By Jitendra Jangid- दोस्तो हिंदू धर्म में सभी देवी देवाताओं को महत्वपूर्ण माना जाता हैं लेकिन बात करें मगंलवार की तो इस दिन हनुमान जी की विशेष माना पूजा जाता हैं, जिन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है - बाधाओं को दूर करने वाले और परेशानियों से बचाने वाले। इस दिन कुछ आध्यात्मिक अभ्यास और उपाय करने से, भक्त उनकी दिव्य कृपा, शक्ति और सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं मंगलवार के दिन कौनसे उपाय करने से भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं-

भगवान हनुमान को सिंदूर चढ़ाएं:
हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर लगाएं।
इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और शक्ति और साहस मिलता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करें:
मंगलवार को भक्तिपूर्वक हनुमान चालीसा का जाप करने से भय और नकारात्मकता दूर होती है।
बंदरों को खिलाएं:
बंदरों को गुड़ और भुने हुए चने, केले या मूंगफली खिलाएं।
यह दयालुता का कार्य भगवान हनुमान को प्रसन्न करता है, जिन्हें बंदरों से बहुत प्यार है।

राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें:
इस स्तोत्र का जाप करने से ईश्वरीय सुरक्षा और मन की शांति मिलती है।
कुछ गतिविधियों से बचें:
इस दिन कर्ज न लें, मांस या शराब का सेवन न करें, न ही बहस या लड़ाई में शामिल हों।
ऐसे काम मंगलवार के आध्यात्मिक लाभ को बाधित कर सकते हैं।
सुंदरकांड का पाठ करें:
सुंदरकांड (रामायण का एक अध्याय जो हनुमान के वीर कर्मों को समर्पित है) का पाठ करने से आशीर्वाद मिलता है और बाधाएँ दूर होती हैं।
चमेली के तेल का दीपक जलाएँ:
आध्यात्मिक शुद्धि और कृपा के लिए हनुमान जी के सामने चमेली के तेल से भरा दीया जलाएँ।
बजरंगबली को तुलसी के पत्ते चढ़ाएँ:
तुलसी पवित्र है और हनुमान जी को इसके पत्ते चढ़ाना भक्ति और पवित्रता का प्रतीक है।
Disclaimer: This content has been sourced and edited from [ZeeNewsHindi]
You may also like
Rajasthan Weather Update: भीषण गर्मी के कारण तंदूर बना राजस्थान, जैसलमेर में 48.0 डिग्री पहुुंचा तापमान, आज के लिए जारी हुआ है ये अलर्ट
'तू मेरी नहीं तो किसी और की होने नहीं दूंगा...' राजस्थान में सिरफिरे आशिक का खौफनाक कांड, गला काटकर खुद पहुंचा थाने
मंत्री विजय शाह ने तीसरी बार मांगी माफी
दामाद की रहस्यमयी मौत ने मचाई सनसनी! पत्नी को लाने आया था ससुराल, लेकिन अगले दिन पेड़ से लटका मिला शव
राजस्थान का अनोखा गांव! जहां 8 महीने पहाड़ी पर और 4 महीने तलहटी में रात बिताने को मजबूर हैं लोग, मजबूरी या परंपरा जाने क्या है राज़ ?