अलीगढ़: दिवाली के दिन टप्पल के गांव सालपुर में खुशियां मातम में बदल गईं जब खेलते हुए बच्चे ट्रैक्टर की चपेट में आ गए। इस हादसे में ढाई साल के कविश की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं चार साल की बहन दिव्या गंभीर रूप से घायल हो गई और अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। यह घटना 20 अक्टूबर की दोपहर को हुई जब परिवार दिवाली की खुशियों में व्यस्त था।
भीमसेन डागुर के परिवार के बड़े बेटे कर्मवीर और छोटे बेटे राजीव की चार बेटियां और एक बेटा बरामदे में खड़े ट्रैक्टर पर खेल रहे थे। इनमें से राजीव का बेटा कविश और बेटी दिव्या ट्रैक्टर के आगे खेल रहे थे। अन्य बच्चे ट्रैक्टर पर सवार थे। अचानक ट्रैक्टर के चालू होने से कविश और दिव्या दीवार और ट्रैक्टर के बीच आ गए। कविश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दिव्या का सिर और चेहरा कुचल गया। बच्चों की चीख सुनकर आईं महिलाओं ने यह हालत देखी और शोर मचाकर पड़ोस के लोगों को बुलाया। लोगों ने देखा कि ट्रैक्टर का पिछला पहिया घूम रहा था।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाललोगों ने ट्रैक्टर को बंद किया और उसे पीछे खींचा। इसके बाद बच्चों को बाहर निकाला गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने कविश डागुर को मृत घोषित कर दिया। दिव्या का इलाज जेवर के कैलाश अस्पताल में चल रहा है। परिवार ने देर रात को कविश का अंतिम संस्कार कर दिया। वह चार बहनों के बीच इकलौता भाई था। इकलौते बेटे की मौत के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मां, पिता और दादा बेसुध हैं।
बीएसफ में कार्यरत हैं राजीव डागुरबीएसएफ में कार्यरत राजीव डागुर दिवाली के अवकाश पर घर आए थे। घटना के समय दोपहर को वह चचेरे भाई मंजीत के साथ बच्चों के पटाखे व बाइक खरीदने कस्बा जट्टारी गए थे। मां सर्वेश घर के काम में जुटीं थीं। दादा भीमसेन छोटे बेटे राहुल के साथ खेतों पर पानी लगा रहे थे। इस बीच बच्चे बरामदे में खड़े ट्रैक्टर पर खेल रहे थे।
भीमसेन डागुर के परिवार के बड़े बेटे कर्मवीर और छोटे बेटे राजीव की चार बेटियां और एक बेटा बरामदे में खड़े ट्रैक्टर पर खेल रहे थे। इनमें से राजीव का बेटा कविश और बेटी दिव्या ट्रैक्टर के आगे खेल रहे थे। अन्य बच्चे ट्रैक्टर पर सवार थे। अचानक ट्रैक्टर के चालू होने से कविश और दिव्या दीवार और ट्रैक्टर के बीच आ गए। कविश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दिव्या का सिर और चेहरा कुचल गया। बच्चों की चीख सुनकर आईं महिलाओं ने यह हालत देखी और शोर मचाकर पड़ोस के लोगों को बुलाया। लोगों ने देखा कि ट्रैक्टर का पिछला पहिया घूम रहा था।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाललोगों ने ट्रैक्टर को बंद किया और उसे पीछे खींचा। इसके बाद बच्चों को बाहर निकाला गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने कविश डागुर को मृत घोषित कर दिया। दिव्या का इलाज जेवर के कैलाश अस्पताल में चल रहा है। परिवार ने देर रात को कविश का अंतिम संस्कार कर दिया। वह चार बहनों के बीच इकलौता भाई था। इकलौते बेटे की मौत के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मां, पिता और दादा बेसुध हैं।
बीएसफ में कार्यरत हैं राजीव डागुरबीएसएफ में कार्यरत राजीव डागुर दिवाली के अवकाश पर घर आए थे। घटना के समय दोपहर को वह चचेरे भाई मंजीत के साथ बच्चों के पटाखे व बाइक खरीदने कस्बा जट्टारी गए थे। मां सर्वेश घर के काम में जुटीं थीं। दादा भीमसेन छोटे बेटे राहुल के साथ खेतों पर पानी लगा रहे थे। इस बीच बच्चे बरामदे में खड़े ट्रैक्टर पर खेल रहे थे।
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