अमृतसर: एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की विशेष एसआईटी ने पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त एआईजी रछपाल सिंह को एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला सीमावर्ती इलाके के एक ग्रामीण को हेरोइन तस्करी के झूठे केस में फंसाने और सबूत गढ़ने से जुड़ा हुआ है। एसआईटी ने रछपाल सिंह को ब्यास के पास से दबोचा और बाद में उन्हें अमृतसर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन ले जाया गया। एएनटीएफ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस गिरफ्तारी की पुष्टि की गई है। बयान में कहा गया कि यह मामला 11 फरवरी, 2019 को दर्ज किया गया था और एनडीपीएस अधिनियम की धाराओं 21, 29 और 58 के तहत पहले ही चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, 4 अगस्त 2017 को एसटीएफ ने तरनतारन जिले के पट्टी क्षेत्र के भूरा करीमपुर गांव के रहने वाले बलविंदर सिंह उर्फ कुक्कू को पाकिस्तान से हेरोइन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया था। बाद में जांच के दौरान यह आरोप लगा कि पुलिस अधिकारियों ने साक्ष्य गढ़े और निर्दोष ग्रामीणों को झूठे केस में फंसा दिया। इस मामले में 2022 में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस के 10 अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ कि इन अधिकारियों ने झूठे साक्ष्य तैयार किए और एक सीमावर्ती ग्रामीण को हेरोइन तस्करी के मामले में गलत तरीके से फंसा दिया, ताकि कुछ गिरफ्तारियों को वैध ठहराया जा सके।
इन अधिकारियों के खिलाफ दायर हुआ आरोपपत्र
मोहाली की विशेष सीबीआई अदालत में रछपाल सिंह के अलावा इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर परभजीत सिंह और बलविंदर सिंह, एएसआई कुलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, बेअंत सिंह और हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह और हीरा सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। एएनटीएफ अधिकारियों का कहना है कि रछपाल सिंह से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सबूत गढ़ने की साजिश में और कौन-कौन शामिल था। जांच एजेंसी इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस झूठे केस के पीछे किसी उच्च अधिकारी या बाहरी नेटवर्क का हाथ था।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, 4 अगस्त 2017 को एसटीएफ ने तरनतारन जिले के पट्टी क्षेत्र के भूरा करीमपुर गांव के रहने वाले बलविंदर सिंह उर्फ कुक्कू को पाकिस्तान से हेरोइन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया था। बाद में जांच के दौरान यह आरोप लगा कि पुलिस अधिकारियों ने साक्ष्य गढ़े और निर्दोष ग्रामीणों को झूठे केस में फंसा दिया। इस मामले में 2022 में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस के 10 अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ कि इन अधिकारियों ने झूठे साक्ष्य तैयार किए और एक सीमावर्ती ग्रामीण को हेरोइन तस्करी के मामले में गलत तरीके से फंसा दिया, ताकि कुछ गिरफ्तारियों को वैध ठहराया जा सके।
इन अधिकारियों के खिलाफ दायर हुआ आरोपपत्र
मोहाली की विशेष सीबीआई अदालत में रछपाल सिंह के अलावा इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर परभजीत सिंह और बलविंदर सिंह, एएसआई कुलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, बेअंत सिंह और हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह और हीरा सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। एएनटीएफ अधिकारियों का कहना है कि रछपाल सिंह से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सबूत गढ़ने की साजिश में और कौन-कौन शामिल था। जांच एजेंसी इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस झूठे केस के पीछे किसी उच्च अधिकारी या बाहरी नेटवर्क का हाथ था।
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