रामबाबू मित्तल, सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के बेहट क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे संगठित अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसे पढ़े-लिखे युवाओं ने "स्टार्टअप" की तरह चलाया। यह गिरोह भोले-भाले और गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनकी पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, फोटो आदि जुटाता था और फिर उनके नाम पर बाइकों का फाइनेंस कराकर उन्हें खरीदता था। बाद में ये बाइकें सस्ते दामों पर उत्तराखंड और अन्य राज्यों में बेच दी जाती थीं। पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को 15 बाइकों के साथ गिरफ्तार किया है।
रूटीन चेकिंग में आरोपी गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक देहात सागर जैन ने प्रेसवार्ता में बताया कि थाना बेहट पुलिस को रूटीन चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध समीर उर्फ शेरा और नौशाद उर्फ भूरा को रोका गया। जब उनकी बाइक की जांच की गई तो उसका नंबर गलत पाया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने कबूल किया कि वे एक गिरोह का हिस्सा हैं और गंदेवड़ रोड स्थित एक खंडहर में कई फाइनेंस की गई नई बाइकें छिपा रखी हैं।
15 बाइक बरामदइसके बाद पुलिस ने मौके से तीन अन्य आरोपियों अनमोल, आदित्य और असद उर्फ चांद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने कुल 15 नई बाइकें बरामद की हैं। साथ ही दो अवैध तमंचे और चार जिंदा कारतूस भी जब्त किए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मामूली रकम का लालच देकर उनकी फर्जी आईडी से लोन लेते थे। बाइकें फाइनेंस कराकर तस्करी के जरिये उन्हें बाहर के राज्यों में बेच देते थे और मुनाफा आपस में बांट लेते थे।
पढ़े-लिखे चला रहे थे गिरोहहैरान करने वाली बात यह है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले सभी युवक पढ़े-लिखे हैं। अनमोल स्नातक है, जबकि आदित्य M.Com का छात्र है। उनकी पढ़ाई और समझदारी का इस्तेमाल समाज सुधार में करने के बजाय, उन्होंने अपराध को कमाई का जरिया बना लिया। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
रूटीन चेकिंग में आरोपी गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक देहात सागर जैन ने प्रेसवार्ता में बताया कि थाना बेहट पुलिस को रूटीन चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध समीर उर्फ शेरा और नौशाद उर्फ भूरा को रोका गया। जब उनकी बाइक की जांच की गई तो उसका नंबर गलत पाया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने कबूल किया कि वे एक गिरोह का हिस्सा हैं और गंदेवड़ रोड स्थित एक खंडहर में कई फाइनेंस की गई नई बाइकें छिपा रखी हैं।
15 बाइक बरामदइसके बाद पुलिस ने मौके से तीन अन्य आरोपियों अनमोल, आदित्य और असद उर्फ चांद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने कुल 15 नई बाइकें बरामद की हैं। साथ ही दो अवैध तमंचे और चार जिंदा कारतूस भी जब्त किए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मामूली रकम का लालच देकर उनकी फर्जी आईडी से लोन लेते थे। बाइकें फाइनेंस कराकर तस्करी के जरिये उन्हें बाहर के राज्यों में बेच देते थे और मुनाफा आपस में बांट लेते थे।
पढ़े-लिखे चला रहे थे गिरोहहैरान करने वाली बात यह है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले सभी युवक पढ़े-लिखे हैं। अनमोल स्नातक है, जबकि आदित्य M.Com का छात्र है। उनकी पढ़ाई और समझदारी का इस्तेमाल समाज सुधार में करने के बजाय, उन्होंने अपराध को कमाई का जरिया बना लिया। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
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