New Delhi, 11 नवंबर . देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट की जांच की जिम्मेदारी अब नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कई अधिकारी शामिल हुए थे. इस बैठक में ही फैसला किया गया कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की जिम्मेदारी अब एनआईए को सौंपी जाएगी, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके.
दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में कम से कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. इसके अलावा कई अन्य घायल हो गए. घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इससे पहले, इस हमले की जांच के लिए दिल्ली Police सहित अन्य जांच एजेंसियों की तरफ से एक टीम गठित की गई थी. इस टीम में 500 से ज्यादा जवान और अन्य अधिकारी शामिल किए गए थे. इसके अलावा, 1 हजार से भी ज्यादा cctv कैमरे खंगाले जा रहे हैं, ताकि हमले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा सके.
वहीं, दिल्ली में हुए हमले के बाद अन्य राज्यों की Police भी सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अलर्ट हो चुकी है. दिल्ली से सटे राज्यों से आने वाले वाहनों की सघन जांच की जा रही है, ताकि हर प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा सके.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लाल किले के पास ब्लास्ट में प्रयुक्त कार फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित सेकेंड हैंड डीलर से खरीदी गई थी. आई -20 कार सलमान के पास थी, जिसे Monday को तत्काल गिरफ्तार किया गया.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कार का मालिकाना हक कई बार बदला जा चुका है. इसे पहले नदीम को बेचा गया. इसके बाद फरीदाबाद के सेकेंड हेंड डीलर को. इसके बाद यह गाड़ी आमिर ने खरीदी, इसके बाद तारीक ने, जिस पर फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह है. इसके बाद मोहम्मद उमर ने इसे खरीद लिया था.
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एसएचके/एएस
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