संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के इतिहास में सबसे साहसी अभियानों में से एक ‘ऑपरेशन खूखरी’ की 25वीं वर्षगांठ पर अभिनेता-फिल्ममेकर रणदीप हुड्डा ने इस मिशन को भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। हुड्डा ने इस वीरता की गाथा को बड़े पर्दे पर लाने का संकल्प भी जताया है।
रणदीप हुड्डा ने इंस्टाग्राम पर भारतीय सेना के जवानों की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, '#OperationKhukri के 25 साल पूरे हुए। 15 जुलाई 2025 को इस अनोखे ऑपरेशन की सिल्वर जुबली है, जिसमें 232 भारतीय सैनिक और संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक 75 दिनों की घेराबंदी से बाहर निकले, जबकि उन्हें हजारों RUF (रिवोल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट) विद्रोहियों ने घेर रखा था।'
ऑपरेशन खूखरी क्या है?ऑपरेशन खूखरी 2000 में सिएरा लियोन, पश्चिम अफ्रीका में हुआ था, जहां भारतीय सेना के 233 जवान शांति मिशन पर गए थे लेकिन विद्रोही बलों द्वारा बंधक बना लिए गए। यह अभियान तब शुरू हुआ जब संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत भारतीय सैनिकों को एक शांति अभियान में भेजा गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद यह 75 दिन के तनावपूर्ण घेराबंदी में बदल गई।
राजपाल पुनिया भी बोलेइस मौके पर मेजर जनरल राजपाल पुनिया, जो उस समय 14वीं मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के यंग कंपनी कमांडर थे, ने कहा, '15 जुलाई 2025 को हम उस सबसे सफल ऑपरेशन की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में दर्ज है। जब बाकी देशों के सैनिकों ने विद्रोहियों के आगे हथियार डाल दिए, तब भारतीय सैनिकों ने 75 दिन तक मौत का सामना करते हुए डटकर मुकाबला किया। हर भारतीय को अपने सैनिकों पर गर्व होना चाहिए। यह दिन राष्ट्रीय गौरव के रूप में मनाया जाना चाहिए। जय हिंद।'
बड़े पर्दे पर आएगी कहानीऑपरेशन की यह असाधारण कहानी अब बड़े पर्दे पर आने वाली है। फिल्म का निर्माण राहुल मित्रा फिल्म्स और रणदीप हुड्डा फिल्म्स मिलकर करेंगे। यह फिल्म मेजर जनरल राजपाल पुनिया और दमिनी पुनिया द्वारा लिखी गई किताब ‘ऑपरेशन खूखरी: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द इंडियन आर्मी’ज़ ब्रेवेस्ट पीसकीपिंग मिशन अब्रॉड’ पर आधारित है। इसमें रणदीप हुड्डा खुद मेजर जनरल पुनिया की भूमिका निभाते नजर आएंगे।
राहुल मित्रा क्या बोलेफिल्म निर्माता राहुल मित्रा ने कहा, 'ऑपरेशन खूखरी साहस, संकल्प और शांति की एक प्रेरणादायक कहानी है। भारतीय सेना के इस अभूतपूर्व शौर्य को दुनिया तक पहुंचाना हमारे लिए गर्व की बात है।'
ऑपरेशन खूखरी की छविऑपरेशन खूखरी न केवल भारतीय सेना की ताकत का प्रतीक बना, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को भी और मजबूत किया। अब जब इसकी गाथा फिल्म के जरिए सामने आएगी, तो यह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी।
रणदीप हुड्डा ने इंस्टाग्राम पर भारतीय सेना के जवानों की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, '#OperationKhukri के 25 साल पूरे हुए। 15 जुलाई 2025 को इस अनोखे ऑपरेशन की सिल्वर जुबली है, जिसमें 232 भारतीय सैनिक और संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक 75 दिनों की घेराबंदी से बाहर निकले, जबकि उन्हें हजारों RUF (रिवोल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट) विद्रोहियों ने घेर रखा था।'
ऑपरेशन खूखरी क्या है?ऑपरेशन खूखरी 2000 में सिएरा लियोन, पश्चिम अफ्रीका में हुआ था, जहां भारतीय सेना के 233 जवान शांति मिशन पर गए थे लेकिन विद्रोही बलों द्वारा बंधक बना लिए गए। यह अभियान तब शुरू हुआ जब संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत भारतीय सैनिकों को एक शांति अभियान में भेजा गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद यह 75 दिन के तनावपूर्ण घेराबंदी में बदल गई।
राजपाल पुनिया भी बोलेइस मौके पर मेजर जनरल राजपाल पुनिया, जो उस समय 14वीं मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के यंग कंपनी कमांडर थे, ने कहा, '15 जुलाई 2025 को हम उस सबसे सफल ऑपरेशन की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में दर्ज है। जब बाकी देशों के सैनिकों ने विद्रोहियों के आगे हथियार डाल दिए, तब भारतीय सैनिकों ने 75 दिन तक मौत का सामना करते हुए डटकर मुकाबला किया। हर भारतीय को अपने सैनिकों पर गर्व होना चाहिए। यह दिन राष्ट्रीय गौरव के रूप में मनाया जाना चाहिए। जय हिंद।'
बड़े पर्दे पर आएगी कहानीऑपरेशन की यह असाधारण कहानी अब बड़े पर्दे पर आने वाली है। फिल्म का निर्माण राहुल मित्रा फिल्म्स और रणदीप हुड्डा फिल्म्स मिलकर करेंगे। यह फिल्म मेजर जनरल राजपाल पुनिया और दमिनी पुनिया द्वारा लिखी गई किताब ‘ऑपरेशन खूखरी: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द इंडियन आर्मी’ज़ ब्रेवेस्ट पीसकीपिंग मिशन अब्रॉड’ पर आधारित है। इसमें रणदीप हुड्डा खुद मेजर जनरल पुनिया की भूमिका निभाते नजर आएंगे।
राहुल मित्रा क्या बोलेफिल्म निर्माता राहुल मित्रा ने कहा, 'ऑपरेशन खूखरी साहस, संकल्प और शांति की एक प्रेरणादायक कहानी है। भारतीय सेना के इस अभूतपूर्व शौर्य को दुनिया तक पहुंचाना हमारे लिए गर्व की बात है।'
ऑपरेशन खूखरी की छविऑपरेशन खूखरी न केवल भारतीय सेना की ताकत का प्रतीक बना, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को भी और मजबूत किया। अब जब इसकी गाथा फिल्म के जरिए सामने आएगी, तो यह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी।
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