Next Story
Newszop

गर्भवती महिला को बारिश के दौरान उफनती नदी में खाट पर ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में ही गूंजी बच्चे की किलकारी

Send Push
चतराः झारखंड के कई हिस्सों में अब भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। चतरा जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई। लेकिन सड़क और पुल न होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। परिजन महिला को खाट के सहारे अस्पताल ले जाने के लिए घर से निकले, लेकिन रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।



सड़क और पुल की कमी के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंची

दरअसल चतरा जिले के प्रतापपुर में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 ममता वाहन को बुलाया गया। लेकिन प्रतापपुर में सड़क और पुल की कमी के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिसके बाद ग्रामीणों ने महिला को खाट के सहारे अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।



बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधा

इस घटना पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा-'पता नहीं सरकार की संवेदनाएं कहां मर गई हैं? झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर में सड़क और पुल की कमी के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। सड़क न होने की वजह से गर्भवती महिला को रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ा। परिजनों ने 108 ममता वाहन को बुलाया, लेकिन एंबुलेंस न पहुंच पाने के कारण महिला को सड़क पर ही बच्चा जन्म देना पड़ा।'



बाबूलाल मरांडी ने कहा- 'एक तरफ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मरीजों को ऑटो में ठूंसने पर मजबूर कर रहे हैं, और उनका बेटा अस्पताल के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहा है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली में बैठकर रिम्स-2 के नाम पर आदिवासियों की जमीन हड़पने की साजिश रच रहे हैं। हेमंत सोरेन और इरफान अंसारी जैसे परिवारवादी नेताओं ने बचपन से ही हर सुख-सुविधा पाई है, इसलिए इन्हें गरीब, दलित और आदिवासी जनता का दर्द नज़र नहीं आता।'
Loving Newspoint? Download the app now