पटना: बिहार एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान मची है। एक तरफ नीतीश कुमार हैं, तो दूसरी तरफ कई नेता इस पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश मिश्रा को सीएम बनाने की बात कही है। वहीं, सम्राट चौधरी को भी सीएम उम्मीदवार बताया जा रहा है। चिराग पासवान भी बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। जीतन राम मांझी भी खुद को सीएम पद का दावेदार मान रहे हैं। ऐसे में एनडीए में सीएम पद को लेकर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। बिहार की सियासत में 'एक अनार सो बीमार'दरअसल, बिहार की राजनीति में एक पुरानी कहावत चरितार्थ हो रही है 'एक अनार, सौ बीमार'। यह कहावत एनडीए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बिल्कुल सटीक बैठती है। पहले यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार अगले विधानसभा चुनाव में एनडीए का नेतृत्व करेंगे या नहीं। लेकिन अब एनडीए के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए कई चेहरे सामने आ गए हैं। हर कोई अपनी दावेदारी पेश कर रहा है और अपने-अपने तरीके से कोशिश कर रहा है। नीतीश मिश्रा को बना दूं सीएमबीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने मंत्री नीतीश मिश्रा की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि नीतीश मिश्रा काबिल मंत्री हैं। वे बिहार के अब तक के सबसे अच्छे उद्योग मंत्री भी हैं। वे कम बोलते हैं और अपने काम में लगे रहते हैं। यही कारण है कि मैं उन्हें जीनियस मिनिस्टर कहता हूं। डॉ जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि मेरा बस चले तो नीतीश मिश्रा को मैं मुख्यमंत्री बना दूं। उन्होंने यह बात झंझारपुर के कोठिया में एक समारोह में कही। इससे नीतीश कुमार बनाम नीतीश मिश्रा का खेल शुरू हो गया है। सम्राट चौधरी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारजब भी यह चर्चा होती है कि क्या बीजेपी नीतीश कुमार को अगला मुख्यमंत्री स्वीकार करेगी, तो सम्राट चौधरी का नाम सीएम पद के लिए सामने आ जाता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तो यह भी कह दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव सम्राट चौधरी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि सम्राट चौधरी बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और उन्होंने युवा नेता के रूप में अपनी मजबूत छवि बनाई है। नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर उठ रहे सवाल आरजेडी और कांग्रेस के नेता लगातार नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाते रहे हैं। वे कहते हैं कि नीतीश कुमार की याददाश्त ठीक नहीं है। वे बिहार में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं। बिहार के अफसर उनकी बात नहीं सुनते हैं और बीजेपी बैकडोर से सरकार चला रही है। इस आधार पर अब हरियाणा के बाद बिहार की बारी है। चिराग पासवान का भी नाम आया सामनेवहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि अगले सीएम के नाम की स्वीकृति पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगी। लोकतंत्र में ऐसा ही होता है। इसके बाद भी बीजेपी के सीएम के रूप में सम्राट चौधरी के नाम की चर्चा हुई। दूसरी ओर जब से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने केंद्र की जगह बिहार की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है, तभी से सीएम पद के चेहरे में एक और नाम जुड़ गया है। दरअसल, चिराग पासवान ने कहा था कि मेरी राजनीति की नींव 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' पर टिकी हुई है… मेरा राज्य मुझे बुला रहा है> बस यहीं से सीएम पद के लिए चिराग की दौड़ शुरू हो गई। इसके बाद उनके बहनोई और संसद अरुण भारती के साथ-साथ दल के भीतर भी चिराग को सीएम बनाने की मांग खुलकर सामने आ गई। अब एनडीए की राजनीति में संशय का माहौल है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी के हनुमान कोई और टास्क लेकर आए हैं? रेस में जीतन राम मांझी भीकेंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी कहते हैं कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से 30 विधानसभा सीटों पर लड़ने का आग्रह किया है। वे कहते हैं कि लोकसभा में उनका स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा है। अगर पीएम मोदी उनकी बात मानते हैं तो 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ बिहार विधानसभा में उनकी हैसियत भी बढ़ जाएगी। और अगर पीएम की इच्छा दलित सीएम की हुई तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का भी सीएम हो सकता है। बिहार एनडीए में सियासत तेजएनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान से बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। हर नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहा है और अपनी-अपनी रणनीति बना रहा है। अब देखना यह है कि इस दौड़ में कौन आगे निकलता है और बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, बिहार की राजनीति में 'एक अनार, सौ बीमार' वाली स्थिति बनी हुई है।
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