जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिससे पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकियों ने ली थी। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने की तैयारी शुरू कर दी है, और इसके लिए 59 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजने का निर्णय लिया गया है।
पाकिस्तान के आतंक को दुनिया के सामने लाने का भारत का कूटनीतिक कदम
भारत की इस कूटनीतिक कार्रवाई से एक सवाल उठता है: क्या पाकिस्तान के आतंक को दुनिया के सामने लाने से उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई नुकसान होगा? यह कदम पाकिस्तान के द्वारा किए गए पिछले हमलों को लेकर उठाया जा रहा है। आइए जानते हैं भारत के इस प्रयास की पिछली पृष्ठभूमि के बारे में।
मनमोहन सरकार का कूटनीतिक कदम: पाकिस्तान को बेनकाब करने की योजना
भारत ने 2008 के मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सैन्य कार्रवाई के बजाय कूटनीतिक हमले का विकल्प चुना था। 13 फरवरी 2009 को तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में बयान दिया था कि भारत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और पाकिस्तान में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट किया जाए।
कूटनीतिक सफलता: लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठन को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना
भारत सरकार के इन कदमों का परिणाम यह हुआ कि 2008 के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने लश्कर-ए-तैयबा (LET) और अन्य पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों को वैश्विक आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध किया। इसके अलावा, जकी-उर-रहमान लखवी, जो मुंबई हमले में मुख्य आरोपी था, को भी UNSC की सूची में डाला गया।
टीआरएफ: लश्कर का आतंकी संगठन बन चुका है पाकिस्तान का नया आतंकवादी समूह
अब भारत ने पाकिस्तान के “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (टीआरएफ) को लश्कर के आतंकी संगठन के रूप में घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है। टीआरएफ वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि बाद में पाकिस्तान के दबाव में उसने अपनी जिम्मेदारी से मुकर लिया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को टीआरएफ के आतंकवादी संबंधों के बारे में जानकारी दी है।
भारत का अगला कदम: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को बेनकाब करना
भारत के 59 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को “वैश्विक आतंकवाद स्पॉन्सर्ड मुल्क” के रूप में पहचान दिलवाना है। इस प्रतिनिधिमंडल के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों जैसे मुरीदके और बहावलपुर को दुनियाभर में उजागर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन ठिकानों को “आतंकी विश्वविद्यालय” करार दिया था, जिन्हें हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ध्वस्त कर दिया था।
क्या भारत का कूटनीतिक कदम पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान को दुनियाभर में बेनकाब करने से उसे कोई बड़ा नुकसान होगा? भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद को उजागर करेगा और उसे वैश्विक स्तर पर निंदा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, पाकिस्तान की ओर से मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को फिर से स्थापित करने के फैसलों को भी सामने लाया जाएगा।
यह भी पढ़ें:
You may also like
Travel Tips- दार्जिलिंग घूमने गए और इन जगहों पर नहीं घूमें तो क्या घूमें, जानिए इन जगहों के बारे में
Health Tips- प्रतिदिन पत्थरचट्टा खाने के लाभ जानकर हैरान हो जाएंगे आप, ऐसे करें सेवन
दिल्ली के स्कूल में 4 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ का मामला
Health Tips- खाली पेट कच्चा लहसुन खाने से क्या मिलते है फायदें, आइए जानें
राजस्थान में महिला कांस्टेबल से लाखों रुपए की ठगी! ट्रेडिंग का झांसा डकार बनाया था शिकार, आरोपी गिरफ्तार