यमुनानगर : हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों पर बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर इस मानसून में उच्चतम बिंदु पर पहुंच गया है। हथिनी कुंड बैराज पर तैनात अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि हथिनी कुंड बैराज से यमुना में दिल्ली की ओर आने वाले पानी की रफ्तार 65 लाख 206 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड के हिसाब से मापी गई। यह पानी 72 घंटे दिल्ली पहुंचकर निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा करेगा। यमुनानगर जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। हथिनी कुंड बैराज में बुधवार की सुबह 6 बजे नदी का जलस्तर बढ़कर 73 हजार 749 क्यूसेक रहा। इससे पहले मंगलवार को यमुना नदी के कैचमेंट एरिया उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाके में हुई भारी बरसात से यमुना में उफान आ गया है।
सिंचाई विभाग के हथिनी कुंड कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर स्तर बुधवार की सुबह 6 बजे 73 हजार 749 क्यूसेक दर्ज किया गया। 7 बजे यमुना में उफान धीरे-धीरे कम होने लगा। 7 बजे नदी का जलस्तर 68 हजार 919 क्यूसेक, 8 बजे 63 हजार 986 क्यूसेक व 9 बजे 59 हजार 933 क्यूसेक रहा, दोपहर 2 बजे अचानक फिर यमुना नदी के जलस्तर में उफान आया और जलस्तर बढ़कर 67 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया। अभी तक यमुना नदी में गत 22 जुलाई को 64 हजार 610 क्यूसेक पानी की बाढ़ आई।
जाहिर है उत्तराखंड में बारिश के रूप में बरसने वाली आसमानी आफत कभी भी विकराल रूप धारण कर सकती है। 70 हजार क्यूसेक से अधिक बहाव होने पर अलर्ट घोषित कर दिया जाता है, लेकिन अब नए नियम के अनुसार यूपी की ओर जाने वाली पूर्वी यमुनानहर व हरियाणा दिल्ली की ओर जाने वाली पश्चिमी यमुनानहरों का पानी बंद करके सीधा यमुनानदी में बहाव रहता है। उधर मारकंडा नदी दो दिन तक कुछ उफान पर रहने के बाद अब आहिस्ता आहिस्ता शांत हो रहा है। लेकिन मारकंडा के बहाव के संबंध में कभी कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
सिंचाई विभाग के हथिनी कुंड कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर स्तर बुधवार की सुबह 6 बजे 73 हजार 749 क्यूसेक दर्ज किया गया। 7 बजे यमुना में उफान धीरे-धीरे कम होने लगा। 7 बजे नदी का जलस्तर 68 हजार 919 क्यूसेक, 8 बजे 63 हजार 986 क्यूसेक व 9 बजे 59 हजार 933 क्यूसेक रहा, दोपहर 2 बजे अचानक फिर यमुना नदी के जलस्तर में उफान आया और जलस्तर बढ़कर 67 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया। अभी तक यमुना नदी में गत 22 जुलाई को 64 हजार 610 क्यूसेक पानी की बाढ़ आई।
जाहिर है उत्तराखंड में बारिश के रूप में बरसने वाली आसमानी आफत कभी भी विकराल रूप धारण कर सकती है। 70 हजार क्यूसेक से अधिक बहाव होने पर अलर्ट घोषित कर दिया जाता है, लेकिन अब नए नियम के अनुसार यूपी की ओर जाने वाली पूर्वी यमुनानहर व हरियाणा दिल्ली की ओर जाने वाली पश्चिमी यमुनानहरों का पानी बंद करके सीधा यमुनानदी में बहाव रहता है। उधर मारकंडा नदी दो दिन तक कुछ उफान पर रहने के बाद अब आहिस्ता आहिस्ता शांत हो रहा है। लेकिन मारकंडा के बहाव के संबंध में कभी कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
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