लखनऊ: यूपी में मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के साथ ही मॉडल जोनिंग रेग्युलेशंस को लागू करने के लिए आवास विभाग की तरफ से सभी विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र प्राधिकरणों को बिल की कॉपी भेज दी गई है। इसके तहत 1000 वर्गफुट तक के प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए मानचित्र तो जरूरी नहीं है लेकिन इसके लिए पंजीकरण करवाना होगा। इसकी फीस महज 1 रुपये तय की गई है।
वहीं, 5000 वर्गफुट या इससे ज्यादा क्षेत्रफल के प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए आर्किटेक्ट का बनाया मानचित्र ही पर्याप्त होगा लेकिन इसके लिए सिंचाई, बिजली, फायर और मेट्रो समेत कई विभागों से एनओसी लेने की अनिवार्यता रखी गई है। इन सभी विभागों के लिए एनओसी जारी करने की समय सीमा भी तय कर दी है। इसे लेकर भेजे गए पत्र के मुताबिक आवेदन के पांच से 15 दिन के भीतर एनओसी देना अनिवार्य होगा। इस समय सीमा के बाद एनओसी स्वत: जारी मान ली जाएगी। इससे पहले एनओसी जारी करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं थी।
15 विभागों की एनओसी जरूरीभवन उपविधि एवं जोनिंग रेग्युलेशंस के नए प्रावधान के मुताबिक, 1000 वर्गमीटर के आवासीय और 300 वर्गफुट तक के कमर्शल प्लॉट पर निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म विकसित करने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों की होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए एक रुपये जमा करने के साथ ही प्लॉट का क्षेत्रफल, मालिकाना हक के दस्तावेज और कितने मंजिल तक निर्माण किया जाना है, इन सभी बिंदुओं से जुड़े दस्तावेज को खुद प्रमाणित करते हुए अपलोड करना होगा। 5000 वर्गफुट या इससे ज्यादा बड़े क्षेत्रफल के प्लॉट पर निर्माण के लिए मानचित्र बनवाना होगा। इसके लिए 15 विभागों की एनओसी जरूरी होगी। इसमें अलग-अलग जमीन और विभागों से जुड़ी जमीनों के लिए प्रतिबंधों के साथ अलग-अलग समय सीमा तय की गई है।
किस विभाग को कितने दिन में देनी होगी एनओसी
वहीं, 5000 वर्गफुट या इससे ज्यादा क्षेत्रफल के प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए आर्किटेक्ट का बनाया मानचित्र ही पर्याप्त होगा लेकिन इसके लिए सिंचाई, बिजली, फायर और मेट्रो समेत कई विभागों से एनओसी लेने की अनिवार्यता रखी गई है। इन सभी विभागों के लिए एनओसी जारी करने की समय सीमा भी तय कर दी है। इसे लेकर भेजे गए पत्र के मुताबिक आवेदन के पांच से 15 दिन के भीतर एनओसी देना अनिवार्य होगा। इस समय सीमा के बाद एनओसी स्वत: जारी मान ली जाएगी। इससे पहले एनओसी जारी करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं थी।
15 विभागों की एनओसी जरूरीभवन उपविधि एवं जोनिंग रेग्युलेशंस के नए प्रावधान के मुताबिक, 1000 वर्गमीटर के आवासीय और 300 वर्गफुट तक के कमर्शल प्लॉट पर निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म विकसित करने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरणों की होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए एक रुपये जमा करने के साथ ही प्लॉट का क्षेत्रफल, मालिकाना हक के दस्तावेज और कितने मंजिल तक निर्माण किया जाना है, इन सभी बिंदुओं से जुड़े दस्तावेज को खुद प्रमाणित करते हुए अपलोड करना होगा। 5000 वर्गफुट या इससे ज्यादा बड़े क्षेत्रफल के प्लॉट पर निर्माण के लिए मानचित्र बनवाना होगा। इसके लिए 15 विभागों की एनओसी जरूरी होगी। इसमें अलग-अलग जमीन और विभागों से जुड़ी जमीनों के लिए प्रतिबंधों के साथ अलग-अलग समय सीमा तय की गई है।
किस विभाग को कितने दिन में देनी होगी एनओसी
- विकास प्राधिकरण के नियोजन, अधिग्रहण, नजूल, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, संपत्ति और अर्बन सीलिंग से जुड़ी जमीनों के लिए : 10 दिन
- तहसील स्तर से : 10 दिन
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से कलर कोडिंग जोनिंग मानचित्रों के मुताबिक : 10 दिन
- सेना, वायु सेना स्टेशनों के दायरे में आने वाली जमीनों के लिए सेना से : 10 दिन
- 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई या 5000 वर्गफुट से अधिक ग्राउंड कवरेज वाली इमारतों के लिए अग्निशमन विभाग से : 15 दिन (सशर्त)
- भूगर्भ से : 15 दिन
- जहां मेट्रो बन चुकी है उसके 11 मीटर और जहां बन रही उसके 50 मीटर के दायरे में निर्माण के लिए : 15 दिन
- पेड़ों की कटाई की जरूरत पड़ने पर वन विभाग से : 15 दिन
- रेल लाइन से 30 मीटर दायरे के भीतर होने पर रेलवे से : 15 दिन
- बिजली विभाग से : 5 दिन
- एनएचआई से सीधे पहुंच वाली जमीनों के लिए : 10 दिन
- पीडब्ल्यूडी : 10 दिन
- संरक्षित भवनों से 300 मीटर दायरे के भीतर एएसआई/एनएमए से : 10 दिन
- कारागार भवन की दीवार से 30 मीटर दायरे के भीतर कारागार से : 10 दिन
- नगर निगम के मालिकाना हक वाली जमीन पर निर्माण के लिए शहरी स्थानीय निकाय से : 10 दिन
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