12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने न सिर्फ सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे देश को सदमे में डाल दिया। अब इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, हादसे के एक महीने बाद शनिवार देर रात जारी की गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से मिले आखिरी क्षणों के संवादों को भी साझा किया गया है, जो इस दुखद घटना को और भी ज्यादा भावनात्मक और दर्दनाक बना देते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के ठीक कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। यही नहीं, टेकऑफ के समय जब विमान 180 नॉट की रफ्तार पर था, तभी कॉकपिट में एक पायलट ने दूसरे से घबराए हुए स्वर में पूछा, "तुमने ईंधन क्यों काटा?" जवाब में दूसरा पायलट बोला, "मैंने ऐसा नहीं किया।" यह बातचीत भारतीय समय अनुसार 13:38:42 पर हुई, जब दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच से अचानक 'Run' से 'Cutoff' पर चले गए।
यह वही क्षण था जब बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भर चुका था और कुछ मिनट बाद ही बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर पर आकर गिर पड़ा। इस भयावह दुर्घटना में कुल 260 लोगों की जान गई, जिसमें विमान में सवार 241 यात्री और क्रू के अलावा 19 जमीन पर मौजूद लोग भी शामिल थे। केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बच पाया।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि इंजन बंद होने के बाद पायलट्स ने विमान को दोबारा कंट्रोल में लाने की जी-तोड़ कोशिश की। इंजन नंबर 1 को 13:38:52 पर और इंजन 2 को 13:38:56 पर दोबारा 'Run' मोड में लाया गया। इस दौरान दोनों इंजनों की EGT (Exhaust Gas Temperature) में वृद्धि देखी गई, जिससे संकेत मिलता है कि वे फिर से स्टार्ट होने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि इंजन 1 कुछ हद तक चालू हो गया था, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह फेल हो गया। दोनों इंजनों की N2 वैल्यू, जो कोर रोटर की स्पीड बताती है, खतरे की सीमा से नीचे चली गई थी। इन कोशिशों के बावजूद विमान को बचाया नहीं जा सका और 13:39:11 पर वह जमीन से टकरा गया।
टक्कर के बाद विमान का मलबा चारों ओर बिखर गया। दोनों इंजन और फ्लाइट रिकॉर्डर मौके से बरामद किए गए और उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट के सुरक्षित हैंगर में रखा गया है। फ्लाइट रिकॉर्डर का पिछला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था और पारंपरिक तरीकों से डेटा नहीं निकाला जा सका।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हादसे के बाद एक विशेषज्ञ टीम – जिसमें पायलट, इंजीनियर, एविएशन मनोवैज्ञानिक और तकनीकी विश्लेषक शामिल हैं – ने इस जांच में भाग लिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट प्रारंभिक है और अंतिम रिपोर्ट विस्तृत विश्लेषण के बाद जारी की जाएगी।
इस रिपोर्ट ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि आसमान में उड़ने का सपना, अगर ज़रा सी तकनीकी चूक या सिस्टम फेलियर का शिकार हो जाए, तो वो कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकता है। जिन परिवारों ने इस हादसे में अपनों को खोया, उनके जख्म शायद कभी नहीं भर पाएंगे।
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