देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस से संबंधित बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड में लंबे समय से प्रतीक्षित संगठनात्मक बदलाव करते हुए गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। मंगलवार को एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इससे राज्य कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने इसके साथ ही विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों को शुरू करने के संकेत दे दिए हैं। गणेश गोदियाल और नई टीम के समक्ष बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा को कांग्रेस कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।
संगठन में व्यापक बदलावनई नियुक्तियों के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में 27 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है। इसके अलावा दो नई अहम समितियां भी गठित की गई हैं। कांग्रेस प्रचार अभियान समिति का गठन किया गया है, जिसकी कमान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को सौंपी गई है। वहीं, चुनाव प्रबंधन समिति का नेतृत्व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत करेंगे। दोनों वरिष्ठ नेताओं को आगामी चुनावों में रणनीति निर्माण और प्रचार अभियान को दिशा देने की जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस हाईकमान का आया बयानएआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बदलाव पार्टी के संगठन सृजन अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने हर जिले के कार्यकर्ताओं से संवाद किया, उनकी राय जानी। इसके बाद इन नियुक्तियों का निर्णय लिया गया है। हमारा उद्देश्य कांग्रेस को बूथ स्तर तक मजबूत बनाना है।
क्यों अहम है यह फेरबदल?उत्तराखंड कांग्रेस अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में पूरी तरह जुट चुकी है। पार्टी नेतृत्व ने गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह और हरक सिंह रावत जैसे अनुभवी चेहरों को प्रमुख भूमिकाएं देकर स्पष्ट संदेश दिया है कि अब संगठन चुनाव मोड में प्रवेश कर चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह टीम प्रदेश में कांग्रेस की संगठनात्मक पकड़ मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने में अहम भूमिका निभा सकती है।
गणेश गोदियाल के सामने कई चुनौतीनए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में गणेश गोदियाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, पार्टी की प्रदेश इकाई में गुटबाजी पर नियंत्रण। प्रदेश में पार्टी कई गुटों में बंटी दिखती है। इसका खामियाजा पिछले चुनावों में पार्टी को भुगतना पड़ा है। इसके साथ ही नए प्रदेश को कार्यकर्ताओं में एकजुटता लाने, संगठन को जमीनी स्तर तक सक्रिय बनाने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी जनसंपर्क अभियान चलाने की चुनौती होगी।
गणेश गोदियाल पहले भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें शांत स्वभाव, संगठन कौशल और सर्वस्वीकार्य नेतृत्व के लिए जाना जाता है। कांग्रेस ने सांगठनिक बदलाव से पहाड़ से लेकर मैदानी भाग को साधने की कोशिश की है।
संगठन में व्यापक बदलावनई नियुक्तियों के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में 27 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है। इसके अलावा दो नई अहम समितियां भी गठित की गई हैं। कांग्रेस प्रचार अभियान समिति का गठन किया गया है, जिसकी कमान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को सौंपी गई है। वहीं, चुनाव प्रबंधन समिति का नेतृत्व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत करेंगे। दोनों वरिष्ठ नेताओं को आगामी चुनावों में रणनीति निर्माण और प्रचार अभियान को दिशा देने की जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस हाईकमान का आया बयानएआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बदलाव पार्टी के संगठन सृजन अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने हर जिले के कार्यकर्ताओं से संवाद किया, उनकी राय जानी। इसके बाद इन नियुक्तियों का निर्णय लिया गया है। हमारा उद्देश्य कांग्रेस को बूथ स्तर तक मजबूत बनाना है।
क्यों अहम है यह फेरबदल?उत्तराखंड कांग्रेस अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में पूरी तरह जुट चुकी है। पार्टी नेतृत्व ने गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह और हरक सिंह रावत जैसे अनुभवी चेहरों को प्रमुख भूमिकाएं देकर स्पष्ट संदेश दिया है कि अब संगठन चुनाव मोड में प्रवेश कर चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह टीम प्रदेश में कांग्रेस की संगठनात्मक पकड़ मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने में अहम भूमिका निभा सकती है।
गणेश गोदियाल के सामने कई चुनौतीनए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में गणेश गोदियाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, पार्टी की प्रदेश इकाई में गुटबाजी पर नियंत्रण। प्रदेश में पार्टी कई गुटों में बंटी दिखती है। इसका खामियाजा पिछले चुनावों में पार्टी को भुगतना पड़ा है। इसके साथ ही नए प्रदेश को कार्यकर्ताओं में एकजुटता लाने, संगठन को जमीनी स्तर तक सक्रिय बनाने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी जनसंपर्क अभियान चलाने की चुनौती होगी।
गणेश गोदियाल पहले भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें शांत स्वभाव, संगठन कौशल और सर्वस्वीकार्य नेतृत्व के लिए जाना जाता है। कांग्रेस ने सांगठनिक बदलाव से पहाड़ से लेकर मैदानी भाग को साधने की कोशिश की है।
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