कम नींद से जल्दी मौत और कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें ब्लड शुगर भी शामिल है। जी हां, आपकी नींद सीधेतौर पर आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है। खराब नींद इंसुलिन रेसिस्टेंस को जन्म देती है, जिससे बॉडी में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है।
आइए जानते हैं खराब नींद किस तरह से ब्लड शुगर को बढ़ाने में भूमिका निभाती है और अच्छी सेहत के लिए आपको किस समय सोना और उठना चाहिए।
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नींद की कमी से हो सकता है इंसुलिन रेसिस्टेस
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलिया ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में बताया कि कैसे खराब नींद स्ट्रेस और भूख के हार्मोन को बढ़ाती है, फैट बर्निंग को रोकती है और इंसुलिन रेसिस्टेंस को जन्म देती है। आइए समझते हैं 5 प्वाइंट से
लेप्टिन और घ्रेलिन हॉर्मोन पर पड़ता है असर
इसके अलावा नींद की कमी से लेप्टिन (तृप्ति का हार्मोन) का स्तर कम और घ्रेलिन (भूख का हार्मोन) का लेवल बढ़ जाता है। इससे होता क्या है आप ओवरईटिंग करने लगते हैं, खासकर कार्ब्स का, जिससे ग्लूकोज बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में इंसुलिन की मांग बढ़ जाती है और धीरे-धीरे इंसुलिन प्रतिरोध विकसित हो जाता है।
फैट मेटाबॉलिज्म होता है प्रभावित

शरीर के लिए डीप स्लीप बेहद जरूरी है, क्योंकि गहरी नींद के दौरान विकास हार्मोन (Growth hormone) चरम पर होता है और ऊतकों की मरम्मत होती है। वहीं, अगर आप डीप स्लीप नहीं लेते हैं तो इससे फैट मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है और शरीर फैट स्टोरेज और ग्लूकोज इनटोलरेंस की ओर बढ़ने लगता है।
सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम का अत्यधिक सक्रिय होना
इसके अलावा खराब स्लीप साइकिल की वजह से बिना खाना के भी आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ी हुई रह सकती है। दरअसल, खराब नींद के चलते "लड़ो या भागो (fight or flight)" मोड अतिसक्रिय हो जाता है। यह इंसुलिन के एक्शन को दबा देता है और भोजन के बिना भी ग्लूकोज को हाई रखता है।
माइटोकॉन्ड्रियल हानि
केवल इतना ही नहीं बल्कि नींद की कमी माइटोकॉन्ड्रियल की क्षमता को कमजोर कर देती है, जिससे कम ग्लूकोज जलता है और इंसुलिन की आवश्यकता बढ़ जाती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध विकसित हो जाता है।
सोने और जागने का सबसे अच्छा समय क्या है?
ब्लड शुगर हाई होने से रोकने के लिए आपको डीप स्लीप की बेहद जरूरी है। साथ ही सोने और उठने का सही समय भी आपके शरीर पर सकारात्मक असर डालता है, ऐसे में सुनिश्चित करें कि आप डेली एक निश्चित समय पर सोएं और जागें। डॉक्टर ने बताया कि संतुलित हार्मोन और हेल्दी शुगर लेवल के लिए, रात के 10 बजे से पहले सो जाना चाहिए और सुबह 6 बजे से पहले (आदर्श रूप से सुबह 4:30-5:30- ब्रह्म मुहूर्त) उठना चाहिए। इससे बॉडी को गहरी नींद मिलती है और आप हल्कापन और स्पष्टता महसूस करते हैं। साथ ही यह आपके पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद है। वहीं, अगर आप 6 बजे के बाद उठते हैं तो इससे सुस्ती, वजन बढ़ना और डलनेस की समस्या हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
Sleep Deprivation 7

सोने और जागने का सबसे अच्छा समय क्या है?
ब्लड शुगर हाई होने से रोकने के लिए आपको डीप स्लीप की बेहद जरूरी है। साथ ही सोने और उठने का सही समय भी आपके शरीर पर सकारात्मक असर डालता है, ऐसे में सुनिश्चित करें कि आप डेली एक निश्चित समय पर सोएं और जागें। डॉक्टर ने बताया कि संतुलित हार्मोन और हेल्दी शुगर लेवल के लिए, रात के 10 बजे से पहले सो जाना चाहिए और सुबह 6 बजे से पहले (आदर्श रूप से सुबह 4:30-5:30- ब्रह्म मुहूर्त) उठना चाहिए। इससे बॉडी को गहरी नींद मिलती है और आप हल्कापन और स्पष्टता महसूस करते हैं। साथ ही यह आपके पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद है। वहीं, अगर आप 6 बजे के बाद उठते हैं तो इससे सुस्ती, वजन बढ़ना और डलनेस की समस्या हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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