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आर्थिक नाकाबंदी... पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की कोशिश में जुटा भारत

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नई दिल्ली : पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत पाकिस्तान की आर्थिक नाकाबंदी मजबूत करने में जुट गया है। आयात-निर्यात पर रोक लगाने के बाद भारत ने सोमवार को एशियन डिवेलपमेंट बैंक से कहा कि वह पाकिस्तान को जो वित्तीय सहायता देता है, उसे घटाया जाए, जिससे आतंकवादियों की शरणस्थली बन चुके इस देश को सबक सिखाया जा सके।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ADB प्रेजिडेंट मसातो कांडा के साथ इटली में हुई मीटिंग में यह मुद्दा उठा। सूत्रों ने बताया कि भारत अपने पड़ोसी की हरकतों को देखते हुए उसे एक बार फिर से फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में भेजने की रणनीति भी बना रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से उसे मदद मिलना मुश्किल हो जाए।सूत्रों ने बताया, 'वित्त मंत्री सीतारमण ने ADB प्रेजिडेंट से मुलाकात के दौरान ग्लोबल टेरर फाइनैंसिंग का मुद्दा उठाया। वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ADB से पाकिस्तान को जो वित्तीय मिलती है, उसमें कमी की जानी चाहिए। पाकिस्तान टेररिजम को बढ़ावा देने की हरकतों से बाज नहीं आ रहा। ऐसे कदम से उसे एक कड़ा संदेश मिलेगा।' फिलहाल ADB ने पब्लिक सेक्टर लोन, ग्रांट और टेक्निकल सहायता के रूप में कुल 43.4 बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद मंजूर की है। हाल में इसने पाकिस्तान के लिए 50 करोड़ डॉलर की मदद मंजूर की थी। 4 से 7 मई तक विदेश यात्रा पर हैं वित्त मंत्रीवित्त मंत्री इटली के मिलान शहर में ADB की 58वीं सालाना मीटिंग में शामिल होने के लिए 4 से 7 मई तक विदेश यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने इटली के वित्त मंत्री जियॉनकार्लो जियोर्जेत्ती से भी मुलाकात की। सूत्रों ने बताया, 'इतालवी फाइनैंस मिनिस्टर के साथ मीटिंग में भी वित्त मंत्री सीतारमण ने ग्लोबल टेरर फाइनैंसिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इटली को पाकिस्तान के साथ अपने वित्तीय संबंधों पर नए सिरे से विचार करना चाहिए और उसे मिल रही सहायता में कमी की जानी चाहिए।' हालांकि, मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर यह मुद्दा उठाए जाने से इनकार किया है। पाकिस्तान पर शिकंजा कसासूत्रों के मुताबिक, 'भारत पाकिस्तान को एक बार फिर से फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में डाले जाने का मूव रहा है। कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल के बाद और अब वित्त मंत्री की विदेश यात्रा में ब्रिटेन और इटली सहित यूरोपीय देशों और अमेरिका से इस बारे में संपर्क किया गया है। ऐसा होने पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से पाकिस्तान को एक तो फंड मिलना कठिन हो जाएगा, दूसरे जो पैसा मिलेगा, उसके उपयोग की कड़ी निगरानी होने लगेगी।' बता दें कि FATF ग्लोबल टेरर फाइनैंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था है। इसने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। हालांकि 4 साल बाद अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था विदेशी मदद निर्भरपाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था विदेशी मदद पर बुरी तरह निर्भर है। इस साल जनवरी में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को 20 बिलियन डॉलर का कर्ज मंजूर किया था। वहीं, IMF इससे पहले 7 बिलियन डॉलर का पैकेज मंजूर कर चुका है। इस कर्ज की शर्तों के हिसाब से पाकिस्तान ने कितना काम किया है, इसकी समीक्षा बैठक 9 मई को होनी है। सूत्रों के मुताबिक, 'भारत IMF के संपर्क में भी है ताकि आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की हरकतों के हवाले से उसे मिलने वाली सहायता में कमी कराई जा सके।' कहां तक पहुंचा मामला? फाइनैंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, मिलान में सीतारमण ने ADB प्रेसिडेंट के साथ मीटिंग में 'प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देते हुए इकनॉमिक ग्रोथ तेज करने पर भारत के फोकस को दोहराया। यह भी बताया कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, कॉरपोरेट टैक्स रेट में कमी, GST लागू करने, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव जैसे कदमों से रेगुलेटरी इकोसिस्टम को मजबूत किया गया है।' वित्त मंत्री ने ADB प्रेजिडेंट से कहा कि 'भारत में ADB के लिए नए, इनोवेटिव फाइनैंसिंग प्रोडक्ट्स और मॉडल्स की शुरुआत करने के अवसर हैं। कांडा ने भारत की विकास की प्राथमिकताओं के लिए ADB के पूरे सहयोग की बात कही।'
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