दूर-दराज से श्रद्धालु यहां पहुंचकर माता के चमत्कारी स्वरूप के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि यहां जो भी भक्त उदास मन से आता है, मां उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं। यही कारण है कि भक्त विश्वास और श्रद्धा के साथ सुख-शांति, समृद्धि और जीवन में सफलता की कामना करते हुए यहां माथा टेकते हैं। लेकिन इस मंदिर के भोग को लेकर एक खास बात है जो माता को चढ़ाया जाता है। चलिए जानते हैं क्या है मंदिर और भोग के बारे में।
कहां है ये मंदिर
मध्यप्रदेश के देवास जिले के जंगलों में स्थित बगोई माता का मंदिर मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ये पवित्र धाम देवास जिले के बेहरी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। स्थानीय लोगों की बगोई माता के प्रति गहरी आस्था है। मान्यता है कि इस मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता और माता सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
भक्त नंगे पांव माता के दरबार में पहुंचते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आकर सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त मिश्री, मेवा, पंचामृत और विशेष रूप से कद्दू का भोग अर्पित करते हैं। नवरात्रि में यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है।
यहां लगता है नवरात्रि का मेला
नवरात्रि के दौरान मां ब्रह्मचारिणी मंदिर में भक्तों का मेला सा लगता है। दूर-दूर से श्रद्धालु नंगे पैर माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत मां ब्रह्मचारिणी शीघ्र पूरी करती हैं। मन्नत पूरी होने पर भक्त आभार स्वरूप माता को घी, गुड़ और मिश्री से बना प्रसाद चढ़ाते हैं। इसके अलावा भूरे कद्दू की पूजा कर उसे माता को अर्पित करना यहां की विशेष परंपरा मानी जाती है।
माता के दर्शन से रोग होते हैं दूर
बगोई माता मंदिर की खास मान्यता है कि यदि किसी जानवर को संक्रमित बीमारी हो जाए तो उसे माता के दरबार में लाकर अभिमंत्रित भभूत लगा देने से उसका कष्ट दूर हो जाता है और वह स्वस्थ होकर घर लौटता है।
कद्दू का चढ़ता है यहां भोग

मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित बगोई माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां माता को कद्दू का खास भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि कद्दू के साथ दूध, घी, गुड़ और पंचामृत अर्पित करने से बगोई माता प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर प्रसाद स्वरूप कद्दू भेंट करते हैं। बगोई माता की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यहां की भभूति चमत्कारी मानी जाती है, जिसके प्रयोग से शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
कैसे पहुंचे बगोई माता मंदिर
साधक किसी भी यातायात माध्यम से मध्यप्रदेश के देवास आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां से बेहरी तक सड़क मार्ग उपलब्ध है, लेकिन बेहरी से बगोई माता मंदिर तक नंगे पैर जाना परंपरा मानी जाती है। घने जंगल में स्थित यह प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। फ्लाइट और ट्रेन दोनों से देवास पहुंचना सुविधाजनक है। नवरात्रि के दौरान यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और माता के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
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