भुवनेश्वर, 24 अगस्त . ओडिशा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (ओआरएसएसी) लघु खनिजों के अवैध खनन और फसल के नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए नए तकनीकी समाधान को लॉन्च करने की तैयारी में है.
ओडिशा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (ओआरएसएसी) राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने वाले रेत और पत्थर जैसे लघु खनिजों के अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए नए प्रयोग शुरू करने की तैयारी में है.
इसके साथ ही, यह उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग करके विभिन्न जिलों में फसल रकबे का पता लगाने के लिए एडवांस उपकरण भी विकसित कर रहा है.
ओआरएसएसी की मुख्य कार्यकारी रश्मिता पांडा ने से बात करते हुए बताया, “नए अनुप्रयोग शासन को मजबूत करेंगे और अधिक पारदर्शिता लाएंगे. ‘ओआरएसएसी’ एक ऐसा अनुप्रयोग विकसित करने की प्रक्रिया में है, जो अनधिकृत खनन गतिविधियों, विशेष रूप से रेत खनन और पत्थर उत्खनन पर नजर रखेगा. रबी फसलों के लिए एक पायलट परियोजना के तहत आईसीआरआईएसएटी (इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स) के सहयोग से फसल क्षेत्र का सटीक पता लगाने पर केंद्रित एक अन्य परियोजना प्रगति पर है.”
उन्होंने कहा, “ऐसे अनुप्रयोग न केवल सरकार को अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेंगे, बल्कि कृषि नियोजन और छोटे व सीमांत किसानों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने में भी सहायक होंगे. 1984 में स्थापित, ओआरएसएसी राज्य शासन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में अग्रणी रहा है. पिछले कुछ वर्षों में, इसने कृषि, वन, खान, हथकरघा और हस्तशिल्प जैसे विभागों की सेवा में 62 से अधिक अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग विकसित किए हैं.”
पांडा ने बताया कि इससे पहले, ओआरएसएसी ने ओडिशा वन प्रबंधन प्रणाली और धान खरीद जीआईएस विकसित किया था, जो उपग्रह चित्रों का उपयोग करके अनधिकृत धान बिक्री का पता लगाते हैं और साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि छोटे व सीमांत किसानों तक सहायता पहुंचे.
उन्होंने कहा, “ओआरएसएसी ने जिस प्रकार के अनुप्रयोग बनाए हैं और आगे बनाते रहेंगे, वे शासन और पारदर्शिता में सुधार के लिए डिजाइन किए गए हैं.”
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एससीएच/एबीएम
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