थायरॉयड डिजीज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जिसके हर साल करोड़ों मामले सामने आते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया भर में अनुमानित 200 मिलियन लोगों में थायराइड डिजीज का निदान किया जाता है, और लाखों लोग आयोडीन की कमी के कारण जोखिम में हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि थायरॉयड एक जरूरी एंडोक्राइन ग्लैंड है, जो कुछ तरह के हार्मोन बनाती और रिलीज करती है। थायरॉयड का मुख्य काम मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करना है। कभी-कभी थायराइड सही तरीके से काम नहीं करता है और शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, इससे शरीर का वजन कम या ज्यादा हो जाता है। इस समस्या को ही हम थायराइड के नाम से जानते हैं।
हालांकि अच्छी बात ये है कि इसे दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर कंट्रोल में रखा जा सकता है। साथ ही थायराइड को एक्यूप्रेशर से भी हील किया जा सकता है। जी हां, जानी मानी आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलिया ने अपने इंस्टाग्राम पर जानकारी दी है कि एक्यूप्रेशर से भी आप इस डिजीज से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं किस तरह एक्यूप्रेशर थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करता है और इसके क्या फायदे हैं।
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थायरॉयड से राहत पाने का आसान तरीका?
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलियाअपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को आसान समाधान देने के लिए मशहूर हैं। वह अपने फॉलोअर्स को आयुर्वेद के जरिए हील करने में मदद करती हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर कर बताया किएक्यूप्रेशर के जरिए भी थायरॉयड डिसऑर्डर से राहत पाई जा सकती है।
क्या होता है एक्यूप्रेशर?
बता दें एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चिकित्सा तकनीक है जिसमें शरीर के विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है। जिसके लिए हाथों या उंगलियों का उपयोग किया जाता है। इससे आप तमाम तरह की बीमारियों और दर्द से आराम पा सकते हैं।
कैसे करें एक्यूप्रेशर?
डॉक्टर ने उस प्वाइंट के बारे में जानकारी दी है, जिसे अपने अंगूठे की मदद से दबाने पर आप थायरॉयड को हील कर सकते हैं, जिसे आप इस वीडियो में देख सकते हैं। आपको दोनों हथेलियों के इस प्वाइंट को रोजाना खाली पेट50-100 बार दबाना है।
देखें वीडियो
क्या हैं फायदे?
इस एक्यूप्रेशरप्वाइंटको दबाने से निम्नलिखित तरीकों से थायराइड रोग को ठीक करने में मदद मिल सकती है:-
इससे हाइपरथायरायडिज्म के मरीजों में स्वाभाविक रूप से थायराइड हार्मोन का स्तर कम होता है।
हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों में थायराइड हार्मोन के स्तर में सुधार होता है।
फिजिकल और इमोशनल स्ट्रेस के प्रति सेंसिटिविटी को कम करने के साथ-साथ रिलैक्सेशन को बढ़ावा देता है।
बालों में सुधार,जोड़ों की गतिशीलता,मांसपेशियों की कठोरता,ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर सूखापन कम करता है।
थायरॉइड नोड्यूल्स,गोइटर,हाशिमोटो,ग्रेव्स (ऑटो-इम्यून थायरॉइड डिजीज) में सूजन को कम और थायराइड फंक्शन में सुधार होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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