सना: यमन की राजधानी सना में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को हूती विद्रोहियों ने रद्द कर दिया है। केरल के एक प्रमुख सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने यह दावा किया है। निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक और अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसे मौत की सजा दी गई थी। उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी तय हुई थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों के प्रयास के बाद उसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम के कार्यालय ने बताया कि यमन के एक प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज द्वारा नियुक्त यमनी विद्वानों की टीम ने अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के साथ समझौते पर मध्यस्थता की, जिसके बाद निमिषा प्रिया की फांसी को रद्द करने का फैसला किया गया। अभी तक इस मामले को देख रहे भारतीय अधिकारियों ने फांसी रद्द किए जाने की पुष्टि नहीं की है।
मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम के कार्यालय ने बताया कि यमन के एक प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज द्वारा नियुक्त यमनी विद्वानों की टीम ने अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के साथ समझौते पर मध्यस्थता की, जिसके बाद निमिषा प्रिया की फांसी को रद्द करने का फैसला किया गया। अभी तक इस मामले को देख रहे भारतीय अधिकारियों ने फांसी रद्द किए जाने की पुष्टि नहीं की है।
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