कानपुर: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार ब्लास्ट के बाद लखनऊ की चर्चा खूब हो रही है। चर्चा डॉ. शाहीन शाहिद की वजह से हो रही है। डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज के लखनऊ के लालबाग स्थित घर पर यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से छापा मारा। दिल्ली ब्लास्ट के बाद इस छापेमारी की घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। वहीं, डॉ. शाहीद का नाम सामने आते ही उसका कानपुर लिंक सामने आ गया है। कानपुर के डॉक्टर की गुमशुदगी का मामला कुछ वर्ष पहले खूब सुर्खियां बटोरा था। वह डॉ. शाहीन शाहिद ही थी।
डॉ. शाहीन हुई थी गायबआतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की हेड डॉ. शाहीन शाहिद का लखनऊ और कानपुर कनेक्शन सामने आया है। दरअसल, उसका घर लखनऊ के मड़ियांव के लालबाग इलाके में है। डॉ. शाहीन का लोक सेवा आयोग से चयन हुआ था। इसके बाद उसकी नियुक्ति कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई। डॉ. शहीन वर्ष 2013 में ये बिना कोई कारण बताए कॉलेज से गायब हो गई।
डॉ. शाहीन की शादी जफर हयात से हुई थी। दोनों के बीच रिश्ता अधिक चल नहीं पाया। वर्ष 2015 में शाहीन ने जफर से तलाक ले लिया। हालांकि, इस दौरान वह कॉलेज से गायब रहीं। लगातार गायब रहने के कारण वर्ष 2021 में डॉ. शाहीन को बर्खास्त कर दिया गया।
फार्माकोलॉजी विभाग में हुई थी नियुक्तिडॉ. शाहीन की नियुक्ति कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता पद पर हुई थी। पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन करीब 8 सालों तक कॉलेज से गायब रही। यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। मंगलवार को खुफिया एजेंसियों की एक संयुक्त टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची और विभाग के अधिकारियों से करीब दो घंटे तक गहन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों ने डॉ. शाहीन की नियुक्ति, तबादलों, व्यक्तिगत जीवन और कॉलेज से उनके अंतिम संपर्कों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई।
कौन थीं डॉ. शाहीन?डॉ. शाहीन का चयन लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से हुआ था। वर्ष 2006 में उन्हें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के रूप में तैनात किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान वे गंभीर, मेहनती और अनुशासित शिक्षिका के रूप में जानी जाती थीं। वर्ष 2009 में उनका छह महीने के लिए कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ था। तबादले की अवधि पूरी होने के बाद वे फरि कानपुर लौटीं और अपनी सेवा जारी रखी। वर्ष 2013 में वे अचानक लापता हो गईं, जिससे विभाग और उनके परिजनों में हड़कंप मच गया।
2013 से रहस्यमय तरीके से गायबकॉलेज प्रशासन के मुताबिक, डॉ. शाहीन ने किसी प्रकार का त्यागपत्र या अवकाश आवेदन नहीं दिया था। कई वर्षों तक संपर्क न होने के कारण शासन स्तर से लगातार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अखिरकार, वर्ष 2021 में शासन ने उनकी सेवा समाप्त करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। खुफिया एजेंसियों के जांच अधिकारियों ने बताया कि डॉ. शाहीन ने वर्ष 2015 में अपने पति जफर हयात से तलाक ले लिया था। तलाक के बाद उनके पते में लखनऊ का पता दर्ज है। जांचकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि तलाक और उनके लापता होने के बीच कोई संबंध है या नहीं।
खुफिया एजेंसियां कर रहीं जांचमंगलवार को जीएसवीएम कॉलेज पहुंचे जांच अधिकारियों ने फार्माकोलॉजी विभाग के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ की। यह पता लगाने की कोशिश की गई कि 2013 से पहले डॉ. शाहीन किन लोगों के संपर्क में थी? उसकी गतिविधियां क्या थी? आखिरी बार कॉलेज में किस दिन देखी गई थी? जांच टीम ने कॉलेज के पुराने रिकॉर्ड, बायोमेट्रिक उपस्थिति रजिस्टर और स्टाफ फाइलों की भी जांच की। अधिकारियों से यह भी पूछा गया कि क्या उस दौरान किसी प्रकार की शिकायत या विवाद दर्ज किया गया था?
साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि 2013 से 2021 तक आखिर 8 सालों तक डॉ. शाहीन कहां रही? शाहीन शाहिद जैश के महिला विंग की हेड होने की बात सामने आने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह आतंकी संगठन के संपर्क में कैसे आई? उसकी कार से बरामद हथियारों को भी लेकर चर्चा तेज है। साथ ही, फरीदाबाद के अलफलाह यूनिवर्सिटी से उसका संपर्क कैसे हुआ?
लखनऊ कनेक्शन की भी जांचखुफिया सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन का लखनऊ से जुड़ा पता और कुछ पुराने संपर्क अब जांच के केंद्र में हैं। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उनके लापता होने के बाद क्या वे लखनऊ या किसी अन्य शहर में रह रही थीं, या देश छोड़ चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक उनके किसी बैंक खाते, मोबाइल नंबर या सरकारी अभिलेख से कोई ताजा गतिविधि नहीं मिली है।
30 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी30 अक्टूबर को फरीदाबाद अल फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस के छात्र डॉ. मुज्जमिल अहमद को हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ और छानबीन में उसके किराए के मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। पूछताछ में मुज्जमिल ने शाहीन शाहिद का नाम लिया। इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने शाहीन को हिरासत में लिया। मुज्जमिल के पास मिली लग्जरी कार भी शाहीन के नाम पर दर्ज निकली।
इस कार की डिक्की से एक AK-47 राइफल और कई मैगजीन बरामद हुईं। शाहीन खुद एक प्रतिष्ठित अस्पताल में प्रैक्टिस करने वाली डॉक्टर है। उनकी गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने दोनों के कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजेक्शन और सोशल मीडिया चैट की गहन पड़ताल शुरू कर दी। पड़ताल में ही शाहीन के लखनऊ कनेक्शन सामने आया। इसी के बाद लखनऊ के डॉक्टर परवेज और कुछ अन्य लोगों का लिंक एजेंसियों को मिला।
डॉ. शाहीन हुई थी गायबआतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की हेड डॉ. शाहीन शाहिद का लखनऊ और कानपुर कनेक्शन सामने आया है। दरअसल, उसका घर लखनऊ के मड़ियांव के लालबाग इलाके में है। डॉ. शाहीन का लोक सेवा आयोग से चयन हुआ था। इसके बाद उसकी नियुक्ति कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई। डॉ. शहीन वर्ष 2013 में ये बिना कोई कारण बताए कॉलेज से गायब हो गई।
डॉ. शाहीन की शादी जफर हयात से हुई थी। दोनों के बीच रिश्ता अधिक चल नहीं पाया। वर्ष 2015 में शाहीन ने जफर से तलाक ले लिया। हालांकि, इस दौरान वह कॉलेज से गायब रहीं। लगातार गायब रहने के कारण वर्ष 2021 में डॉ. शाहीन को बर्खास्त कर दिया गया।
फार्माकोलॉजी विभाग में हुई थी नियुक्तिडॉ. शाहीन की नियुक्ति कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता पद पर हुई थी। पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन करीब 8 सालों तक कॉलेज से गायब रही। यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। मंगलवार को खुफिया एजेंसियों की एक संयुक्त टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची और विभाग के अधिकारियों से करीब दो घंटे तक गहन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों ने डॉ. शाहीन की नियुक्ति, तबादलों, व्यक्तिगत जीवन और कॉलेज से उनके अंतिम संपर्कों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई।
कौन थीं डॉ. शाहीन?डॉ. शाहीन का चयन लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से हुआ था। वर्ष 2006 में उन्हें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के रूप में तैनात किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान वे गंभीर, मेहनती और अनुशासित शिक्षिका के रूप में जानी जाती थीं। वर्ष 2009 में उनका छह महीने के लिए कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ था। तबादले की अवधि पूरी होने के बाद वे फरि कानपुर लौटीं और अपनी सेवा जारी रखी। वर्ष 2013 में वे अचानक लापता हो गईं, जिससे विभाग और उनके परिजनों में हड़कंप मच गया।
2013 से रहस्यमय तरीके से गायबकॉलेज प्रशासन के मुताबिक, डॉ. शाहीन ने किसी प्रकार का त्यागपत्र या अवकाश आवेदन नहीं दिया था। कई वर्षों तक संपर्क न होने के कारण शासन स्तर से लगातार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अखिरकार, वर्ष 2021 में शासन ने उनकी सेवा समाप्त करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। खुफिया एजेंसियों के जांच अधिकारियों ने बताया कि डॉ. शाहीन ने वर्ष 2015 में अपने पति जफर हयात से तलाक ले लिया था। तलाक के बाद उनके पते में लखनऊ का पता दर्ज है। जांचकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि तलाक और उनके लापता होने के बीच कोई संबंध है या नहीं।
खुफिया एजेंसियां कर रहीं जांचमंगलवार को जीएसवीएम कॉलेज पहुंचे जांच अधिकारियों ने फार्माकोलॉजी विभाग के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ की। यह पता लगाने की कोशिश की गई कि 2013 से पहले डॉ. शाहीन किन लोगों के संपर्क में थी? उसकी गतिविधियां क्या थी? आखिरी बार कॉलेज में किस दिन देखी गई थी? जांच टीम ने कॉलेज के पुराने रिकॉर्ड, बायोमेट्रिक उपस्थिति रजिस्टर और स्टाफ फाइलों की भी जांच की। अधिकारियों से यह भी पूछा गया कि क्या उस दौरान किसी प्रकार की शिकायत या विवाद दर्ज किया गया था?
साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि 2013 से 2021 तक आखिर 8 सालों तक डॉ. शाहीन कहां रही? शाहीन शाहिद जैश के महिला विंग की हेड होने की बात सामने आने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह आतंकी संगठन के संपर्क में कैसे आई? उसकी कार से बरामद हथियारों को भी लेकर चर्चा तेज है। साथ ही, फरीदाबाद के अलफलाह यूनिवर्सिटी से उसका संपर्क कैसे हुआ?
लखनऊ कनेक्शन की भी जांचखुफिया सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन का लखनऊ से जुड़ा पता और कुछ पुराने संपर्क अब जांच के केंद्र में हैं। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उनके लापता होने के बाद क्या वे लखनऊ या किसी अन्य शहर में रह रही थीं, या देश छोड़ चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक उनके किसी बैंक खाते, मोबाइल नंबर या सरकारी अभिलेख से कोई ताजा गतिविधि नहीं मिली है।
30 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी30 अक्टूबर को फरीदाबाद अल फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस के छात्र डॉ. मुज्जमिल अहमद को हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ और छानबीन में उसके किराए के मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। पूछताछ में मुज्जमिल ने शाहीन शाहिद का नाम लिया। इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने शाहीन को हिरासत में लिया। मुज्जमिल के पास मिली लग्जरी कार भी शाहीन के नाम पर दर्ज निकली।
इस कार की डिक्की से एक AK-47 राइफल और कई मैगजीन बरामद हुईं। शाहीन खुद एक प्रतिष्ठित अस्पताल में प्रैक्टिस करने वाली डॉक्टर है। उनकी गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने दोनों के कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजेक्शन और सोशल मीडिया चैट की गहन पड़ताल शुरू कर दी। पड़ताल में ही शाहीन के लखनऊ कनेक्शन सामने आया। इसी के बाद लखनऊ के डॉक्टर परवेज और कुछ अन्य लोगों का लिंक एजेंसियों को मिला।
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