लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ऐलान किया कि यूपी में कार्य करने वाले हर युवा को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी। कोई भी कंपनी या नियोक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर पाएगा। नियुक्ति देने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करेंगी, इसके अतिरिक्त चार्जेज की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह व्यवस्था युवाओं को सम्मानजनक रोजगार, नौकरी की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में तीन दिवसीय “रोजगार महाकुंभ 2025” का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन रहा है, जहां काम करने वाले हर युवा को न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जा रही है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी युवा आबादी इस राज्य के लिए सौभाग्य है। आज यूपी की प्रतिभा की मांग देश-दुनिया में हो रही है, और जो प्रदेश कभी रोजगार के लिए पलायन का दंश झेलता था, आज वही रोजगार उपलब्ध करा रहा है।
पलायन से अवसर की ओर बदला उत्तर प्रदेश का परिदृश्य- सीएममुख्यमंत्री ने कहा कि कभी पूरा-का-पूरा गांव रोजगार के लिए प्रदेश छोड़कर पलायन करता था, लेकिन आज वही उत्तर प्रदेश अपने भीतर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन रोजगार और विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है। हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार काम मिलना जरूरी है। जहां अवसर मिला, वहां इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य से लोहा मनवाया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के जरिए परंपरागत उद्यमों को नई पहचान दी गई है। एमएसएमई सेक्टर में 96 लाख यूनिट पुनर्जीवित हुए हैं। कोरोना काल में जब 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार लौटे, तब इन्हीं एमएसएमई यूनिट्स ने 90 प्रतिशत को रोजगार दिया और वे आज भी उसी व्यवस्था से जुड़े हैं।
एमएसएमई यूनिट्स को मिल रहा है 5 लाख का बीमा कवर- सीएम योगीसीएम योगी ने बताया कि सरकार ने एमएसएमई यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उद्यमियों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर उपलब्ध कराया है। प्रत्येक यूनिट 2 से 10 युवाओं को रोजगार दे रही है तो लाखों-करोड़ों लोग प्रदेश में सम्मानजनक काम पा रहे हैं। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार कर रहा है।
परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने के लिए “विश्वकर्मा श्रम सम्मान” और “पीएम विश्वकर्मा” योजनाएं लागू की गई हैं। बढ़ई, राजमिस्त्री, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे परंपरागत कामगारों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और ट्रेनिंग दी जा रही है। 24 जनवरी 2025 को शुरू हुई “सीएम युवा उद्यमी स्कीम” के तहत 21 से 40 वर्ष तक के युवाओं को बिना गारंटी ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 70,000 से अधिक युवाओं ने इस स्कीम से जुड़कर अपने उद्यम स्थापित किए हैं।
8.5 लाख युवाओं को मिली सरकारी नौकरी- सीएम योगीसीएम योगी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में पारदर्शिता के साथ 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसमें पुलिस विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पीडब्ल्यूडी और विश्वविद्यालयों में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाने वाला देश के अंदर सबसे बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश की गिनती आती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गईं। इन्वेस्ट यूपी पोर्टल, निवेश मित्र और सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई। परिणामस्वरूप 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश जमीनी स्तर पर उतरे हैं और 60 लाख युवाओं को रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोजगार महाकुंभ युवाओं और इंडस्ट्री को जोड़ने का मंच है। इससे न केवल नौकरियां मिलेंगी बल्कि नई टेक्नोलॉजी की मांग के अनुरूप ट्रेनिंग और कोर्स भी तय होंगे। उन्होंने कहा कि जब श्रमिक और अन्नदाता खुशहाल होंगे, तब ही देश और प्रदेश खुशहाल होगा। यह सुनिश्चित होते ही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में तीन दिवसीय “रोजगार महाकुंभ 2025” का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन रहा है, जहां काम करने वाले हर युवा को न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जा रही है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी युवा आबादी इस राज्य के लिए सौभाग्य है। आज यूपी की प्रतिभा की मांग देश-दुनिया में हो रही है, और जो प्रदेश कभी रोजगार के लिए पलायन का दंश झेलता था, आज वही रोजगार उपलब्ध करा रहा है।
पलायन से अवसर की ओर बदला उत्तर प्रदेश का परिदृश्य- सीएममुख्यमंत्री ने कहा कि कभी पूरा-का-पूरा गांव रोजगार के लिए प्रदेश छोड़कर पलायन करता था, लेकिन आज वही उत्तर प्रदेश अपने भीतर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन रोजगार और विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है। हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार काम मिलना जरूरी है। जहां अवसर मिला, वहां इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य से लोहा मनवाया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के जरिए परंपरागत उद्यमों को नई पहचान दी गई है। एमएसएमई सेक्टर में 96 लाख यूनिट पुनर्जीवित हुए हैं। कोरोना काल में जब 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार लौटे, तब इन्हीं एमएसएमई यूनिट्स ने 90 प्रतिशत को रोजगार दिया और वे आज भी उसी व्यवस्था से जुड़े हैं।
एमएसएमई यूनिट्स को मिल रहा है 5 लाख का बीमा कवर- सीएम योगीसीएम योगी ने बताया कि सरकार ने एमएसएमई यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उद्यमियों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर उपलब्ध कराया है। प्रत्येक यूनिट 2 से 10 युवाओं को रोजगार दे रही है तो लाखों-करोड़ों लोग प्रदेश में सम्मानजनक काम पा रहे हैं। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार कर रहा है।
परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने के लिए “विश्वकर्मा श्रम सम्मान” और “पीएम विश्वकर्मा” योजनाएं लागू की गई हैं। बढ़ई, राजमिस्त्री, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे परंपरागत कामगारों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और ट्रेनिंग दी जा रही है। 24 जनवरी 2025 को शुरू हुई “सीएम युवा उद्यमी स्कीम” के तहत 21 से 40 वर्ष तक के युवाओं को बिना गारंटी ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 70,000 से अधिक युवाओं ने इस स्कीम से जुड़कर अपने उद्यम स्थापित किए हैं।
8.5 लाख युवाओं को मिली सरकारी नौकरी- सीएम योगीसीएम योगी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में पारदर्शिता के साथ 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसमें पुलिस विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पीडब्ल्यूडी और विश्वविद्यालयों में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाने वाला देश के अंदर सबसे बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश की गिनती आती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गईं। इन्वेस्ट यूपी पोर्टल, निवेश मित्र और सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई। परिणामस्वरूप 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश जमीनी स्तर पर उतरे हैं और 60 लाख युवाओं को रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोजगार महाकुंभ युवाओं और इंडस्ट्री को जोड़ने का मंच है। इससे न केवल नौकरियां मिलेंगी बल्कि नई टेक्नोलॉजी की मांग के अनुरूप ट्रेनिंग और कोर्स भी तय होंगे। उन्होंने कहा कि जब श्रमिक और अन्नदाता खुशहाल होंगे, तब ही देश और प्रदेश खुशहाल होगा। यह सुनिश्चित होते ही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी।
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