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यूपीः 6 दिन बाद BJP विधायक की हुई सुनवाई, सरेआम पीटने वाले दबंग वकील और उसकी पत्नी पर दर्ज हुआ केस

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीजेपी विधायक योगेश वर्मा से मारपीट मामले में आखिरकार 6 दिन बाद बुधवार को पुलिस ने वकील और बीजेपी के पूर्व नेता अवधेश सिंह और उनकी पत्नी एवं अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने बताया कि अवधेश सिंह के दो सहयोगियों संग्राम सिंह, नीरज सिंह और 36 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। उसने बताया कि यह घटना 9 अक्टूबर को यूसीबी के बोर्ड चुनाव के लिए बैंक मुख्यालय में नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान हुई थी।

पुलिस ने बताया कि मंगलवार रात को कोतवाली थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189 (अवैध रूप से इकट्ठा होना), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना), 131 (हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 304 (1) (झपटमारी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। खीरी कोतवाली के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।

लखीमपुर खीरी के विधायक की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। बीजेपी की ओर से अवधेश सिंह और उनके साथियों को पार्टी से निष्कासित किए जाने के पांच दिन बाद यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। अपनी शिकायत में वर्मा ने आरोप लगाया कि 9 अक्टूबर को यूसीबी बोर्ड चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान अवधेश सिंह और पुष्पा सिंह ने बीजेपी व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजू अग्रवाल से नामांकन पत्र छीन लिया और उनके साथ मारपीट की। बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी सोने की चेन भी छीन ली।

वर्मा ने आरोप लगाया कि दोनों ने अपने 30 से 40 अन्य साथियों के साथ मिलकर प्रतिनिधि पद के कई अन्य इच्छुक उम्मीदवारों से जबरन नामांकन पत्र छीन लिए। उन्होंने दावा किया कि जब उन्हें इसकी सूचना मिली तो वह पटेल नगर स्थित अपने कार्यालय से मौके पर पहुंचे, लेकिन अवधेश सिंह ने उन पर हमला कर दिया और उनके साथियों संग्राम सिंह और नीरज सिंह ने भी मारपीट की, जिससे वह घायल हो गए। शिकायत में दावा किया गया कि यह सब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ और घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं।

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद संपर्क किए जाने पर विधायक वर्मा ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता हूं क्योंकि उनके निर्देश के बाद ही प्राथमिकी दर्ज हो सकी।” बीजेपी विधायक ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और पार्टी संगठन को “उनके साथ खड़े रहने के लिए” धन्यवाद दिया और कहा कि वह “पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे”। इस बीच, अवधेश सिंह से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे।

इससे पहले मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी की प्रदेश इकाई के महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला ने अवधेश सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बीजेपी जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव और बीजेपी कार्यकर्ता ज्योति शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और बीजेपी विधायक के साथ कथित दुर्व्यवहार के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। बीजेपी ने अवधेश सिंह, पुष्पा सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को अनुशासनहीनता के आरोप में रविवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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