अपराजिता का पौधा उगाना शुभ माना जाता है, तभी ज्यादातर भारतीय घरों में ये पौधा लगा रहता है। लेकिन दिक्कत तब आती है जब अपराजिता में फूलों की कमी हो जाती है। ऐसें हम आपको एक फ्री का और प्राकृतिक उपाय बता रहे हैं। ताकि कम पैसे में भी फूलों की पैदावार जल्दी बढ़ सके।
कब और कौनसी खाद डालना सही
दरअसल जुलाई के महीने में गर्मी और हल्की बारिश के दौरान पौधा और भी ज्यादा हरा-भरा और फूलों से सजा नजर आ सकता है। इसके लिए अपराजिता के पौधे को हर 15 से 20 दिन में पोटेशियम रिच खाद की जरूरत होती है। क्योंकि पोटेशियम की कमी फूल नहीं आने का कारण होती है। ऐसे सही समय पर पौधे में खाद डालकर इसे फूलों से लदा हुआ बना सकते हैं।
पोटेशियम रिच खाद बनाने का सामान

- 1-2 मीडियम साइज के प्याज के छिलके
- वर्मीकम्पोस्ट: 1 मुट्ठी (लगभग 50 ग्राम)
- 1 लीटर पानी प्याज के छिलकों को भिगोने के लिए)
इस तरह से बनाना होगा
प्याज के छिलकों को 1 लीटर पानी में डालकर कम से कम 24 से 48 घंटे के लिए भिगो दें। ताकि छिलके अपने पोषक तत्वों को पानी में छोड़ दें। 24-48 घंटे बाद, इस पानी को छानकर अलग कर लें। छिलकों को फेंक सकते हैं या कंपोस्ट बिन में डाल सकते हैं। यह प्याज के छिलकों का लिक्विड फर्टिलाइजर बन जाएगा। अब इस पानी में वर्मीकम्पोस्ट डालें,अच्छी तरह से मिलाएं ताकि वर्मीकम्पोस्ट पानी में घुल जाए।
इस्तेमाल करने का तरीका

अपराजिता के पौधे के गमले की मिट्टी में तने से थोड़ी दूरी पर हल्की गुड़ाई कर लें। मिट्टी ढीली होने से पोषक तत्व अंदर तक जा पाएंगे। अब तैयार किए गए मिश्रण को पौधे की जड़ों के आसपास समान रूप से डालें। इस मिश्रण का इस्तेमाल आप अपराजिता के पौधे पर हर 15-20 दिनों में एक बार कर सकते हैं। फूलों के मौसम में यह ज्यादा असर करता है।
तुरंत इस्तेमाल करने है तो ये है उपाय
आप चाहें तो 24 से 48 घंटे भिगोए बिना भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए प्याज के छिलकों को एक बाउल में छोटा-छोटा काटें, चाहें तो ग्राइंडर में सूखा पीस भी सकते हैं। अब पौधे में मौजूद मिट्टी की गुड़ाई करें और प्याज के छिलकों वाली खाद उसमें डाल दें। ऊपर से इसे मिट्टी से ढकें, लास्ट में वर्मी कंपोस्ट का लिक्विड फर्टिलाइजर और पानी डाल दें। ये भी अपराजिता में ज्यादा लगाने का अच्छा तरीका है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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