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कटहल खाकर नशा? केरल की चौंकाने वाली घटना से उठे कई सवाल, जानिए विशेषज्ञों की राय

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क्या पके हुए फलों से ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट फेल हो सकता है?

केरल के पठानमथिट्टा जिले से सामने आई एक अजीब घटना ने सबको हैरानी में डाल दिया है। यहां तीन सरकारी बस ड्राइवरों को बिना शराब पिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। जब जांच की गई तो सामने आया कि इन ड्राइवरों ने शराब नहीं, बल्कि सिर्फ पका हुआ कटहल खाया था। इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया – क्या कटहल खाने से नशा हो सकता है?

क्या हुआ था मामला?

यह घटना पंडालम डिपो की है, जहां रूट पर रवाना होने से पहले बस ड्राइवरों का रूटीन ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया। तीनों ड्राइवरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जबकि तीनों ने दावा किया कि उन्होंने एक बूंद भी शराब नहीं पी। अधिकारियों को यह बात अजीब लगी, इसलिए दोबारा जांच के निर्देश दिए गए।

ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फिर फेल

तीनों ड्राइवरों ने दोबारा परीक्षण करवाया, लेकिन रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई। इससे अधिकारी उलझन में पड़ गए। आखिर तीनों ड्राइवर एक साथ झूठ क्यों बोलेंगे? तभी एक ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने हाल ही में थेन्नवरिका (Honey Jackfruit) नामक मीठे कटहल का सेवन किया है, जो कि कोल्लम जिले से लाया गया था।

प्रयोग से खुला राज़

संदेह दूर करने के लिए अधिकारियों ने एक अन्य कर्मचारी से वही कटहल खाने को कहा और तुरंत बाद उसका ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया। हैरानी की बात यह रही कि उस कर्मचारी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई, जबकि उसने भी कोई शराब नहीं पी थी। इसके बाद स्पष्ट हो गया कि वास्तव में मामला कटहल से जुड़ा हुआ है, न कि शराब से।

क्या सच में कटहल से आता है नशा?

विशेषज्ञों के अनुसार, थेन्नवरिका किस्म का कटहल जब अत्यधिक पक जाता है तो उसमें प्राकृतिक रूप से किण्वन (fermentation) की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस प्रक्रिया में इथेनॉल (alcohol) बनने लगता है, जो ब्रेथ एनालाइजर द्वारा पकड़ा जा सकता है।

यही नहीं, कुछ और फल जैसे:

  • केला (Banana)
  • आम (Mango)
  • ड्यूरियन (Durian)
    भी अधिक पकने पर थोड़ी मात्रा में इथेनॉल उत्पन्न करते हैं। यदि इन फलों को खाने के तुरंत बाद ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाए तो गलत रीडिंग आ सकती है।
विशेषज्ञों की राय

फूड साइंस और टॉक्सिकोलॉजी के विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं दुर्लभ जरूर हैं लेकिन असंभव नहीं। पके हुए फलों में प्राकृतिक शराब की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे नशा नहीं होता, लेकिन ब्रेथ एनालाइजर उसे पकड़ सकता है।

इस घटना से क्या सबक मिला?
  • ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट की सटीकता को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
  • टेस्ट से पहले खाने-पीने की वस्तुओं का भी ध्यान रखा जाए।
  • अधिकारियों को ऐसी घटनाओं के लिए वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
निष्कर्ष

इस पूरी घटना से यह साबित होता है कि हर बार ब्रेथ एनालाइजर पॉजिटिव आने का मतलब शराब पीना नहीं होता। कभी-कभी प्राकृतिक रूप से किण्वित खाद्य पदार्थ भी इस तरह की गलत रिपोर्ट दे सकते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में जांच और विवेक से काम लेना बेहद जरूरी है।

(अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।)

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