नई दिल्ली, 2 जून . देश में कोविड-19 के लगभग 4,000 सक्रिय मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को आश्वासन दिया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि संक्रमण की मौजूदा लहर से अस्पतालों पर अधिक बोझ पड़ने की संभावना नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साझा किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, 3,961 सक्रिय कोविड मामले हैं. 1 जनवरी, 2025 से अब तक कई राज्यों में मौतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है. इस बीच, पिछले 24 घंटों में 2,188 मरीज़ों को छुट्टी दे दी गई या वे चले गए, जो इसके संक्रमण दर में सुधार को दर्शाता है.
नई दिल्ली स्थित एम्स के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने से कहा, “इस बात की संभावना बहुत कम है कि मौजूदा संक्रमण के कारण अस्पतालों पर अधिक बोझ पड़ेगा. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, प्रकोप को शुरुआती चरण में ही पकड़ने के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है.”
केरल (1,435), महाराष्ट्र (506), दिल्ली (483), गुजरात (338) और पश्चिम बंगाल (331) में अब तक सबसे अधिक मामले सामने आए हैं.
यह नई लहर दो नए कोरोनावायरस वेरिएंट, एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 के कारण आई है, जो ओमिक्रॉन जेएन.1 वेरिएंट के म्यूटेशन हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत गठित भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के अनुसार, दोनों भारत में पाए गए.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू संयुक्त अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ. एस.के. चौधरी ने को बताया, ” कोविड के मामले फिर से पॉजिटिव आ रहे हैं, घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. यह जेएन.1 वेरिएंट के कारण है, जो फिर से सामने आ रहा है.”
साल्वे ने कहा कि इन वेरिएंट के कारण गंभीर संक्रमण की संभावना नहीं है, क्योंकि अधिकांश आबादी में प्राकृतिक प्रतिरक्षा होती है.
उन्होंने कहा, “लक्षण पहले के कोविड संक्रमणों के समान हैं. चूंकि अधिकांश आबादी पहले ही संक्रमित हो चुकी है, इसलिए उनके पास प्राकृतिक प्रतिरक्षा होती है, जो उन्हें बीमारी के गंभीर रूप से प्रकट होने से बचाती है.”
हालांकि, विशेषज्ञ ने कहा कि “इस सब-वेरायटी की संक्रामकता बहुत अधिक है. कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, गंभीर बीमारी वाले रोगियों और बुजुर्गों को संक्रमण से सुरक्षा के लिए एन95 मास्क पहनने की आवश्यकता है. सामान्य तौर पर, खांसी स्वच्छता और हाथ धोने का अभ्यास करने की आवश्यकता है.”
–
एकेएस/जीकेटी
The post first appeared on .
You may also like
दस लाख छात्रों की भीड़, आर्मी टैंक के नीचे दबकर कचुंबर बने लोग और 10 हजार मौतें... जब दुनिया ने देखी चीन की बर्बरता
रूस में डॉक्टर बनने क्यों जाते हैं भारतीय, क्या है यहां MBBS करने की वजह? रूसी प्रोफेसर ने खोला बड़ा 'राज'
आज का कर्क राशिफल, 4 जून 2025 : दिन रहेगा शुभ, बिजनेस में हर किसी पर न करें विश्वास
Aaj Ka Ank Jyotish 4 June 2025 : मूलांक 5 वाले कार्यस्थल पर सोच-समझकर लें कोई भी फैसला, जन्मतिथि से जानें आज का भविष्यफल
मॉर्निंग की ताजा खबर, 04 जून: RCB की जीत के बाद फूट-फूटकर रोए कोहली, भारत की तरक्की पर पाकिस्तान का दांव... पढ़ें अपडेट्स