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मॉनसून सत्र के लिए पक्ष-विपक्ष दोनों तैयार, टकराव के पूरे आसार; विपक्ष की रणनीति कुंद करने का सरकार का प्लान समझिए

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नई दिल्ली: सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। ये 21 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस एक महीने के सत्र के शुरुआत में ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव के पूरे आसार हैं। इसकी दोनों तरफ से तैयारी भी की गई है। विपक्ष ने जहां अपनी रणनीति बनाई है वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष की रणनीति कुंद करने की तैयारी में है। इस सत्र में सरकार 8 नए बिल ला रही है और पेंडिंग बिलों को पास कराने की भी कोशिश होगी। इनकम टैक्स बिल अहम रहेगा। साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को भी इस सत्र में मंजूरी दी जाएगी।



किन मुद्दों पर टकराव के आसार हैंपहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान और बिहार में वोटर लिस्ट रिविजन, ये ऐसे मुद्दे हैं जिस पर दोनों तरफ से रणनीति तैयार हो रही है। विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर को लेकर यह सवाल उठाता रहा है कि इसमें भारत को कितना नुकसान हुआ। साथ ही ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता वाले बयान पर भी लगातार सरकार से सवाल पूछता रहा है।



विपक्ष की मांग...जब सरकार ने नहीं मानीविपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना। संसद सत्र शुरू होने के साथ ही विपक्ष इन पर चर्चा करने की मांग कर सकता है और स्थगन प्रस्ताव ला सकता है। हालांकि बीजेपी के नेताओं की तरफ से पहले ही कहा गया है कि सरकार हर चर्चा के लिए तैयार है।



संसद सत्र के लिए सरकार की रणनीतिसत्ता पक्ष अपनी रणनीति पर काम कर रहा है। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई बैठक में इस पर बात हुई। इसमें सरकार के सीनियर मंत्रियों को आर्म्ड फोर्सेस की तरफ से ब्रीफ भी किया गया। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के अलग अलग पहलुओं के बारे में स्थिति साफ की गई। राजनाथ सिंह संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बयान दे सकते हैं। रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है जिसमें सरकार की तरफ से साफ किया जा सकता है कि रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर पर बयान देंगे, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर भी बात हो सकती है।



बिहार वोटर लिस्ट पर विपक्ष को जवाब देने की तैयारीबिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए भी सरकार की तरफ से तैयारी है। मामला कोर्ट में है, साथ ही सत्ता पक्ष की तरफ से बार बार कहा जाता रहा है कि यह चुनाव आयोग का फैसला है। इसी मुद्दे के बहाने बीजेपी बांग्लादेशी घुसपैठियों के मसले पर विपक्ष को घेरने की कोशिश भी करेगी। विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा, इसे भी सत्ता पक्ष अपने पक्ष में मान रहा है।



जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्तावकई मुद्दों पर टकराव की संभावना के बीच ही जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव में सभी की राय एक है। सरकार इस सत्र में इस पर प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। इस प्रस्ताव के संसद में पेश होने के बाद पीठासीन अधिकारी जांच समिति का गठन करेंगे और उसकी रिपोर्ट आने के बाद जस्टिस वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इसलिए इसमें काफी वक्त लगेगा।



ये बिल पेश होने हैं इस सत्र में

मणिपुर वस्तु और सेवा कर संशोधन विधेयक, टैक्सेशन कानून संशोधन विधेयक, जनविश्वास विधेयक, आईआईएम संशोधन विधेयक, जिओहेरिटेज साइट्स और जिओ-रिलिक्स संरक्षण विधेयक, खनिज विकास एवं विनियमन संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक।



ये बिल हो सकते हैं पास

इनकम टैक्स बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, इंडियन पोर्ट्स बिल, गोवा में अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों के पुन: समायोजन संबंधी बिल।



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