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झांसी की रानी पहनती थीं 9 गज लंबी नऊवारी साड़ी, आखिर क्या है इसके नाम का मतलब? पुरुषों से जुड़ा है इतिहास

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आपके घर की अलमारी में मौजूद अगर आप एक- एक कपड़े के इतिहास के बारे में सोचेंगे तो एक की भी हिस्ट्री नहीं बता पाएंगे। महाराष्ट्र की नऊवारी साड़ी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। गुड़ी पड़वा से लेकर बॉलीवुड की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' तक, आए दिन किसी ने किसी मौके पर इस साड़ी में महिलाएं देखने के लिए मिल जाती हैं। लेकिन फिर भी लोग नहीं जानते कि आखिर महाराष्ट्र की नऊवारी साड़ी की शुरुआत हुई कैसे।


वैसे नऊवारी साड़ी की शुरुआत की कहानी है तो बहुत दिलचस्प। इसकी शुरुआत फैशन और स्टाइल को देखते नहीं की गई थी। बल्कि नऊवारी साड़ी का इतिहास तो मराठा योद्धाओं से जुड़ा हुआ है। झांसी की रानी भी इसे पहना करती थीं। इस साड़ी के डिजाइन सबसे सुंदर होते हैं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@lokhandeankita, kanganaranaut)

क्या है नऊवारी शब्द का मतबल? image

नऊवारी साड़ी का नाम मराठी शब्द nau से निकला है। जिसका मतबल होता है 9। और, यह नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि इस साड़ी की लंबाई 9 गज की होती है। महाराष्ट्र से ही इस साड़ी की शुरुआत हुई। जिस वजह से आज भी वहां की महिलाएं हर खास मौके पर नऊवारी साड़ी पहनकर ही सजी दिखाई देती हैं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@kanganaranaut)


आखिर कैसे हुई नऊवारी साड़ी की शुरुआत? image

मराठा साम्राज्य से जुड़ी इस साड़ी की शुरुआत इसलिए हुई ताकी महिलाएं आसानी से युद्धों में पुरुषों की सहायता कर सकें। इस साड़ी को धोती वाले स्टाइल से ड्रेप किया जाता है। जिससे इसे पहनकर चलने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं आती है। इस साड़ी के नीचे पेटीकोट भी नहीं पहना जाता है। जिससे चलना और आसान हो जाता है। इसी वजह से झांसी की रानी भी इसी साड़ी को पहनती थीं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@saai_kalakar)



चमत देखते रह जाते हैं लोग image

नऊवारी साड़ी को आमतौर पर सिल्क से ही तैयार किया जाता है। साथ ही इसे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले लाल और बैंगनी जैसे वाइब्रेंट रंगों का इस्तेमाल होता है। जिससे साड़ी की चमक दोगुनी हो जाती है। साड़ी पर कई तरह के पैटर्न जोड़े जाते हैं। और, फिर एक बॉर्डर भी ऐड किया जाता है। जिससे लुक कंप्लीट बन जाता है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@lokhandeankita)


खास है ड्रेपिंग स्टाइल image

आमतौर पर आपको पूरे भारत में महिलाएं एक ही तरीके से साड़ी पहनी नजर आएंगी। लेकिन सबसे सुंदर नऊवारी साड़ी अलग है। इस साड़ी में पीछे की तरफ प्लीट्स ऐड की जाी हैं। साथ ही साड़ी बांधने के बाद धोती की तरह हो जाती है। साड़ी पहनकर मराठी महिलाएं नथ जैसे पारंपरिक गहने पहनकर अपने लुक को कंप्लीट बनाती हैं। (फोटो साभार:इंस्टाग्राम@_.rutuja.shivalkar._)


क्यों पहनी हैं मराठी दुल्हन? image

जैसे हर राज्य की दुल्हन अलग तरीके सजती है। उसी तरह महाराष्ट्रीयन दुल्हनें नऊवारी साड़ी पहनकर दुल्हन बनती हैं। मराठी लोग इस साड़ी को शुभ, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक नामते हैं। कहा जाता है कि 9 गज की साड़ी संपूर्णता का दर्शाती है, जिसे पहनकर शादी से नई दुल्हन के जीवन में खुशियों की बहार आ जाती है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@med.haviyadav)


लावणी के वक्त भी यही साड़ी जाती है पहनी image

कई फिल्मों और टीवी शो में आपने लावणी नृत्य देखा होगा। इसे डांस को करते वक्त भी महिलाएं नऊवारी साड़ी ही पहनती हैं। इससे उन्हें डांस करने में कोई परेशानी नहीं होती। और, डांस का एक- एक मूव अच्छे से फ्लॉन्ट हो पाता है।





तो यह थी नऊवारी साड़ी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। जिनके बारे में सालों से नऊवारी साड़ी पहन रही महिलाएं तक नहीं जानती हैं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@bunny_6927)

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