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स्विस बैंक में जमा भारतीयों का पैसा क्या काला धन है? जानें इन बैंकों में रकम जमा करना क्यों पसंद करते हैं अमीर

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नई दिल्ली: स्विस बैंकों का आकर्षण अभी भी बरकरार है। स्विस नेशनल बैंक (SNB) ने हाल ही में बताया कि साल 2024 में स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का पैसा तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। यह लगभग 37,600 करोड़ रुपये (3.54 बिलियन स्विस फ्रैंक) तक पहुंच गया है। यह 2021 के बाद सबसे ज्यादा है।



जब भी बात स्विस बैंकों की आती है, जहन में ब्लैक मनी यानी काला धन का विचार आ जाता है। समझा जाता है कि स्विस बैंकों में जितना भी पैसा है, वह ब्लैक मनी है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। स्विस अधिकारियों और भारतीय सरकार ने साफ किया है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा काला धन नहीं माना जा सकता। हालांकि इसमें वो पैसा शामिल नहीं है जो भारतीय, NRI या अन्य लोग तीसरे देशों की कंपनियों के नाम पर जमा करते हैं।



स्विस बैंक में ही जमा क्यों करते हैं पैसा?अमीर लोग स्विस बैंकों को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि जब उनके देश में राजनीतिक माहौल खराब होता है या पैसे की कीमत गिरती है तो ये बैंक उनके पैसे को सुरक्षित रखते हैं। अंतरराष्ट्रीय कारोबार और लेन-देन आसान होता है। साथ ही स्विस बैंक में खाता खुलवाना अमीर लोगों के क्लब में शामिल होने जैसा है। इस क्लब में शामिल होने के कई फायदे हैं। जैसे कि आपको ऐसे निवेश के मौके मिलते हैं, जिनमें बाहर के लोगों को आसानी से एंट्री नहीं मिलती।



स्विस फ्रैंक एक स्थिर मुद्रा है। इसलिए इसमें आपका पैसा विदेशी मुद्रा बाजार में होने वाले उतार-चढ़ावों से बचा रहता है। स्विट्जरलैंड के ट्रस्ट कानून भी बहुत अच्छे हैं। इनसे आप अपने परिवार की संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं। आप एक ऑफशोर ट्रस्ट बना सकते हैं और उसमें अपने परिवार के सदस्यों को लाभार्थी बना सकते हैं, चाहे वो दुनिया में कहीं भी रहते हों।



क्या है स्विस बैंक?स्विट्जरलैंड में मौजूद बैंक स्विस बैंक कहलाते हैं। ये बैंक दुनियाभर में अपनी सख्त प्राइवेसी और मजबूत सिक्योरिटी के लिए फेमस हैं। इन बैंकों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां अकाउंट रखने वालों की जानकारी न तो किसी व्यक्ति को दी जाती है और न ही संबंधित देशों की सरकारों को।



स्विस बैंकों की शुरुआत 17वीं सदी में हुई थी। साल 1713 में स्विट्जरलैंड में गोपनीयता से जुड़े सख्त कानून बनाए गए, जिसने इन बैंकों की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। यहां ग्राहकों के अकाउंट को एक विशेष नंबर से पहचाना जाता है, जिसे 'नंबर्ड अकाउंट' कहा जाता है। यही कारण है कि स्विस बैंक दुनियाभर के अमीरों को पसंद आते हैं।

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