ज्येष्ठ माह में बैंगन खाने की न करें गलती

ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ माह में भूलकर भी बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने व्यक्ति को दोष लग सकता है। यह भी कहा जाता है कि जिनके जेष्ठ संतान जीवित हों इन्हें खासतौर से इस नियम का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि बैंगन खाना संतान के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। साथ ही, आयुर्वेद के अनुसार भी इस महीने में बैंगन खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे शरीर में वात रोग और गर्मी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
ज्येष्ठ माह में ये चीजें करें दान, मनोकामना होगी पूर्ण
माना जाता है कि ज्येष्ठ में कुछ चीजों का दान करना विशेष रूप से फलदायी होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में तिल का दिन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक पर उनकी कृपा बनी रहती है। साथ ही, इससे विष्णुजी आपकी मनोकामनाएं भी पूरी कर सकते हैं और अकाल मृत्यु की बाधा भी दूर होती है।
ज्येष्ठ माह में दिन में सोने से बनेंगे रोगी

कहा जाता है कि ज्येष्ठ के महीने में किसी भी व्यक्ति को दिन के समय नहीं सोना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। इस पर घाघ की एक कहावत भी है कि 'ज्येष्ठ माह जो दिन में सोए, ओकर जर असाढ़ में रोए' यानी इस महीने में जो व्यक्ति दिन में सोता है उसे हमेशा कोई न कोई रोग होता रहता है। ज्येष्ठ माह में धूप में चलने की भी मनाही होती है। इससे व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
ज्येष्ठ माह में बजरंगबली की पूजा से दूर होंगे सारे कष्ट
ऐसी मान्यता है कि इस महीने में श्रीराम भगवान की हनुमानजी से मिले थे। ऐसे में यह माह बजरंगबली को बेहद प्रिय है। यही कारण है कि ज्येष्ठ माह में बड़ा मंगल भी मनाया जाता है। अगर आप इस महीने में भगवान राम के साथ हनुमानजी की भी नियमित रूप से पूजा करते हैं, तो इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्टों से निजात मिल सकती है। ज्येष्ठ माह में हनुमानजी की पूजा करने से जातक के जीवन में खुशहाली आने लगती है।
ज्येष्ठ माह में यह काम करने से बनेंगे धनवान
महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार, 'ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्, ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।' इसका मतलब है कि ज्येष्ठ माह में जो भी व्यक्ति केवल एक समय भोजन करता है वह धनवान बनता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह में एक समय भोजन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और उसका धन चिकित्सा में लगने से बच जाता है।
ज्येष्ठ माह में न करें पानी की बर्बादी

माना जाता है कि ज्येष्ठ में जल की बर्बादी करने से बचना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे वरुण दोष लग सकता है जिससे जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं। ज्येष्ठ माह के दौरान जल दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप रोज सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद पशु-पक्षियों और प्यासे लोगों के लिए जल की व्यवस्था कर सकते हैं। इससे पुण्य प्राप्त होता है और व्यक्ति को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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