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अफगानिस्तान के हमले में पाकिस्तान के 58 जवान मारे गये... तालिबान की काबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस, पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ कहा

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काबुल: पाकिस्तान पर कल रात हमला करने बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने राजधानी काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पालने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने अपने उत्तर पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में ISIS को बेस कैंप बनाने दिया है। उन्होंने पाकिस्तान पर ISIS के आतंकवादियों को पनाह देने और उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ ऑपरेट करने के लिए अपनी जमीन देने का आरोप लगाया है।



प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान से कहा कि वह अपने क्षेत्र में आतंकवादी तत्वों को जगह देना बंद करे और उन्हें काबुल सरकार को सौंप दे। मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान का केपीके आतंकवाद का केंद्र बन गया है। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के हालिया हवाई हमलों और सीमा पर गोलाबारी को लेकर अफगान जवाबी कार्रवाई की भी जानकारी दी है।



तालिबान का पाकिस्तान पर गंभीर आरोप

जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि "तथाकथित डूरंड रेखा के पार कुछ तत्व देश के मौजूदा हालात से नाखुश हैं और षड्यंत्र रच रहे हैं। जहां पाकिस्तान की जनता और नागरिक सरकार अफगानिस्तान के साथ सकारात्मक संबंध चाहती है, वहीं पाकिस्तान के भीतर कुछ तत्व अफगानिस्तान में स्थिरता के विरोधी हैं और ये तत्व पाकिस्तानी सेना में भी मौजूद हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि "पाकिस्तानी सेना आपसी समझ के ज़रिए किसी भी तरह की बातचीत का विरोध करती है।" इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का कहना है कि वह किसी भी देश के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल नहीं है, बल्कि जन जागरूकता बढ़ाने के लिए तथ्य साझा करता है। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि "स्वाभाविक तौर पर अफगान, हमेशा अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे रहे हैं..."



काबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, तालिबान के प्रवक्ता, मावलवी जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आगे कहा कि डूरंड रेखा पर रात भर चले जवाबी अभियान के दौरान अफगान सेना 20 से ज्यादा पाकिस्तानी चौकियों पर कब्ज़ा करने में कामयाब रही। उन्होंने दावा किया कि 58 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हुए, जबकि 9 तालिबान लड़ाके मारे गए और 16-18 अन्य घायल हुए हैं।



तालिबान के प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें

1- सीमाओं पर स्थिति नियंत्रण में- तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की सभी सीमाएं और डूरंड लाइन पूरी तरह से तालिबान के नियंत्रण में हैं और सुरक्षा की स्थिति संतोषजनक है।



2- अफगान जनता से अपील- तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि अफगान जनता अफवाहों और झूठी सूचनाओं पर विश्वास न करें और देश की स्थिरता बनाए रखने में सहयोग करें।



3- पाकिस्तान की विशेष सैन्य समूह पर आरोप- तालिबान ने पाकिस्तान की सेना के विशेष समूह पर अफगानिस्तान में अशांति फैलाने और सुरक्षा खतरा पैदा करने का जिम्मेदार बताया।



4- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोपेगेंडा- तालिबान प्रवक्ता ने पाकिस्तान की उस समूह पर आरोप लगाया कि यह अफगानिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाता है।



5- नाकामी छिपाता है पाकिस्तान- तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि पाकिस्तान अपनी नाकामी की जिम्मेदारी अफगानिस्तान पर डालने की कोशिश करता है। वो अपनी नाकामी को छिपाते हैं। वो एक एजेंडे को फॉलो करते हैं, जिसका मकसद अफगानिस्तान को बदनाम करना होता है।



6- अफगान सेना करेगी जवाबी हमला- तालिबान ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से फिर से अफगान सीमा का उल्लंघन किया जाता है तो अफगान सेना जवाबी कार्रवाई करेगी।



7- राजनीतिक और आर्थिक प्रगति- तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक सुधार जारी हैं और कुछ बाहरी समूह इसे रोकने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।



8- अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील- तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव डालकर अफगानिस्तान की संप्रभुता और स्थिरता का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।



9- पाकिस्तान करवाता है आतंकी हमले- जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कई उदाहरण देते हुए पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में आतंकी हमले करवाने के आरोप लगाए हैं। तालिबान ने उदाहरण देते हुए कहा कि आतंकवादी हमले जैसे कि हेरात, काबुल, गोर और कंधार में हुए कई हमले पाकिस्तान में रहने वाले आतंकवादियों ने करवाए हैं।



10- आतंकवादियों को सौंपने की मांग- तालिबान ने पाकिस्तान में एक्टिव आतंकवादियों को काबुल को सौंपने की मांग की है। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान से ISIS-K के प्रमुख शाहब अल-मुहाजिर और उसके सहयोगियों को अफगानिस्तान के हवाले करने या पाकिस्तान से निष्कासित करने की मांग की है और चेतावनी दी है अगर पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया, तो गंभीर परिणाम होंगे।

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