New Delhi, 27 अक्टूबर . भारतीय निर्वाचन आयोग ने Monday को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पहले चरण के अंतर्गत बिहार में हुए एसआईआर पर किसी Political दल द्वारा विरोध नहीं करने की बात कही.
एसआईआर के पहले चरण में बिहार के अंदर Political विरोध झेलना पड़ा था. लेकिन, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साफ किया कि पहले चरण के एसआईआर में आयोग के पास शून्य आपत्ति आई. ऐसे में विरोध करने वालों ने क्या जनता को गुमराह करने का काम किया?
के सवाल के जवाब में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने साफ किया कि किसी भी Political दल ने एसआईआर का विरोध नहीं किया.
उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ऐसा नहीं मानता कि बिहार में एसआईआर का किसी Political दल ने विरोध किया, क्योंकि जमीनी स्तर पर 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स ने सक्रिय तौर पर बूथ लेवल अधिकारियों और मतदाताओं के साथ मिलकर काम किया.”
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हर जिले में Political दलों के जो जिलाध्यक्ष थे, उन्होंने सक्रिय तौर पर अपना योगदान दिया. इसी तरीके से राज्य स्तर पर भी सीईओ के साथ मिलकर सभी Political दलों ने इसका स्वागत किया. जब हम बिहार गए थे, तो सभी Political दलों ने हमसे मुलाकात भी की थी. जहां तक Political बयानों की बात है, उन पर चुनाव आयोग टिप्पणी नहीं करता है.”
चुनाव आयोग ने Monday को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है. दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा. इसके अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, Rajasthan , पुडुचेरी, Madhya Pradesh, लक्षद्वीप, केरल, Gujarat, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है.
आयोग ने बताया कि Monday रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा.
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एससीएच/एबीएम
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