मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ा उलटफेर करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से अपना नाता तोड़ लिया है। पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख और विधायक अबू आजमी ने खुले तौर पर ऐलान किया है कि सपा अब एमवीए का हिस्सा नहीं है और मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य के सभी आगामी स्थानीय चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। सपा ने साफ कर दिया है कि उसका अब एमवीए से कोई संबंध नहीं है।
राज ठाकरे से नजदीकी पर सपा को ऐतराज
सपा के एमवीए से बाहर होने की मुख्य वजह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियां बताई जा रही हैं, जो सपा और कांग्रेस के कई नेताओं को नागवार गुजरी हैं। सपा नेताओं ने 'डंके की चोट पर' गठबंधन से बाहर रहने का ऐलान कर दिया है।
अबू आजमी की नाराजगी क्यों?
विधायक अबू आजमी ने अपनी नाराजगी को खुलकर जाहिर करते हुए कहा कि जो राज ठाकरे मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं, मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाते हैं और समाज में नफरत फैलाते हैं, उनके साथ मिलकर हम चुनाव कैसे लड़ेंगे?" उन्होंने राज ठाकरे पर हिंदी भाषियों की पिटाई करवाने और उनकी रोजी-रोटी छीनने का भी आरोप लगाया। आज़मी ने तीखे शब्दों में कहा कि सड़क पर दौड़ाकर हमारे लोगों को पीटा जाए और हम उनके साथ मिलकर वोट मांगें? इतने भी बेशर्म तो हम नहीं हैं।
सरकार पर भी साधा निशाना
आजमी ने हाल ही में हिंदी भाषियों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम और उनकी सार्वजनिक पिटाई पर महाराष्ट्र सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि खुलेआम पिटाई के बावजूद पुलिस ने एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की और न ही राज ठाकरे के किसी कार्यकर्ता को थाने बुलाकर चेतावनी दी गई।
सीएम फडणवीस के बयान खोखले
आजमी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयानों को खोखला बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की बात करते रहे, लेकिन राज ठाकरे के लोग खुलेआम पीटते रहे और फडणवीस सिर्फ बोलते रहे। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषी समाज इस घटनाक्रम से बहुत नाराज है और उनकी यह नाराजगी आने वाले चुनावों में साफ दिखाई देगी।
गठबंधन समविचारों वाली पार्टी से
सपा विधायक ने अपनी पार्टी की भूमिका साफ करते हुए कहा कि चाहे राज ठाकरे भले ही एमवीए में शामिल हो जाएं या कांग्रेस उनका सत्कार करे, लेकिन समाजवादी पार्टी महाविकास आघाड़ी में शामिल नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अपने समविचारों वाली पार्टियों के साथ ही गठबंधन करेगी, एमवीए में कतई नहीं जाएगी। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी एकता को एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
राज ठाकरे से नजदीकी पर सपा को ऐतराज
सपा के एमवीए से बाहर होने की मुख्य वजह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियां बताई जा रही हैं, जो सपा और कांग्रेस के कई नेताओं को नागवार गुजरी हैं। सपा नेताओं ने 'डंके की चोट पर' गठबंधन से बाहर रहने का ऐलान कर दिया है।
अबू आजमी की नाराजगी क्यों?
विधायक अबू आजमी ने अपनी नाराजगी को खुलकर जाहिर करते हुए कहा कि जो राज ठाकरे मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं, मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाते हैं और समाज में नफरत फैलाते हैं, उनके साथ मिलकर हम चुनाव कैसे लड़ेंगे?" उन्होंने राज ठाकरे पर हिंदी भाषियों की पिटाई करवाने और उनकी रोजी-रोटी छीनने का भी आरोप लगाया। आज़मी ने तीखे शब्दों में कहा कि सड़क पर दौड़ाकर हमारे लोगों को पीटा जाए और हम उनके साथ मिलकर वोट मांगें? इतने भी बेशर्म तो हम नहीं हैं।
सरकार पर भी साधा निशाना
आजमी ने हाल ही में हिंदी भाषियों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम और उनकी सार्वजनिक पिटाई पर महाराष्ट्र सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि खुलेआम पिटाई के बावजूद पुलिस ने एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की और न ही राज ठाकरे के किसी कार्यकर्ता को थाने बुलाकर चेतावनी दी गई।
सीएम फडणवीस के बयान खोखले
आजमी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयानों को खोखला बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की बात करते रहे, लेकिन राज ठाकरे के लोग खुलेआम पीटते रहे और फडणवीस सिर्फ बोलते रहे। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषी समाज इस घटनाक्रम से बहुत नाराज है और उनकी यह नाराजगी आने वाले चुनावों में साफ दिखाई देगी।
गठबंधन समविचारों वाली पार्टी से
सपा विधायक ने अपनी पार्टी की भूमिका साफ करते हुए कहा कि चाहे राज ठाकरे भले ही एमवीए में शामिल हो जाएं या कांग्रेस उनका सत्कार करे, लेकिन समाजवादी पार्टी महाविकास आघाड़ी में शामिल नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अपने समविचारों वाली पार्टियों के साथ ही गठबंधन करेगी, एमवीए में कतई नहीं जाएगी। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी एकता को एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
You may also like

ताजमहलˈ का वो दरवाजा जिसे खोलने से सरकार भी डरती है, क्लिक करके जाने पूरी खबर﹒

रक्त शर्करा को तुरंत कम करने के प्रभावी उपाय

दिल्ली में फायरिंग: युवक की पीठ में लगी गोली, मामला पैसों के विवाद का

चोरी-छिपेˈ लड़कियों के अंतरंग कपड़े मंगवाता था बॉयफ्रेंड, सच्चाई सामने आई तो मच गया बवाल﹒

इनˈ चीजों के साथ कभी भी मिलाकर नहीं खाना चाहिए आपको नींबू, पड़ जाएंगे लेने के देेने﹒




