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अलीगढ़: मंदिर पर लिखा था I LOVE MUHAMMAD, पुलिस का एक्शन, चार आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पिछले दिनों मंदिरों पर आपत्तिजनक धार्मिक नारे लिखे जाने से उपजे तनावपूर्ण माहौल पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। थाना लोधा क्षेत्र के गांव बुलाकगढ़ी और भगवानपुर के चार मंदिरों पर 'I Love Muhammad' लिखने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसएसपी नीरज जादौन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह घटना 25 अक्टूबर की है, जब कुछ अराजक तत्वों ने जानबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की थी।

पुलिस जांच में खुला मामलाजांच के दौरान पुलिस ने पाया कि यह कोई सांप्रदायिक घटना नहीं थी, बल्कि दोनों गांवों के आपसी विवाद का षड्यंत्र था। गांव भगवानपुर में मुकेश पक्ष का गुल मोहम्मद से जनवरी 2014 में झगड़ा हुआ था, जिसमें मुकेश पक्ष के 15 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की गई थी। वहीं, गांव बुलाकगढ़ी में जीशान और मुस्तकीम के बीच सितंबर 2025 में झगड़ा हुआ था।

इस विवाद में दोनों पक्षों पर रिपोर्ट दर्ज कर अदालत में चार्जशीट लगाई गई थी। इन्हीं पुराने विवादों के चलते दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को फंसाने के लिए यह पूरी साजिश रची। अब इसका खुलासा हो गया है।

तकनीकी साक्ष्य से खुलासापुलिस ने घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल डिटेल और पुराने केस रिकॉर्ड का बारीकी से विश्लेषण किया। इन जांचों में यह साफ हो गया कि बुलाकगढ़ी निवासी जीशांत और भगवानपुर के मुकेश पक्ष के अभिषेक, आकाश और दिलीप ने मिलकर मंदिरों की दीवारों पर 'I Love Muhammad' लिखकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। पुलिस ने बताया कि लिखे गए नारे में स्पेलिंग की गलती और हैंडराइटिंग पैटर्न से भी आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिली।

अलीगढ़ पुलिस का एक्शनमामले में गुरुवार को अलीगढ़ पुलिस टीम ने छापेमारी कर चारों आरोपियों जीशान, अभिषेक, आकाश और दिलीप को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी नीरज जादौन ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में अपराध स्वीकार किया है। उनका उद्देश्य अपने पुराने मुकदमों में दबाव बनाकर निर्णय को प्रभावित करना था। पुलिस ने अग्रिम कार्रवाई करते हुए चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी नीरज जादौन ने कहा कि यह मामला धार्मिक नहीं, बल्कि आपसी रंजिश का परिणाम है। आरोपियों ने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने की कोशिश की थी। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर माहौल बिगड़ने से बचा लिया।
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