Top News
Next Story
Newszop

ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर कब तक सबकुछ सामान्य होगा? इस सर्दी तो वहीं डटे रहेंगे हमारे सैनिक

Send Push
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पांच साल बाद हुई द्विपक्षीय बातचीत में ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध खत्म करने को लेकर बनी सहमति का स्वागत किया गया। हालांकि सहमति बनने के बाद भी ईस्टर्न लद्दाख में स्थिति सामान्य होने में अभी काफी वक्त लगेगा। कैसे सामान्य स्थिति तक पहुंचना है इसे लेकर मिलिट्री लेवल पर भी मीटिंग लगातार होती रहेंगी। साथ ही यह साफ है कि इन सर्दियों में भी एलएसी पर भारतीय सैनिक अपनी पोजिशन पर डटे रहेंगे। देपसांग और डेमचॉक पर ही हुई है बातसूत्रों के मुताबिक जिस सहमति का जिक्र डिप्लोमेटिक स्तर पर किया जा रहा है और जो बात विदेश सचिव ने कही है उसमें सहमति देपसांग और डेमचॉक में डिसइंगेजमेंट को लेकर हुई है। इन दो इलाकों में ही पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर सहमति बनी है। हालांकि इसे लेकर अभी स्थानीय मिलिट्री कमांडर स्तर बातचीत चल रही है कि पेट्रोलिंग की फ्रिक्वेंसी क्या होगी और पेट्रोलिंग टीम यानी गश्ती दल में कितने सैनिक होंगे। यह जल्द से जल्द करने की कोशिश होगी। साथ ही अप्रैल 2020 के बाद डेमचॉक में चीन ने जो नए टेंट लगाए थे वे हटाए जाएंगे और भारतीय सेना भी चीन के जवाब में बनाए गए टेंटों को हटाएगी। देपसांग में चीनी सैनिक उस जगह से पीछे जाएंगे जहां उन्होंने भारतीय सेना की पेट्रोलिंग ब्लॉक की है और उसी तरह भारतीय सैनिक उन जगहों पर पीछे जाएंगे जहां चीन की पेट्रोलिंग उन्होंने ब्लॉक की है। सूत्रों के मुताबिक इन दो जगहों पर उसी तरह पेट्रोलिंग हो सकेगी जैसी अप्रैल 2020 से पहले होती थी। निगरानी का मैकेनिज्म करना है तयसूत्रों के मुताबिक दोनों देशों की सेना बनी सहमति के हिसाब से ही चल रही है, इसके लिए निगरानी का मैकनिजम भी फाइनल किया जाना है। इसे लेकर देपसांग और डेमचॉक में लोकल मिलिट्री कमांडर्स मिलकर तय करेंगे कि क्या मैकेनिजम होगा। साथ ही एक दूसरे पर भरोसा फिर से बने इसके लिए लोकल कमांडर स्तर पर सामान्य मुलाकातें भी हो रही हैं। पहले गलवान, पैंगोंग के उत्तरी किनारे, कैलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में जो बफर जोन बनाए गए हैं, उन पर सहमति बनाना अभी बाकी है। इन चार जगहों पर डिसइंगेजमेंट के बाद बफर जोन बनाए गए थे, जो 3 से 10 किलोमीटर तक के हैं। इस बफर जोन में कोई पेट्रोलिंग नहीं कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक अब बातचीत सही रास्ते पर है तो इन बफर जोन को खत्म कर पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर भी बातचीत आगे बढ़ेगी। एक डी पूरा होने पर भी दो डी बाकीएलएसी पर अप्रैल 2020 से पहली वाली स्थिति तब मानी जाएगी तब तीन डी यानी डिसइंगेजमेंट, डीएस्केलेशन और डीइंक्शन पूरा हो जाए। अभी भारत और चीन के बीच बनी सहमति के हिसाब से देपसांग और डेमचॉक में डिसइंगेजमेंट होने पर पहला डी ही पूरा होगा। डिसइंगेजमेंट का मतलब है कि सैनिकों का आमने-सामने से हटना। जो दूसरी स्टेज है वह है डीएस्केलेशन। जिसका मतलब है कि दोनों देशों के सैनिक और सैन्य साजोसामान जो इस तरह तैनात किया गया है कि जरूरत पड़ने पर कभी भी एक दूसरे पर हमला हो सकता है, उसे सामान्य स्थिति में लाना। फिर तीसरा डी है, तीसरा स्टेज यानी डीइंडक्शन। अभी ईस्ट्रन लद्दाख में एलएसी पर दोनों तरफ से 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात है। डीइंडक्शन का मतलब है कि जो भी भारी तादात में सैनिक और सैन्य साजो सामान वहां तैनात है उसे वापस अपनी पुरानी पोजिशन में भेजना। उसके बाद ही कहा जा सकता है कि एलएसी पर अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हुई।
Loving Newspoint? Download the app now