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बढ़ेगी अपर बॉडी एनर्जी, पर्सनल ट्रेनर ने बतायी 3 सबसे असरदार एक्सरसाइज, आजमा कर जरूर देखें

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अगर आप अपनी अपर बॉडी को मजबूत, टोन और फिट बनाना चाहते हैं, तो जिम में घंटों बिताने की ज़रूरत नहीं। एक पर्सनल ट्रेनर के मुताबिक, सिर्फ तीन एक्सरसाइज़ आपकी छाती, पीठ, कंधे और बाजुओं की ताकत बढ़ाने के लिए काफी हैं। ये एक्सरसाइज़ न सिर्फ मसल्स बनाती हैं, बल्कि आपकी कोर और पोस्चर को भी बेहतर करती हैं।

एक्सपर्ट शिवा पांडे के मुताबिक इनमें शामिल हैं – पुश-अप्स, पुल-अप्स (या बॉडीवेट रो), और डम्बल शोल्डर प्रेस। पुश-अप्स आपके चेस्ट, ट्राइसेप्स और कोर को टारगेट करती हैं। पुल-अप्स आपकी पीठ, लैट्स और बाइसेप्स को मजबूत बनाती हैं, जबकि शोल्डर प्रेस से आपके कंधों और अपर चेस्ट को स्थिरता मिलती है। ये सभी कॉम्पाउंड मूवमेंट हैं, यानी एकसाथ कई मसल्स पर काम करते हैं।

चाहे आप जिम जाएं या घर पर एक्सरसाइज़ करें, ये तीनों मूव्स हर किसी के वर्कआउट प्लान में शामिल होने चाहिए। इनसे न सिर्फ ताकत बढ़ती है, बल्कि बॉडी का संतुलन भी बेहतर होता है।(photo Credit):canva


पुशअप्स: हर किसी के लिए जरूरी ताकत का फाउंडेशन image

पुशअप्स एक क्लासिक बॉडीवेट एक्सरसाइज़ है जो चेस्ट, ट्राइसेप्स, शोल्डर और कोर को एकसाथ टारगेट करती है। ये न सिर्फ मसल्स बनाती है, बल्कि स्टेमिना और बैलेंस को भी सुधारती है। पुशअप्स करने के लिए आपको किसी जिम इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं होती। शुरुआत में घुटनों पर या दीवार के सहारे से शुरू करें, फिर धीरे-धीरे स्टैंडर्ड पुशअप्स पर जाएं। सही फॉर्म में किए गए पुशअप्स आपकी अपर बॉडी की मजबूती और शेप दोनों में शानदार सुधार ला सकते हैं।


पुलअप्स या बॉडीवेट रो: पीठ और बाइसेप्स की असली ट्रेनिंग image

पुलअप्स या इन्वर्टेड रो अपर बॉडी स्ट्रेंथ का असली टेस्ट माने जाते हैं। ये आपकी पीठ, लैट्स, बाइसेप्स और ग्रिप स्ट्रेंथ को मजबूत बनाते हैं। शुरुआत में ये थोड़े मुश्किल लग सकते हैं, लेकिन बैंड की मदद या इन्वर्टेड रो जैसे आसान वर्ज़न से शुरुआत की जा सकती है। ये एक्सरसाइज़ आपकी मसल्स को लंबा और मजबूत बनाती है और पोस्टर को भी सुधरती है। हफ्ते में दो से तीन बार इसे शामिल करना काफी असरदार रहेगा।


डम्बल शोल्डर प्रेस: मजबूत कंधे और अपर चेस्ट के लिए image

डम्बल शोल्डर प्रेस आपके डेल्टॉइड्स, ट्राइसेप्स और अपर चेस्ट पर काम करता है। यह एक्सरसाइज़ न केवल मसल्स को विकसित करती है, बल्कि शोल्डर की स्टेबिलिटी भी बढ़ाती है। इसे खड़े होकर या बैठकर किया जा सकता है, दोनों ही तरीकों से बराबर फायदा मिलता है। सही वज़न का चुनाव और नियंत्रित मूवमेंट इस एक्सरसाइज़ को अधिक प्रभावी बनाता है। अगर आपकी अपर बॉडी स्ट्रेंथ कम है तो शुरुआत में हल्के वज़न से शुरुआत करें और धीरे-धीरे वज़न बढ़ाएं।


इन एक्सरसाइज़ की खास बात – कोई जिम ज़रूरी नहीं image

इन तीनों एक्सरसाइज़ की खासियत यह है कि इन्हें घर पर भी आसानी से किया जा सकता है। पुशअप्स और इन्वर्टेड रो के लिए सिर्फ एक सपोर्ट की ज़रूरत होती है, जबकि शोल्डर प्रेस के लिए डम्बल या वॉटर बॉटल्स भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। इससे आपके पैसे और समय दोनों की बचत होती है। ये मूव्स हर उम्र और फिटनेस लेवल के लोगों के लिए उपयुक्त हैं। जरूरी है बस सही फॉर्म और नियमितता।


सही फॉर्म है सबसे जरूरी, वरना फायदे कम और चोट ज़्यादा image

किसी भी एक्सरसाइज़ में फॉर्म सबसे अहम होता है। गलत फॉर्म न सिर्फ मसल्स को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि चोट का खतरा भी बढ़ा देता है। इसलिए शुरुआत में कम रेप्स करें लेकिन फॉर्म सही रखें। पुशअप्स में पीठ सीधी रखें, पुलअप्स में गर्दन और कंधों पर ध्यान दें और शोल्डर प्रेस में कोहनी न झटका दें। जरूरत पड़े तो मिरर के सामने या किसी एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही शुरुआत करें।


फिटनेस को बनाए रखें आसान और असरदार image

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में फिटनेस को साधारण बनाना ही सबसे अच्छा तरीका है। इन तीन बेसिक लेकिन असरदार एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। चाहे वेट लॉस हो, मसल गेन या बस खुद को एक्टिव रखना – ये तीनों ही आपके हर फिटनेस लक्ष्य में मदद करेंगे। हफ्ते में 3–4 दिन 20–30 मिनट इन एक्सरसाइज़ को देकर आप बड़े बदलाव महसूस कर सकते हैं। और सबसे बड़ी बात – यह सफर आसान, सस्ता और लंबा टिकाऊ होगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।

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