यूक्रेन वॉर में भी ड्रोन का ही इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन अब सिर्फ तकनीक नहीं हैं, ये कहीं भी, किसी पर भी हमले करने का सटीक हथियार हैं। इसलिए 15 अगस्त पर इस बार ड्रोन/मानव रहित विमान को लेकर सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। लाल किले पर एंटी ड्रोन रडार सिस्टम पहले से ही तैनात कर दिए जाएंगे। इस सिस्टम की खासियत है कि इसका रेडार ड्रोन को ढूंढकर जाम कर देता है। इसकी रेंज भी करीब पांच किलोमीटर के दायरे की है।
सुरक्षाकर्मियों में भी किया गया इजाफा
इसके अलावा पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले विमान, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के बैटरी से चलने वाले एयरक्राफ्ट, क्वाडॉप्टर्स और पैरा जंपिंग को लेकर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। लाल किले में लगे सुरक्षाकर्मियों में भी पिछले साल की तुलना में इजाफा किया जा रहा है। सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी, एसपीजी, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान और दिल्ली पुलिस के हाथ में रहेगी। अगले कुछ दिनों में ऑटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRC) समेत कई आधुनिक उपकरणों से लाल किला लैस हो जाएगा।
सुरक्षा ऐजेंसी से जुड़े आधिकारिक सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहले ही इनपुट्स भेजे जा चुके थे जिसके बाद 19 जून से सिक्योरिटी अरेंजमेंट लगा दिया है। किसी भी संभावित खतरे को भांपने में प्रशिक्षित 25 अतिरिक्त जवानों को लाल किले के चारों तरफ तैनात किया गया है। लगभग एक सप्ताह बाद 1 जुलाई से लाल किला पूरी तरह सुरक्षा कमांडो के घेरे में रहेगा। फिलहाल दिल्ली पुलिस के आला अफसर सेंट्रल ऐजेंसियों के साथ जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी की एक्सरसाइज में लगे हैं। एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि 19 जून से लाल किले के दो एंट्री गेट में से एक को बंद कर दिया गया है।
फुल स्केल पर चल रही वेरिफिकेशन ड्राइवआम लोगों की आवाजाही के लिए एक एंट्री गेट है, जबकि दो गेट पर एग्जिट रखा गया है। संदिग्धों की पहचान के लिए पूरे नॉर्थ और सेंट्रल जिले के पहले से चिन्हित संवेदनशील इलाकों में फुल स्केल पर वेरिफिकेशन ड्राइव चल रही है। 15 अगस्त पर इस बार लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झलक दिखेगी। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वैसे तो 15 अगस्त और 26 जनवरी के भव्य समारोह के दौरान एंटी ड्रोन सिस्टम लैस रहते हैं। लेकिन जिस तरह ड्रोन ने दुनिया भर में युद्ध का तरीका बदल दिया है उसक बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है।
हमलों के बाद ड्रोन अब सिर्फ तकनीक नहींहाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन से हमले किए गए। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में खत्म कर दिया। दूसरी तरफ इजरायल-गाजा और रूस-यूक्रेन वॉर में भी ड्रोन का ही इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन अब सिर्फ तकनीक नहीं हैं, ये कहीं भी, किसी पर भी हमले करने का सटीक हथियार हैं। इसलिए 15 अगस्त पर इस बार ड्रोन/मानव रहित विमान को लेकर सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। लाल किले पर एंटी ड्रोन रडार सिस्टम पहले से ही तैनात कर दिए जाएंगे। इस सिस्टम की खासियत है कि इसका रेडार ड्रोन को ढूंढकर जाम कर देता है। इसकी रेंज भी करीब पांच किलोमीटर के दायरे की है।
सुरक्षाकर्मियों में भी किया गया इजाफा
इसके अलावा पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले विमान, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के बैटरी से चलने वाले एयरक्राफ्ट, क्वाडॉप्टर्स और पैरा जंपिंग को लेकर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। लाल किले में लगे सुरक्षाकर्मियों में भी पिछले साल की तुलना में इजाफा किया जा रहा है। सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी, एसपीजी, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान और दिल्ली पुलिस के हाथ में रहेगी। अगले कुछ दिनों में ऑटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRC) समेत कई आधुनिक उपकरणों से लाल किला लैस हो जाएगा।
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