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एंडोरा

ये खूबसूरत देश फ्रांस और स्पेन के बीच पिरेनीज पहाड़ों में बसा हुआ है। ये इतना छोटा और पहाड़ी इलाका है कि यहां अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है। एंडोरा जाने के लिए लोग पहले फ्रांस (टूलूज़) या स्पेन (ला सेऊ डी उरगेई) के एयरपोर्ट पर उतरते हैं और फिर कार से एंडोरा पहुंचते हैं।
यहां स्कीइंग और ड्यूटी-फ्री शॉपिंग के लिए काफी टूरिस्ट आते हैं। अंडोरा का खुद का वीजा सिस्टम नहीं है। भारतीय नागरिकों को अंडोरा जाने के लिए अलग से वीजा नहीं चाहिए, लेकिन क्योंकि अंडोरा यूरोप के शेंगेन क्षेत्र के बीच में है, वहां जाने के लिए शेंगेन वीजा जरूरी होता है।
मोनाको
मोनाको फ्रेंच रिविएरा पर स्थित एक छोटा-सा स्वतंत्र देश है। यहां भी कोई एयरपोर्ट नहीं है। टूरिस्ट आमतौर पर फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट पर उतरते हैं और वहां से कार या हेलिकॉप्टर से मोनाको पहुंचते हैं। ये देश अपनी शानो-शौकत, कैसीनो, फॉर्मूला वन रेस और लग्जरी टूरिज्म के लिए फेमस है। मोनाको का अपना अलग वीजा सिस्टम नहीं है। दोनों देशों के बीच करीबी रिश्ता होने की वजह से, ये फ्रांस के वीजा नियमों का पालन करता है।
लिकटेंस्टीन
ये देश ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के बीच स्थित है और ये भी लैंडलॉक्ड (चारों तरफ से जमीन से घिरा) है। यहां कोई एयरपोर्ट नहीं है। सबसे नजदीकी बड़ा एयरपोर्ट स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर में है, जो लगभग 120 किलोमीटर दूर है। अच्छी सड़क और रेल सुविधा के चलते यहां पहुंचना आसान है।
अगर आप यूरोप के शेंगेन देशों में घूमने, बिजनेस मीटिंग या किसी रिश्तेदार से मिलने जैसे कामों के लिए 90 दिन तक रुकना चाहते हैं, तो आपको Schengen C-Visa की जरूरत होगी। लेकिन अगर आपको 90 दिन से ज्यादा रुकना है, तो फिर D-Visa (National Visa) लेना होगा।
वेटिकन सिटी
दुनिया के सबसे छोटे स्वतंत्र देश वेटिकन सिटी में भी एयरपोर्ट नहीं है। ये इटली की राजधानी रोम के अंदर ही बसा है। टूरिस्ट रोम के किसी भी एयरपोर्ट पर उतरते हैं और फिर कार या पैदल चलकर वेटिकन पहुंचते हैं। यहां हर साल लाखों लोग सेंट पीटर्स बेसिलिका और सिस्टीन चैपल जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान देखने के लिए आते हैं। वेटिकन सिटी के लिए अलग से वीजा नहीं लगता। वहां जाने के लिए आपको शेंगेन वीजा चाहिए।
सैन मैरीनो

सैन मैरीनो दुनिया के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक है। ये भी इटली से पूरी तरह घिरा हुआ है और यहां भी कोई एयरपोर्ट नहीं है। सबसे पास का एयरपोर्ट इटली के रिमिनी शहर में है, जो ज्यादा दूर नहीं है। इसके ऊंचे पहाड़ों पर बने पुराने किले और शहर लोगों को खूब पसंद आते हैं। सैन मैरीनो की अपनी कोई वीजा पॉलिसी नहीं है। भारतीय नागरिकों को सैन मैरीनो जाने के लिए इटली का वैलिड वीजा या शेंगेन वीजा लेना होता है, क्योंकि वहां जाने का रास्ता इटली से होकर जाता है।
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