नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के कुछ ही हफ्तों बाद 33 साल के अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर ने रणजी ट्रॉफी में गोवा के खिलाफ शानदार शतक जड़कर चयनकर्ताओं को एक कड़ा संदेश दिया है। फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में यह उनका 25वां शतक है, जिसने भारतीय टेस्ट टीम में उनकी वापसी के लिए जोरदार दावेदारी पेश कर दी है।
मुश्किल में थी टीम, नायर बने संकटमोचक
कर्नाटक के लिए खेलते हुए नायर ने यह शतक तब जड़ा जब उनकी टीम बेहद मुश्किल में थी। 65 रन पर 4 विकेट गंवाकर कर्नाटक की पारी डगमगा रही थी। ऐसे मुश्किल समय में नायर बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने गोवा के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। उन्होंने पहले दिन 86 रन बनाकर नाबाद लौटे और दूसरे दिन सुबह अपना शतक पूरा किया। उनकी यह पारी इसलिए भी अहम है क्योंकि टीम के टॉप पांच बल्लेबाजों में से कोई भी 30 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था। नायर की इस पारी ने टीम को खतरे से बाहर निकाला और एक सम्मानजनक स्कोर की ओर बढ़ाया।
रिकॉर्ड्स का दमदार प्रदर्शन
नायर के फर्स्ट-क्लास करियर के आंकड़े उनकी निरंतरता को दर्शाते हैं। अपने 122वें फर्स्ट-क्लास मैच में उन्होंने लगभग 49 के औसत से 8850 से अधिक रन बनाए हैं। इसमें 25 शतक और 38 अर्धशतक शामिल हैं। रणजी ट्रॉफी में यह उनका 18वां शतक है, जहां उन्होंने 47.90 के औसत से 5,270 से अधिक रन बनाए हैं।
वेस्टइंडीज सीरीज से किया गया था बाहर
इस साल की शुरुआत में नायर लगभग सात साल के लंबे अंतराल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में लौटे थे। हालांकि, वह बड़ी पारियां खेलने में सफल नहीं हो पाए और सिर्फ एक अर्धशतक ही बना सके, जिसके चलते चयनकर्ताओं ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अगली टेस्ट सीरीज के लिए टीम से बाहर कर दिया था।
नायर को वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनकी यह शानदार फॉर्म चयनकर्ताओं को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर सकती है। अब सबकी निगाहें अगले हफ्ते होने वाली साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम घोषणा पर टिकी हैं। अगर टीम में कोई बल्लेबाज चोटिल होता है, तो करुण नायर पर जरूर विचार किया जा सकता है।
मुश्किल में थी टीम, नायर बने संकटमोचक
कर्नाटक के लिए खेलते हुए नायर ने यह शतक तब जड़ा जब उनकी टीम बेहद मुश्किल में थी। 65 रन पर 4 विकेट गंवाकर कर्नाटक की पारी डगमगा रही थी। ऐसे मुश्किल समय में नायर बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने गोवा के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। उन्होंने पहले दिन 86 रन बनाकर नाबाद लौटे और दूसरे दिन सुबह अपना शतक पूरा किया। उनकी यह पारी इसलिए भी अहम है क्योंकि टीम के टॉप पांच बल्लेबाजों में से कोई भी 30 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था। नायर की इस पारी ने टीम को खतरे से बाहर निकाला और एक सम्मानजनक स्कोर की ओर बढ़ाया।
रिकॉर्ड्स का दमदार प्रदर्शन
नायर के फर्स्ट-क्लास करियर के आंकड़े उनकी निरंतरता को दर्शाते हैं। अपने 122वें फर्स्ट-क्लास मैच में उन्होंने लगभग 49 के औसत से 8850 से अधिक रन बनाए हैं। इसमें 25 शतक और 38 अर्धशतक शामिल हैं। रणजी ट्रॉफी में यह उनका 18वां शतक है, जहां उन्होंने 47.90 के औसत से 5,270 से अधिक रन बनाए हैं।
वेस्टइंडीज सीरीज से किया गया था बाहर
इस साल की शुरुआत में नायर लगभग सात साल के लंबे अंतराल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में लौटे थे। हालांकि, वह बड़ी पारियां खेलने में सफल नहीं हो पाए और सिर्फ एक अर्धशतक ही बना सके, जिसके चलते चयनकर्ताओं ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अगली टेस्ट सीरीज के लिए टीम से बाहर कर दिया था।
नायर को वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनकी यह शानदार फॉर्म चयनकर्ताओं को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर सकती है। अब सबकी निगाहें अगले हफ्ते होने वाली साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम घोषणा पर टिकी हैं। अगर टीम में कोई बल्लेबाज चोटिल होता है, तो करुण नायर पर जरूर विचार किया जा सकता है।
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