Next Story
Newszop

विधायक बनने के बाद भी नहीं भूले ड्यूटी, सीधे पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस, हसमुख पटेल ने बताया दोनों प्लेन क्रैश का हाल

Send Push
अहमदाबाद: अहमदाबाद प्लेन क्रैश को 10 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन इस भीषण हादसे के बाद डेडबॉडी की पहचान का सिलसिला अभी अहमदाबाद के असरवा इलाके में स्थिति सिविल अस्पताल में जारी है। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना ने गुजरात के बीजेपी के विधायक डॉ. हसमुख पटेल 1988 में हुए प्लेन क्रैश की यादों ढकेल दिया तब 133 लोगों की मौत हुई थी। अहमदाबाद के अमराईवाड़ी से विधायक डॉ. हसमुख पटेल को जब 12 जून को प्लेन क्रैश की सूचना मिली थी तो तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचे। पटेल की जिंदगी में इस भयावह त्रासदी ने पटेल को उसी जगह पर भेज दिया था जहां वे 1988 में थे।





image



MLA ने डेडबॉडी पर लगाए टैग

हसमुख पटेल के अनुसार 1998 में एक मेडिकल छात्र के तौर काम किया था। इस बार एक जनप्रतिनिधि के तौर पर वहां पहुंचा और व्यवस्था को संभाला। पटेल अमराईवाड़ी से विधायक हैं। इसी से जुड़ा हुआ क्षेत्र असरवा है। जहां पर सिविल अस्पताल और प्लेन क्रैश की घटना घटी। पटेल बताया कि जब मैं सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम बिल्डिंग में पहुंचा तो स्थिति बहुत खराब थी। अगले चार से पांच घंटों तक मैंने शव पर टैग लगाने का काम किया, जो आगे की प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण था। उनके अनुसार, अगले दिन जब रिश्तेदार आने लगे तो उन्होंने शव की पहचान करने और डीएनए मिलान के लिए नमूने देने में उनकी मदद की।









तब छोटा था पोस्टमार्टम रूम

पटेल ने 1988 में तब मुंबई (तब बंबई) से अहमदाबाद आ रहा इंडियन एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। फलस्वरुप 133 लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि मैं तब बीजे मेडिकल कॉलेज में MBBS के दूसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। अहमदाबाद में 12 जून को प्लेन क्रैश की घटना बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर हुई थी। इसमें 241 यात्रियों की मौत हो गई थी। पटेल ने बताया कि 1988 की दुर्घटना वक्त पर काफी 133 लोगों की मौत हुई तब सिविल अस्पताल का पोस्टमार्टम रूम काफी छोटा था। पटेल कहते हैं कि उन्होंनें दोनों घटनाओं के की स्थिति देखी। दोनों ही बहुत ही हृदय विदारक बताया।









निजी प्रैक्टिस के बाद बने डॉक्टर


डॉ. हसमुख पटेल ने पैथोलॉजी में एमडी की है। पटेल कहते हैं, मैं 1988 में एक छात्र था, लेकिन इस घटना के बाद मोर्चे पर रहना मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी। मेरे कई सहपाठी अब विभिन्न विभागों के प्रमुख हैं। पटेल ने कई सालों तक निजी प्रैक्टिस की और फिर उन्होंने राजनीति में हाथ आजमाया। पटेल 2022 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अमराईवाड़ी विधानसभा सीट से जीते थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)
Loving Newspoint? Download the app now