गणित, उन विषयों में से है जो स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। कुछ स्टूडेंट्स को गणित के नाम से ही घबराहट होने लगती है, लेकिन अब नहीं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मैथ्स के पेचीदा से पेचीदा कैलकुलेशन को भी चुटकियों सॉल्व कर रहा है। स्टूडेंट्स को जो सवाल काफी टफ लगते हैं उन्हें एआई की मदद से आसानी से सॉल्व किया जा सकता है। एआई ने पिछले कुछ समय में गणित सीखने के तरीके को बदला है।
बहुत से स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें एआई की इस खासियत के बारे में ज्यादा पता नहीं है। मैथ्स से जुड़े इस बदलाव को विस्तृत तरीके से यहां बताया जा रहा है। ताकि आगे चलकर वह मैथ्स से डरे नहीं और गणित के सवालों को आसानी से सॉल्व करके बेस्ट रिजल्ट पा सकें। स्टूडेंट्स की मदद के लिए NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप काफी काम सकती है, जहां AI स्किल्स सीखकर स्टूडेंट्स कॉम्पिटिशन में आगे रह सकते हैं।
एआई के वर्चुअल टीचरएआई में गणित की क्लास लेने वाले वर्चुअल टीचर स्टेप-बाय-स्टेप गाइड करते हैं। एआई वर्चुअल टीचर की खास बात यह है कि आप किसी भी समय इनकी मदद ले सकते हैं, कोई सीमित समय नहीं है। एआई टीचर्स 24/7 पढ़ाने के लिए मौजूद रहते हैं। इस तरह स्टूडेंट अपनी सुविधानुसार गणित पढ़ते और समझ सकते हैं।
मैथ्स समझने का मजेदार तरीकाएआई में गणित असल जिंदगी के किस्सों और विजुवलाइजेशन के साथ सिखाई जाती है। जैसे सिर्फ फॉर्मूला याद करने से अलग बच्चे देख पाते हैं कि क्वाडरेटिक फंक्शन फिजिक्स में कैसे अप्लाई होता है। यह कई तरह के विजुअल इफेक्ट्स से समझाया जाता है।
जैसा स्टूडेंट वैसी टीचिंगएआई प्लेटफॉर्म स्टूडेंट्स की कमियों और खूबियों के हिसाब से सिखाने का तरीका चुनते हैं। यह उनकी दिक्कतों को समझकर सवालों की प्रैक्टिस और फीडबैक देते हैं। इस तरह से स्टूडेंट बेहतर स्टडी एप्रोच सीखते हैं। जैसे किसी स्टूडेंट को ज्योमेट्री आसान लग सकती है लेकिन बाकि सिलेबस उसके लिए कठिन हो सकता है। इस वक्त एआई अपने स्ट्रेटजी इसी जरूरत को देखते हुए सेट करता है।
गेम वाली तकनीकगणित पढ़ाने के लिए एआई ड्रिवेन मैथ्स ऐप गेम का इस्तेमाल भी करते हैं। गेमिफिकेशन (Gamification) तकनीक के साथ बच्चों के लिए गणित इंटरेक्टिव सेशन जैसा बन जाता है। इस तकनीक से टफ मैथ्स भी मजेदार विषय लगने लगता है।
तुरंत फीडबैक और हलपारंपरिक क्लास में बच्चों को टेस्ट रिजल्ट का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन एआई टूल्स के साथ ऐसा नहीं होता है। इसमें फीडबैक तुरंत मिलता है और सवाल सही या गलत होने का कारण भी समझाया जाता है। इससे बच्चे एक ही गलती बार-बार नहीं करते हैं और उनका गणित को लेकर आत्मविश्वास भी मजबूत होता है।
क्रिटिकल थिंकिंग बनाएगी फ्यूचरइस तरह के एआई प्लेटफॉर्म स्टूडेंट को एनालिटिकल और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल सिखाते हैं। इन स्किल के साथ साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में करियर बनाना आसान हो सकता है। तब कठिन से कठिन सवालों को हल करने में बच्चे परेशान नहीं होते हैं बल्कि उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ हल करते हैं।
अपनी भाषा में सीखेंगणित सीखने वाले स्टूडेंट्स के साथ भाषा की परेशानी भी होती है। कई ऐसे टर्म्स होते हैं जो इंग्लिश में ही होते हैं, जिनको समझना सबके लिए आसान नहीं होता है। पर एआई स्टूडेंट को उनकी भाषा में ही गणित के टर्म्स समझाता है ताकि उन्हें यह आसानी से समझ आ सके।
टीचर की जगह नहीं लेगाखास बात यह कि एआई टीचर की जगह नहीं ले रहा है बल्कि उनके असिस्टेंट की तरह काम करता है। यह बच्चों की कमियों को पहचानता है, उनकी क्लास परफॉर्मेंस एनालाइज करता है, फिर क्रिएटिव टीचिंग स्ट्रेटजी के सहारे पढ़ाता है।
बहुत से स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें एआई की इस खासियत के बारे में ज्यादा पता नहीं है। मैथ्स से जुड़े इस बदलाव को विस्तृत तरीके से यहां बताया जा रहा है। ताकि आगे चलकर वह मैथ्स से डरे नहीं और गणित के सवालों को आसानी से सॉल्व करके बेस्ट रिजल्ट पा सकें। स्टूडेंट्स की मदद के लिए NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप काफी काम सकती है, जहां AI स्किल्स सीखकर स्टूडेंट्स कॉम्पिटिशन में आगे रह सकते हैं।
एआई के वर्चुअल टीचरएआई में गणित की क्लास लेने वाले वर्चुअल टीचर स्टेप-बाय-स्टेप गाइड करते हैं। एआई वर्चुअल टीचर की खास बात यह है कि आप किसी भी समय इनकी मदद ले सकते हैं, कोई सीमित समय नहीं है। एआई टीचर्स 24/7 पढ़ाने के लिए मौजूद रहते हैं। इस तरह स्टूडेंट अपनी सुविधानुसार गणित पढ़ते और समझ सकते हैं।
मैथ्स समझने का मजेदार तरीकाएआई में गणित असल जिंदगी के किस्सों और विजुवलाइजेशन के साथ सिखाई जाती है। जैसे सिर्फ फॉर्मूला याद करने से अलग बच्चे देख पाते हैं कि क्वाडरेटिक फंक्शन फिजिक्स में कैसे अप्लाई होता है। यह कई तरह के विजुअल इफेक्ट्स से समझाया जाता है।
जैसा स्टूडेंट वैसी टीचिंगएआई प्लेटफॉर्म स्टूडेंट्स की कमियों और खूबियों के हिसाब से सिखाने का तरीका चुनते हैं। यह उनकी दिक्कतों को समझकर सवालों की प्रैक्टिस और फीडबैक देते हैं। इस तरह से स्टूडेंट बेहतर स्टडी एप्रोच सीखते हैं। जैसे किसी स्टूडेंट को ज्योमेट्री आसान लग सकती है लेकिन बाकि सिलेबस उसके लिए कठिन हो सकता है। इस वक्त एआई अपने स्ट्रेटजी इसी जरूरत को देखते हुए सेट करता है।
गेम वाली तकनीकगणित पढ़ाने के लिए एआई ड्रिवेन मैथ्स ऐप गेम का इस्तेमाल भी करते हैं। गेमिफिकेशन (Gamification) तकनीक के साथ बच्चों के लिए गणित इंटरेक्टिव सेशन जैसा बन जाता है। इस तकनीक से टफ मैथ्स भी मजेदार विषय लगने लगता है।
तुरंत फीडबैक और हलपारंपरिक क्लास में बच्चों को टेस्ट रिजल्ट का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन एआई टूल्स के साथ ऐसा नहीं होता है। इसमें फीडबैक तुरंत मिलता है और सवाल सही या गलत होने का कारण भी समझाया जाता है। इससे बच्चे एक ही गलती बार-बार नहीं करते हैं और उनका गणित को लेकर आत्मविश्वास भी मजबूत होता है।
क्रिटिकल थिंकिंग बनाएगी फ्यूचरइस तरह के एआई प्लेटफॉर्म स्टूडेंट को एनालिटिकल और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल सिखाते हैं। इन स्किल के साथ साइंस, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में करियर बनाना आसान हो सकता है। तब कठिन से कठिन सवालों को हल करने में बच्चे परेशान नहीं होते हैं बल्कि उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ हल करते हैं।
अपनी भाषा में सीखेंगणित सीखने वाले स्टूडेंट्स के साथ भाषा की परेशानी भी होती है। कई ऐसे टर्म्स होते हैं जो इंग्लिश में ही होते हैं, जिनको समझना सबके लिए आसान नहीं होता है। पर एआई स्टूडेंट को उनकी भाषा में ही गणित के टर्म्स समझाता है ताकि उन्हें यह आसानी से समझ आ सके।
टीचर की जगह नहीं लेगाखास बात यह कि एआई टीचर की जगह नहीं ले रहा है बल्कि उनके असिस्टेंट की तरह काम करता है। यह बच्चों की कमियों को पहचानता है, उनकी क्लास परफॉर्मेंस एनालाइज करता है, फिर क्रिएटिव टीचिंग स्ट्रेटजी के सहारे पढ़ाता है।
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