नई दिल्ली: बिहार चुनाव के बाद पीएम मोदी विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। पीएम मोदी 11-12 नवंबर को दो दिन के भूटान की राजकीय यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के बाद से हिमालयी देश भूटान की यह चौथी यात्रा होगी।यह दौरा दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग के खास रिश्तों को मज़बूत करने के मकसद से किया जा रहा है और यह रेगुलर द्विपक्षीय हाई-लेवल बातचीत की परंपरा के मुताबिक है। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात करेंगे।
पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन
दोनों नेता भारत सरकार और भूटान की रॉयल सरकार द्वारा मिलकर बनाए गए 1020 MW पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा महामहिम जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के मौके पर होने वाले समारोह में भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री भूटान के प्रधानमंत्री महामहिम श्री शेरिंग तोबगे से भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी के साथ हो रहा है। प्रधानमंत्री थिम्फू में ताशीछोडज़ोंग में पवित्र अवशेषों पर प्रार्थना करेंगे और भूटान की रॉयल सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भी हिस्सा लेंगे।
भारत-भूटान रेलवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी से दो नए भारत-भूटान रेलवे प्रोजेक्ट्स की प्रोग्रेस का रिव्यू करने की भी उम्मीद है। इसमें कोकराझार-गेलेफू लिंक जो असम को दक्षिणी भूटान से जोड़ेगा, और बनारहाट-समत्से लाइन जो पश्चिम बंगाल को दक्षिण-पश्चिमी भूटान से जोड़ेगी, शामिल है। सितंबर में घोषित ये क्रॉस-बॉर्डर रेलवे प्रोजेक्ट्स - क्रमशः 69 किमी और 20 किमी लंबे हैं। यह प्रोजेक्ट भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से जोड़ेंगे।
द्विपक्षीय पार्टनरशिप को देगी मजबूती
भारत और भूटान एक अनोखी और बेहतरीन पार्टनरशिप शेयर करते हैं, जो गहरे आपसी भरोसे, सद्भावना और एक-दूसरे के लिए सम्मान पर आधारित है। साझा आध्यात्मिक विरासत और लोगों के बीच गर्मजोशी भरे रिश्ते इस खास पार्टनरशिप की पहचान हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को हमारी द्विपक्षीय पार्टनरशिप को और बेहतर और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा करने और आपसी हित के क्षेत्रीय और बड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका देगी।
पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन
दोनों नेता भारत सरकार और भूटान की रॉयल सरकार द्वारा मिलकर बनाए गए 1020 MW पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा महामहिम जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के मौके पर होने वाले समारोह में भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री भूटान के प्रधानमंत्री महामहिम श्री शेरिंग तोबगे से भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी के साथ हो रहा है। प्रधानमंत्री थिम्फू में ताशीछोडज़ोंग में पवित्र अवशेषों पर प्रार्थना करेंगे और भूटान की रॉयल सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भी हिस्सा लेंगे।
भारत-भूटान रेलवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी से दो नए भारत-भूटान रेलवे प्रोजेक्ट्स की प्रोग्रेस का रिव्यू करने की भी उम्मीद है। इसमें कोकराझार-गेलेफू लिंक जो असम को दक्षिणी भूटान से जोड़ेगा, और बनारहाट-समत्से लाइन जो पश्चिम बंगाल को दक्षिण-पश्चिमी भूटान से जोड़ेगी, शामिल है। सितंबर में घोषित ये क्रॉस-बॉर्डर रेलवे प्रोजेक्ट्स - क्रमशः 69 किमी और 20 किमी लंबे हैं। यह प्रोजेक्ट भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से जोड़ेंगे।
द्विपक्षीय पार्टनरशिप को देगी मजबूती
भारत और भूटान एक अनोखी और बेहतरीन पार्टनरशिप शेयर करते हैं, जो गहरे आपसी भरोसे, सद्भावना और एक-दूसरे के लिए सम्मान पर आधारित है। साझा आध्यात्मिक विरासत और लोगों के बीच गर्मजोशी भरे रिश्ते इस खास पार्टनरशिप की पहचान हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को हमारी द्विपक्षीय पार्टनरशिप को और बेहतर और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा करने और आपसी हित के क्षेत्रीय और बड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका देगी।
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