जयपुर/ कोटपूतली: राजस्थान के नवगठित जिले कोटपूतली बहरोड़ में बड़ी हैरान करने वाली घटना हो गई। प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत मंगलवार 15 अप्रैल को कोटपूतली जिला मुख्यालय में सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक लेने गए थे। पुलिसकर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के बाद वे कलेक्ट्रेट परिसर में चले गए। अंदर बैठक ले रहे थे और बाहर ग्रामीणों ने कलेक्ट्री के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। मुख्य सचिव को करीब दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। इस दौरान जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल और एसपी राजन दुष्यंत सहित पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी बैठक में मौजूद थे। कलेक्ट्री के मुख्य द्वार पर ग्रामीणों द्वारा ताला लगाए जाने पर अफरा तफरी मच गई। कलेक्टर से नाराज हैं ग्रामीणदरअसल, कोटपूतली के आसपास के गांवों के लोग जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल से नाराज थे। एक सीमेंट कंपनी की मनमानी को लेकर ग्रामीण पिछले तीन महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन कलेक्टर उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही थी। ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा करने पर लोग उनसे नाराज थे। मंगलवार को जब मुख्य सचिव समीक्षा बैठक लेने पहुंचे तो जब वे कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक ले रहे थे। तभी कई ग्रामीण कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पहुंच गए। लोगों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए और करीब एक दर्जन ग्रामीणों को हिरासत में लिया। मुख्य सचिव को कलेक्ट्रेट के पिछले गेट से बाहर निकाल कर रवाना किया गया। घटना से हैरान रह गई पूरी ब्यूरोक्रेसीजैसे ही प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को नजरबंद करने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोग हैरान रह गए। इस घटना से ब्यूरोक्रेसी के अफसर भी सन्न रह गए। हर किसी के जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद ग्रामीणों ने यह दुस्साहस कैसे किया। मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारी जब कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक में मौजूद थे। तब सभी अफसरों की गाड़ियां बाहर के परिसर में खड़ी थी। इस दौरान वहां पहुंचे ग्रामीणों को किसी ने रोका तक नहीं। अचानक पहुंचे ग्रामीणों ने सीधे मुख्य द्वारा पर ताला जड़ा और फिर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मुख्य सचिव को ज्ञापन भी नहीं देने दिया गयाइस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन में अफरा तफरी सी मच गई। नारेबाजी कर रहे ग्रामीण मुख्य सचिव से मिलकर अपना ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन इस घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने मुख्य सचिव के कलेक्ट्रेट के पिछले गेट से बाहर निकाला और जयपुर के लिए रवाना कर दिया। ग्रामीणों द्वारा मुख्य सचिव को ज्ञापन तक नहीं देने दिया गया।
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